भारत के अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक (Dinesh Karthik) ने कहा है कि पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) खिलाड़ियों को खास उपलब्धियां अर्जित करने के लिए प्रेरित करते थे लेकिन नाकामी बर्दाश्त नहीं कर पाते थे. शास्त्री और कोहली (Virat Kohli) का कार्यकाल भारतीय क्रिकेट के लिए अच्छा रहा लेकिन अक्सर दोनों की खराब दौर से जूझ रहे खिलाड़ियों के साथ खड़े नहीं होने के लिए आलोचना होती रही है.
कार्तिक ने क्रिकबज के कार्यक्रम ‘समर स्टेलमेट' में कहा, “उन्हें (शास्त्री को) ऐसे लोग पसंद नहीं थे जो एक निश्चित तेजी से बल्लेबाजी नहीं कर पाते थे या नेट पर कुछ और करते थे और मैच में कुछ और.”
उन्होंने कहा, “वह इसे पसंद नहीं करते थे. उन्हें पता था कि टीम से क्या चाहिए और टीम को कैसे खेलना है. वह नाकामी बर्दाश्त नहीं कर पाते थे. वह हमेशा सभी को अच्छा खेलने के लिए प्रेरित करते थे.”
सैतीस साल के कार्तिक ने कहा कि वह रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) के इस दौर में अधिक सुकून महसूस कर रहे हैं.
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शास्त्री के दौर में भारत ने ऑस्ट्रेलिया (Border Gavaskar Trophy) को दो बार उनकी धरती पर हराया और इंग्लैंड में 2-2 से सीरीज ड्रॉ की. इसके अलावा टीम इंडिया ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (World Test Championship) का फाइनल में खेला.
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि शास्त्री, एक खिलाड़ी के तौर पर कोई और व्यक्ति थे, जो शायद उतना प्रतिभाशाली नहीं थे, लेकिन कोच के रूप में उन्होंने अपनी प्रतिभा को बखूबी पूरा किया. उसने जो करने की उम्मीद की थी, उससे कहीं बेहतर किया. एक कोच के रूप में, वह जीवन से बड़ा व्यक्ति था. वह कोई ऐसा व्यक्ति था जिसने खिलाड़ियों को विशेष चीजें हासिल करने की कोशिश करने के लिए प्रेरित किया."
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