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This Article is From Nov 27, 2016

मोहाली टेस्ट : अंपायर ने इंग्लैंड की जोरदार अपील नकारी, तो 'गावस्कर के पथ' पर चल दिए मुरली विजय...

मोहाली टेस्ट : अंपायर ने इंग्लैंड की जोरदार अपील नकारी, तो 'गावस्कर के पथ' पर चल दिए मुरली विजय...
मुरली विजय के खिलाफ फील्ड में बाधा पहुंचाने की भी अपील हुई थी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: क्रिकेट को भद्रजनों का खेल कहा जाता है और ऐसा कई बार साबित भी हुआ है. हालांकि समय-समय पर इसे कई खिलाड़ियों के व्यवहार की वजह से शर्मसार भी होना पड़ा है. क्रिकेट इतिहास में कई ऐसे खिलाड़ी रहे हैं और आज भी हैं जिन्होंने हमेशा खिलाड़ी भावना का परिचय दिया है. फिर भी यह संख्या धीरे-धीरे कम होती जा रही है. खासतौर से आउट होने के मामले में तो कई बल्लेबाज अंपायर को ही चकमा देने की फिराक में रहते हैं और अगर अंपायर की नजरें चूकीं, तो वह क्रीज पर डंटे रहते हैं. तभी तो क्रिकेट में तकनीक के पूरी तरह इस्तेमाल की मांग जोर पकड़ती जा रही है, क्योंकि इससे काफी हद तक गलत फैसलों से निजात मिल जाती है. भारत के महान सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर की एक परंपरा को इंग्लैंड के खिलाफ टीम इंडिया के ओपनर मुरली विजय ने मोहाली टेस्ट में आगे बढ़ाया. इतना ही नहीं वह फील्डिंग में बाधा पहुंचाने को लेकर भी चर्चा में रहे. आइए जानते हैं कि ऐसा क्या हुआ...

इंग्लैंड के 283 रनों के जवाब में टीम इंडिया ने पहली पारी में सधी हुई शुरुआत की. इस मैच में मुरली विजय के ओपनिंग जोड़ीदार पार्थिव पटेल रहे. जहां पटेल ने शुरू से ही जमकर खेल दिखाया, वहीं विजय कुछ आउट ऑफ टच दिखे और कई चूके. जब वह 12 रन पर खेल रहे थे, तभी वह मुश्किल में फंस गए. बात भारतीय पारी के 15वें ओवर की है. गेंदबाज थे बेन स्टोक्स. स्टोक्स बल्लेबाजी के दौरान भी चर्चा में रहे, जब उन्होंने टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली से बहस कर ली.
 
मुरली विजय ने टीम इंडिया के लिए अब तक 44 टेस्ट मैच खेले हैं (फाइल फोटो)

हालांकि अभी हम बात गेंदबाजी की कर रहे हैं. स्टोक्स की चौथी गेंद जो ऑफ स्टंप के काफी बाहर थी, उस पर मुरली विजय बल्ला चला बैठे और विकेट के पीछे जॉनी बेयरस्टॉ ने लपक लिया. इंग्लैंड ने जोरदार अपील की, लेकिन अंपायर जैफने ने उसे नकार दिया, लेकिन इस बीच मुरली विजय पैवेलियन की ओर चल दिए... जी हां उन्हें लगा कि वह आउट हैं, तो उन्होंने खुद ही लौटने का फैसला कर लिया, जो आजकल क्रिकेट में कम ही देखने को मिलता है. हालांकि यदि वह खड़े रहते, तो इंग्लैंड के पास डीआरएस का विकल्प था, लेकिन उन्होंने इसका भी इंतजार नहीं किया और खेल भावना की मिसाल कायम की... वर्तमान खिलाड़ियों की बात करें तो इंग्लैंड के मोईन अली भी इसके जाने जाते हैं...

फील्ड में बाधा पहुंचाने की अपील, पर रहे नॉटआउट
मुरली विजय के खिलाफ मोहाली में ही रविवार को टीम इंडिया की पारी के दौरान फील्डिंग में बाधा पहुंचाने की भी अपील हो चुकी थी, जिसे अंपायर नकार दिया था. हुआ यह कि पारी के तीसरे ओवर में इंग्लैंड के जेम्स एंडरसन ने अंतिम गेंद ऑफ स्टंप के बाहर फेंकी, जिसे विजय ने उन्हीं की ओर खेल दिया. एंडरसन ने गेंद पकड़कर पहले विजय की ओर ही थ्रो करने का नाटक किया, फिर गेंद वास्तव में विकेट की ओर फेंक दी, विजय क्रीज के बाहर थे और वापस पहुंचने के चक्कर में विकेटों के आगे आ गए. गेंद विजय को जा लगी. फिर क्या था जेम्स एंडरसन ने खिलाड़ी भावना नहीं दिखाई और फील्ड में बाधा पहुंचाने की अपील कर दी. दोनों अंपायरों ने आपस में चर्चा की और अपील को नकार दिया.

मुरली विजय के टेस्ट करियर पर नजर डालें, तो उन्होंने अब तक 44 टेस्ट खेले हैं और 40.04 के औसत से 3003 रन बनाए हैं. उनके नाम 7 शतक और 14 फिफ्टी हैं. उनका बेस्ट 167 रन है.

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