आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण के बाद कई बार बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन की ईमानदारी पर सवाल उठाये गए हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि वह ‘बहुत ईमानदार’ व्यक्ति हैं।
उन्होंने कहा कि स्पॉट फिक्सिंग विवाद के दौरान उन्हें बिना कारण गलत तरह से निशाना बनाया गया था।
श्रीनिवासन को हाल में उच्चतम न्यायालय द्वारा बीसीसीआई अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने के लिए हरी झंडी दी गई थी। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि उन्हें बिना किसी कारण मीडिया ने निशाना बनाया।
तमिलनाडु के इस शक्तिशाली अधिकारी ने साक्षात्कार में कहा, मैं बहुत ईमानदार व्यक्ति हूं। और मुझे लगता है कि पिछले कुछ महीनों में मेरा व्यक्तित्व सभी ने देखा है। यह पूछने पर कि जब उच्चतम न्यायालय ने उन्हें बीसीसीआई अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी की अनुमति दी तो उनकी प्रतिक्रिया क्या थी, श्रीनिवासन ने कहा, मैं बहुत खुश था। जो लोग मुझे लंबे समय से जानते है, उन्हें मेरी बात पर पूरा भरोसा है। मैं ऐसा व्यक्ति हूं जो हमेशा आगे क्या करना है, उस पर ध्यान रखता हूं।
उन्होंने कहा, मैं कुछ भी मनमुटाव को याद नहीं रखता। मेरे अंदर ऐसी चीज नहीं है। मैं ऐसा ही हूं। जो लोग मुझे जानते हैं वे इस बात से सहमत होंगे। मैं बीती बात भुलाकर आगे बढ़ता हूं। अगर कुछ हुआ, कोई बात नहीं, चलो इससे निपटता हूं, फिर मैं वापसी करता और आगे बढ़ता हूं।
श्रीनिवासन ने जनता की राय और मर्यादा के मुद्दे पर कहा, देखिये, मैं जनता की राय के बारे में कुछ नहीं कर सकता। मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। बीसीसीआई अध्यक्ष ने दोहराया कि उन्होंने कभी भी आईपीएल प्रकरण की जांच करने वाली बीसीसीआई के जांच पैनल के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं किया, जिसे बाद में बम्बई उच्च न्यायालय ने गैर कानूनी करार किया था।
आईपीएल और बीसीसीआई में हर गलत चीज के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया गया, लेकिन श्रीनिवासन ने कहा कि वह इससे प्रभावित नहीं हुए और उन्होंने अपना समय गोल्फ कौशल में सुधार करने में लगाया।
उन्होंने कहा, जब से मैं क्रिकेट की जिम्मेदारी से हटा तो मुझे गोल्फ खेलने का समय मिला। बीसीसीआई और अपने खुद के व्यवसाय को चलाने में काफी समय चला जाता है। इसलिये मैंने खाली समय का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा, मैं इसे मुश्किल समय नहीं कहूंगा। मुझे लगता है कि गलत तरह से मुझ पर हमला किया गया। यह हमला लगातार जारी रहा। मैं कहीं कुछ कहा तो एक विशेष अखबार ने मेरे बारे में 90 लेख लिख दिए, 11-12 संपादकीय लिखे गए और 10-11 दिन तक मैं पूरे पहले पन्ने पर रहा। ऐसा कभी भी स्वतंत्र भारत में नहीं हुआ था। क्या मैं इतनी कवरेज के काबिल हूं? मैं इतना बड़ा व्यवसायी भी नहीं हूं। बीसीसीआई इतनी बड़ी नहीं है।
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