नई दिल्ली:
वेस्टइंडीज के ऑलराउंडर आंद्रे रसेल ने गर्लफ्रेंड मॉडल जेसिम लॉरा से शादी कर ली है. उन्होंने अपनी शादी की कुछ तस्वीरें सोशल नेटवर्किंग साइट इंस्टाग्राम पर शेयर की हैं. रसेल इन दिनों क्रिकेट से दूर हैं, क्योंकि वह टीम इंडिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए विंडीज टीम का हिस्सा नहीं हैं. रसेल भारत में काफी पॉपुलर हैं और उन्हें ताबड़तोड़ खेल के साथ-साथ अपनी स्टाइल और फैशन के लिए भी जाना जाता है. कुछ दिनों पहले ही कैरिबियन क्रिकेट लीग में पिंक बैट को लेकर चर्चा में थे.
पहली बार गुलाबी बैट के साथ बल्लेबाजी करते दिखे रसेल
हाल ही में, उन्होंने कैरिबियाई प्रीमियर लीग में कुछ ऐसा किया है जो पहले कभी नहीं देखा गया था. कैरिबियन प्रीमियर लीग में रसेल गुलाबी बैट के साथ बल्लेबाजी करने मैदान पर उतरे थे और सभी का ध्यान उनकी ओर चला गया था. यह और बात है कि उनका गुलाबी बैट सिर्फ 2 गेंदों तक ही चल पाया था. एक शॉट खेलने के चक्कर में गेंद उनके गुलाबी बैट के निचले हिस्से में लगी और उसमें दरार आ गई थी और फिर उन्हें अपना बैट बदलना पड़ा था.
टी-20 फॉर्मेट के सबसे कामयाब ऑल-राउंडर
वेस्टइंडीज़ के हरफनमौला खिलाड़ी आंद्रे रसेल आज टी-20 फॉर्मेट के सबसे कामयाब ऑल-राउंडरों में से एक हैं, लेकिन क्रिकेट खेलना उनका पहला सपना नहीं था. वह तो फुटबॉल के दीवाने थे. वह अपनी स्कूल की टीम से फॉरवर्ड की भूमिका में खेलते थे, लेकिन अक्सर खराब गोलकीपिंग के कारण उनकी टीम मैच हार जाती थी और तभी रसेल ने कोच से कहा कि वह फॉरवर्ड नहीं बल्कि गोलकीपर की तरह टीम में खेलना चाहते हैं और वे बखूबी ये काम करने भी लगे.
ऐसे मिला क्रिकेट खेलने का मौका
उन्हें क्लेरॉनडन कॉलेज से फुटबॉल के लिए स्कोलरशिप भी मिलने लगी पर उनकी टीम इतनी मजबूत थी कि उन्हें मैदान पर उतरने के कम ही मौके मिले. एक दिन फुटबॉल खेलने के बाद वह अपने दोस्तों के साथ चले गए, जो क्रिकेट खेल रहे थे. रसेल तेज गेंदबाज़ी तो करते थे, लेकिन वह इतने आक्रामक बल्लेबाज़ थे कि उन्होंने अंपायर के पास मौजूद सभी गेंद खो डालीं. उनके स्कूल के कोच उनसे इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने रसेल को क्रिकेट टीम में खेलने का न्योता दे दिया, लेकिन रसेल ने कहा कि उन्हें तेज गेंदबाजी खेलने से काफी डर लगता है. 2 साल के भीतर वह सीनियर टीम में खेलने लगे.
दादी मां के कहने पर क्रिकेट को चुना
17 साल की उम्र में उन्हें जमैका की ओर से अंडर-19 में खेलना का मौका मिला, लेकिन उसी समय उन्हें फुटबॉल संघ से फोन आया की वह जमैका कि अंडर-20 में शामिल किए गए हैं. आखिरकार अपनी दादी मां के कहने पर उन्होंने क्रिकेट को चुना.
'आंद्रेबाली' आंद्रे रसेल
आईपीएल में उनकी फ्रेंचाइजी केकेआर ने उन्हें लीग के बीच में एक अनोखा नाम दिया था और उनका एक पोस्टर पने ट्विटर पेज पर शेयर किया था. रसेल केकेआर के लिए बल्ले और गेंद दोनों से काफी उपयोगी साबित होते हैं. रसेल को केकेआर ने फिल्म बाहुबली के मुख्य किरदार बाहुबली के रूप में पेश किया और उन्हें एक नया नाम 'आंद्रेबाली' दिया था.
