प्रतीकात्मक फोटो
चंडीगढ़:
पंजाब सूचना आयोग ने बुधवार को कहा कि सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत पंजाब क्रिकेट संघ (पीसीए) को सार्वजनिक प्राधिकरण माना जाएगा। मुख्य सूचना आयुक्त एस.एस. चैनी ने कहा कि आयोग की पूर्ण पीठ ने यह फैसला लिया है कि राज्य में क्रिकेट का संचालन करने वाली ताकतवर संस्था पीसीए आरटीआई के तहत सर्वाजनिक प्राधीकरण है।
मोहाली की जमीन न होती तो उसे संघर्ष करना पड़ता
चैनी ने कहा कि रिकॉर्ड में मौजूद सारे दस्तावेजों को देखकर आयोग ने सर्वसम्मति से यह माना है कि अगर पीसीए के पास मोहाली की जमीन न होती तो उसे संघर्ष करना पड़ता। यह जमीन पीसीए को क्रिकेट स्टेडियम बनाने के लिए सरकार ने मामूली कीमत पर पट्टे पर दी और साथ ही सहायता राशि भी मुहैया कराई।
पंजाब क्रिकेट संघ निजी संस्था नहीं है
उन्होंने कहा कि आयोग ने पीसीए के तत्कालीन अध्यक्ष आई.एस. बिंद्रा के बयान को भी ध्यान में रखा है जिसमें उन्होंने सीबीआई के सामने कहा था कि पंजाब क्रिकेट संघ निजी संस्था नहीं है। यह सार्वजनिक संस्था है जो पंजाब में क्रिकेट के प्रचार-प्रसार, विकास के लिए एकमात्र रूप से जिम्मेदार है। आयोग ने अगस्त 2008 में पीसीए को आरटीआई के तहत लाने के आदेश दिए थे।
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में दी थी चुनौती
आयोग के इस आदेश को पीसीए ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने मई 2011 में पीसीए की अपील को खारिज कर दिया था। हालांकि इसी न्यायालय में पीसीए ने दोबारा याचिका दायर की थी। इस बार अदालत ने दिसंबर 2013 में राज्य सूचना आयोग के आदेश को रद्द कर दिया था। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने इस मामले पर नए सिरे से फैसला सुनाने के लिए वापस सूचना आयोग को भेज दिया था, जिसके बाद आयोग की पूर्ण पीठ ने अपना अंतिम फैसला सुना दिया।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मोहाली की जमीन न होती तो उसे संघर्ष करना पड़ता
चैनी ने कहा कि रिकॉर्ड में मौजूद सारे दस्तावेजों को देखकर आयोग ने सर्वसम्मति से यह माना है कि अगर पीसीए के पास मोहाली की जमीन न होती तो उसे संघर्ष करना पड़ता। यह जमीन पीसीए को क्रिकेट स्टेडियम बनाने के लिए सरकार ने मामूली कीमत पर पट्टे पर दी और साथ ही सहायता राशि भी मुहैया कराई।
पंजाब क्रिकेट संघ निजी संस्था नहीं है
उन्होंने कहा कि आयोग ने पीसीए के तत्कालीन अध्यक्ष आई.एस. बिंद्रा के बयान को भी ध्यान में रखा है जिसमें उन्होंने सीबीआई के सामने कहा था कि पंजाब क्रिकेट संघ निजी संस्था नहीं है। यह सार्वजनिक संस्था है जो पंजाब में क्रिकेट के प्रचार-प्रसार, विकास के लिए एकमात्र रूप से जिम्मेदार है। आयोग ने अगस्त 2008 में पीसीए को आरटीआई के तहत लाने के आदेश दिए थे।
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में दी थी चुनौती
आयोग के इस आदेश को पीसीए ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने मई 2011 में पीसीए की अपील को खारिज कर दिया था। हालांकि इसी न्यायालय में पीसीए ने दोबारा याचिका दायर की थी। इस बार अदालत ने दिसंबर 2013 में राज्य सूचना आयोग के आदेश को रद्द कर दिया था। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने इस मामले पर नए सिरे से फैसला सुनाने के लिए वापस सूचना आयोग को भेज दिया था, जिसके बाद आयोग की पूर्ण पीठ ने अपना अंतिम फैसला सुना दिया।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
आरटीआई के अंतर्गत, पंजाब क्रिकेट संघ, पंजाब, पंजाब न्यूज, Under RTI, Punjab Cricket Association, Punjab, Punjab News