टीम इंडिया में सचिन, धोनी, कपिल, विराट जैसे क्रिकेटरों के साथ जिसने किया पदार्पण वह टिक नहीं पाया...

टीम इंडिया में सचिन, धोनी, कपिल, विराट जैसे क्रिकेटरों के साथ जिसने किया पदार्पण वह टिक नहीं पाया...

विराट कोहली टेस्ट कप्तान हैं और प्रवीण कुमार लंबे समय से टीम से बाहर हैं (फाइल फोटो)

खास बातें

  • विराट कोहली के साथ प्रवीण कुमार ने किया था पदार्पण
  • धोनी के साथ जोगिंदर शर्मा ने खेला था पहला मैच
  • सचिन के साथ सलिल अंकोला ने किया था टेस्ट डेब्यू
नई दिल्ली:

इंग्लैंड के खिलाफ टीम इंडिया को 5 टेस्ट, 3 वनडे और 3 ही टी-20 मैच खेलने हैं. बुधवार को सीरीज के पहले दो टेस्ट मैचों के लिए टीम इंडिया की घोषणा की गई, जिसमें ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या को पहली बार, जबकि स्पिनर जयंत यादव और करुण नायर को एक बार फिर टीम में लिया गया. हालांकि जयंत और नायर को अभी प्लेइंग इलेवन में शामिल किए जाने का इंतजार है. इंग्लैंड के खिलाफ लंबी टेस्ट सीरीज को देखते हुए यदि इन्हें खेलने का मौका मिलता है, तो सबकी नजरें इन्हीं पर रहेंगी. हालांकि ऐसा पहली बार नहीं होगा. इससे पहले भी एक साथ दो या तीन खिलाड़ियों को किसी सीरीज विशेष में खेलने का मौका मिल चुका है. भले ही उनमें से केवल एक या दो खिलाड़ी ही टीम में अपनी जगह पक्की कर पाए और टीम इंडिया के लिए लंबी पारी खेली. हम आपको विराट कोहली, एमएस धोनी और युवराज सिंह जैसे बड़े खिलाड़ियों के साथ डेब्यू करने वाले उन खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो टीम में तो शामिल हुए, लेकिन लंबी पारी नहीं खेल पाए...

विराट कोहली और प्रवीण कुमार- टेस्ट डेब्यू
वैसे तो विराट कोहली और प्रवीण कुमार की तुलना करना सही नहीं होगा, क्योंकि एक बल्लेबाज है, तो दूसरा गेंदबाज. फिर भी खिलाड़ी के तौर पर दोनों को पहली बार टीम इंडिया की ओर से खेलने का मौका जून, 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ किंग्सटन टेस्ट में मिला था. पहले मैच की बात करें तो विराट का बल्ला कुछ खास नहीं कर पाया (6 और 15 रन), जबकि कुमार ने पहले टेस्ट में बेहतरीन स्विंग गेंदबाजी करते हुए 6 विकेट चटकाए, लेकिन इसके आगे की कहानी कुछ अलग रही. जहां विराट कोहली 3 साल के भीतर ही टीम इंडिया के टेस्ट कप्तान बन गए, वहीं कुमार का अब कहीं पता नहीं है.

प्रवीण कुमार ने टीम इंडिया के लिए कुल 6 टेस्ट खेले, 27 विकेट लिए और 149 रन बनाए, जो विराट के सामने कहीं भी नहीं टिकते. विराट कोहली ने अब तक 48 टेस्ट मैचों में 3554 रन बनाए हैं, जिनमें 13 सेंचुरी शामिल हैं और वह सीरीज दर सीरीज नए कीर्तिमान अपने नाम करते जा रहे हैं.

एमएस धोनी और जोगिंदर शर्मा- वनडे डेब्यू
जब महेंद्र सिंह धोनी बांग्लादेश के खिलाफ पहले ही वनडे में शून्य पर रनआउट हो गए, तो किसी ने नहीं सोचा होगा कि यह खिलाड़ी आगे चलकर टीम इंडिया का सबसे सफल कप्तान होगा. दरअसल धोनी के साथ दिसंबर, 2004 में एक और खिलाड़ी ने डेब्यू किया था और वह थे ऑलराउंडर जोगिंदर शर्मा. यह वही जोगिंदर शर्मा हैं, जिन्होंने टी-20 वर्ल्ड कप 2007 में अंतिम ओवर करके टीम इंडिया को खिताब दिला दिया था, लेकिन उनके नाम बस यही एक उपलब्धि रही. जहां धोनी ने 283 वनडे खेलकर 9110 रन बना लिए हैं और भारत के सबसे सफल कप्तान हैं, वहीं जोगिंदर शर्मा ने कुल 4 मैच खेले, जिनमें 35 रन बनाए और एक विकेट लिया और थोड़े ही समय बाद परिदृश्य से गायब हो गए.