'बाहुबली के हमारे इस संस्करण में कोई कटप्पा नहीं है.#AndreBali' 'एक शब्द जो इस खिलाड़ी का पर्याय है, वह है 'पावर'! @Russell12A
पहली बार गुलाबी बैट के साथ बल्लेबाजी करते दिखे रसेल
हाल ही में, उन्होंने कैरिबियाई प्रीमियर लीग में कुछ ऐसा किया है जो पहले कभी नहीं देखा गया था. कैरिबियन प्रीमियर लीग में रसेल गुलाबी बैट के साथ बल्लेबाजी करने मैदान पर उतरे थे और सभी का ध्यान उनकी ओर चला गया था. यह और बात है कि उनका गुलाबी बैट सिर्फ 2 गेंदों तक ही चल पाया था. एक शॉट खेलने के चक्कर में गेंद उनके गुलाबी बैट के निचले हिस्से में लगी और उसमें दरार आ गई थी और फिर उन्हें अपना बैट बदलना पड़ा था.
टी-20 फॉर्मेट के सबसे कामयाब ऑल-राउंडर
वेस्टइंडीज़ के हरफनमौला खिलाड़ी आंद्रे रसेल आज टी-20 फॉर्मेट के सबसे कामयाब ऑल-राउंडरों में से एक हैं, लेकिन क्रिकेट खेलना उनका पहला सपना नहीं था. वह तो फुटबॉल के दीवाने थे. वह अपनी स्कूल की टीम से फॉरवर्ड की भूमिका में खेलते थे, लेकिन अक्सर खराब गोलकीपिंग के कारण उनकी टीम मैच हार जाती थी और तभी रसेल ने कोच से कहा कि वह फॉरवर्ड नहीं बल्कि गोलकीपर की तरह टीम में खेलना चाहते हैं और वे बखूबी ये काम करने भी लगे.
ऐसे मिला क्रिकेट खेलने का मौका
उन्हें क्लेरॉनडन कॉलेज से फुटबॉल के लिए स्कोलरशिप भी मिलने लगी पर उनकी टीम इतनी मजबूत थी कि उन्हें मैदान पर उतरने के कम ही मौके मिले. एक दिन फुटबॉल खेलने के बाद वह अपने दोस्तों के साथ चले गए, जो क्रिकेट खेल रहे थे. रसेल तेज गेंदबाज़ी तो करते थे, लेकिन वह इतने आक्रामक बल्लेबाज़ थे कि उन्होंने अंपायर के पास मौजूद सभी गेंद खो डालीं. उनके स्कूल के कोच उनसे इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने रसेल को क्रिकेट टीम में खेलने का न्योता दे दिया, लेकिन रसेल ने कहा कि उन्हें तेज गेंदबाजी खेलने से काफी डर लगता है. 2 साल के भीतर वह सीनियर टीम में खेलने लगे.
दादी मां के कहने पर क्रिकेट को चुना
17 साल की उम्र में उन्हें जमैका की ओर से अंडर-19 में खेलना का मौका मिला, लेकिन उसी समय उन्हें फुटबॉल संघ से फोन आया की वह जमैका कि अंडर-20 में शामिल किए गए हैं. आखिरकार अपनी दादी मां के कहने पर उन्होंने क्रिकेट को चुना.
'आंद्रेबाली' आंद्रे रसेल
आईपीएल में उनकी फ्रेंचाइजी केकेआर ने उन्हें लीग के बीच में एक अनोखा नाम दिया था और उनका एक पोस्टर पने ट्विटर पेज पर शेयर किया था. रसेल केकेआर के लिए बल्ले और गेंद दोनों से काफी उपयोगी साबित होते हैं. रसेल को केकेआर ने फिल्म बाहुबली के मुख्य किरदार बाहुबली के रूप में पेश किया और उन्हें एक नया नाम 'आंद्रेबाली' दिया था.
'बाहुबली के हमारे इस संस्करण में कोई कटप्पा नहीं है.#AndreBali' 'एक शब्द जो इस खिलाड़ी का पर्याय है, वह है 'पावर'! @Russell12A
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