2014 में दोनों बोर्ड के बीच हुए द्विपक्षीय सीरीज खेलने का समझौता हुआ था
कराची:
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के गवर्नर्स बोर्ड ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड के खिलाफ दि्वपक्षीय सीरीज खेलने के लिए साल 2014 में दोनों बोर्ड के बीच हुए समझौता पत्र का सम्मान नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई करने की हरी झंडी दे दी है.
कार्यकारी समिति के प्रमुख पीसीबी अध्यक्ष शहरयार खान और नजम सेठी ने गवर्नर्स बोर्ड की बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि भारत द्वारा समझौते का सम्मान नहीं करने के कारण पीसीबी को हुए वित्तीय नुकसान के लिए मुआवजा हासिल करने के लिए पीसीबी को कानूनी कार्रवाई करने की अनुमति मिल गई है.
शहरयार ने कहा, "हम जल्द ही इस मामले में कानूनी परामर्श शुरू कर देंगे. सचाई यह है कि बीसीसीआई ने 2015 से 2022 के बीच छह दि्वपक्षीय सीरीज खेलने के लिए करार पर हस्ताक्षर किए थे." उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) इस करार की गवाह है. हम अब भारत का करार के अनुसार सीरीज नहीं खेलने के लिए बीसीसीआई और आईसीसी के स्तर पर मसला रखने के लिए अपनी कानूनी टीम से मशविरा करेंगे.
बोर्ड में एक अधिकारिक सूत्र ने शुनिवार को कहा कि पीसीबी पहले बीसीसीआई को लिखेगा और भारतीय बोर्ड को स्पष्ट करने के लिए कहेगा कि क्या वे समझौते पत्र का सम्मान करना चाहते हैं या नहीं और वे एक द्विपक्षीय सीरीज खेलेंगे या नहीं.
सूत्र ने कहा, "एक बार पीसीबी को बीसीसीआई से स्पष्ट जवाब मिल जाएगा तो इसकी कानूनी टीम दावा करने के कदम पर काम करेगी और बीसीसीआई के खिलाफ लंदन की अदालत में मामला दर्ज किया जाएगा जिसमें आईसीसी को भी पक्ष बनाया जाएगा." सूत्र ने कहा, "आईसीसी इस समझौते पत्र के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने की साक्षी है."
सेठी ने स्पष्ट किया कि करार के बावजूद सीरीज नहीं खेलनने पर पीसीबी अभी तक धैर्य बनाए हुए था. लेकिन अब हमारा धैर्य जवाब देने लगा है क्योंकि हम समझौते के तहत दो घरेलू सीरीज होनी थी जिससे हमें अच्छा खासा राजस्व लाभ होना था. चूंकि वे समझौते का सम्मान नहीं कर रहे हैं, इसलिए हमें नुकसान हुआ है. गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच 2007 में द्विपक्षीय सीरीज हुई थी जब पाकिस्तान की टीम भारत के दौरे पर आई थी.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
कार्यकारी समिति के प्रमुख पीसीबी अध्यक्ष शहरयार खान और नजम सेठी ने गवर्नर्स बोर्ड की बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि भारत द्वारा समझौते का सम्मान नहीं करने के कारण पीसीबी को हुए वित्तीय नुकसान के लिए मुआवजा हासिल करने के लिए पीसीबी को कानूनी कार्रवाई करने की अनुमति मिल गई है.
शहरयार ने कहा, "हम जल्द ही इस मामले में कानूनी परामर्श शुरू कर देंगे. सचाई यह है कि बीसीसीआई ने 2015 से 2022 के बीच छह दि्वपक्षीय सीरीज खेलने के लिए करार पर हस्ताक्षर किए थे." उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) इस करार की गवाह है. हम अब भारत का करार के अनुसार सीरीज नहीं खेलने के लिए बीसीसीआई और आईसीसी के स्तर पर मसला रखने के लिए अपनी कानूनी टीम से मशविरा करेंगे.
बोर्ड में एक अधिकारिक सूत्र ने शुनिवार को कहा कि पीसीबी पहले बीसीसीआई को लिखेगा और भारतीय बोर्ड को स्पष्ट करने के लिए कहेगा कि क्या वे समझौते पत्र का सम्मान करना चाहते हैं या नहीं और वे एक द्विपक्षीय सीरीज खेलेंगे या नहीं.
सूत्र ने कहा, "एक बार पीसीबी को बीसीसीआई से स्पष्ट जवाब मिल जाएगा तो इसकी कानूनी टीम दावा करने के कदम पर काम करेगी और बीसीसीआई के खिलाफ लंदन की अदालत में मामला दर्ज किया जाएगा जिसमें आईसीसी को भी पक्ष बनाया जाएगा." सूत्र ने कहा, "आईसीसी इस समझौते पत्र के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने की साक्षी है."
सेठी ने स्पष्ट किया कि करार के बावजूद सीरीज नहीं खेलनने पर पीसीबी अभी तक धैर्य बनाए हुए था. लेकिन अब हमारा धैर्य जवाब देने लगा है क्योंकि हम समझौते के तहत दो घरेलू सीरीज होनी थी जिससे हमें अच्छा खासा राजस्व लाभ होना था. चूंकि वे समझौते का सम्मान नहीं कर रहे हैं, इसलिए हमें नुकसान हुआ है. गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच 2007 में द्विपक्षीय सीरीज हुई थी जब पाकिस्तान की टीम भारत के दौरे पर आई थी.
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