सचिन तेंदुलकर और सलिल अंकोला- टेस्ट क्रिकेट
मध्यम गति के गेंदबाज सलिल अंकोला और सचिन तेंदुलकर ने एक साथ पाकिस्तान के खिलाफ नवंबर, 1989 में टेस्ट क्रिकेट में कदम रखे थे. अंकोला ने महज एक टेस्ट के करियर में 2 विकेट लिए और 6 रन बनाए. वनडे में उन्होंने 20 मैच खेले और 13 विकेट लिए. अंतिम वनडे उन्होंने 1997 में खेला था, जबकि सचिन का रिकॉर्ड तो सबको पता है. सचिन ने 200 टेस्ट मैचों में 15921 रन ठोक दिए और वर्ल्ड रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बनाते चले गए.

सुरेश रैना और वेणुगोपाल राव- वनडे
बाएं हाथ के बल्लेबाज सुरेश रैना जहां विस्फोटक पारी के लिए मशहूर थे, वहीं वेणुगोपाल उनके बिल्कुल उलट तकनीकी रूप से मजबूत और सधी हुई पारी के लिए जाने जाते थे. दोनों नें अपने वनडे करियर की शुरुआत श्रीलंका के खिलाफ जुलाई, 2005 में की थी. राव को इसके बाद 16 वनडे खेलने का मौका मिला और उन्होंने 218 रन बनाए. हालांकि उनकी किस्मत ने साथ नहीं दिया और वह एक साल बाद ही टीम इंडिया से हमेशा के लिए बाहर हो गए. राव की बल्लेबाजी वनडे की बजाय टेस्ट क्रिकेट के अधिक अनुकूल थी, लेकिन उन्हें इसमें मौका ही नहीं मिला, जबकि रैना को वनडे के साथ-साथ आगे चलकर टेस्ट में भी भरपूर अवसर मिले. उन्होंने वनडे में इसका फायदा भी उठाया और 223 मैचों में 5568 रन ठोक दिए. उनका बेस्ट 116 रन है.

गौतम गंभीर और आविष्कार साल्वी- वनडे
बाएं हाथ के बल्लेबाज गौतम गंभीर जहां ओपनर हैं, वहीं आविष्कार साल्वी मध्य गति के गेंदबाज थे. साल्वी और गंभीर ने अपने वनडे करियर की अप्रैल, 2003 में एक साथ शुरुआत की थी. गंभीर ने जहां इसके बाद 147 मैच खेलकर 5238 रन बनाए और उनका वनडे करियर 10 साल तक चला, वहीं साल्वी का करियर 4 मैचों में ही सिमट गया. इस दौरान उन्होंने 4 विकेट लिए.

युवराज सिंह और विजय दाहिया- वनडे
एक साथ वनडे करियर शुरू करने वाले युवराज सिंह और विकेटकीपर विजय दाहिया में से दाहिया थोड़े ही समय बाद टीम से बाहर कर दिए गए. युवराज ने जहां 293 वनडे खेले हैं, वहीं दाहिया को 19 मैच में ही मौका मिला.

गौतम गंभीर और दिनेश कार्तिक- टेस्ट
एमएस धोनी से पहले टीम इंडिया लंबे समय तक एक ऐसे नियमित विकेटकीपर बल्लेबाज की तलाश में थी, जो कीपिंग के साथ-साथ बल्ले से भी कमाल कर सके. इसी कड़ी में दिनेश कार्तिक को टेस्ट टीम में मौका मिला, लेकिन वह 23 मैच ही खेल पाए और उनमें 1000 रन बनाए, जबकि गंभीर ने 57 मैच खेले और अब भी टीम का हिस्सा हैं. गंभीर ने टेस्ट में 4125 रन ठोके हैं और उनका बेस्ट 206 रन है.

कपिल देव और चेतन चौहान- वनडे
टीम इंडिया को कपिल देव के रूप में पहला संपूर्ण ऑलराउंडर मिला था. उन्होंने टेस्ट और वनडे दोनों में अपना लोहा मनवाया था. वनडे की बात करें, तो उनके साथ 1978 में पाकिस्तान के खिलाफ चेतन चौहान ने भी करियर का पहला मैच खएला था. जहां कपिल ने इसके बाद 225 मैच खेले और 3783 रन बनाए, वहीं चौहान को महज 7 वनडे में मौका मिला, जिसमें उनके बल्ले से 153 रन निकले और 46 रन उनका बेस्ट रहा.


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