एमएस धोनी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
टीम इंडिया के टी-20 और वनडे कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने शुक्रवार को दक्षिण अफ्रीका के हाथों मिली हार के कई कारण गिनाए हैं। खास बात यह कि उन्होंने गेदबाजों के साथ-साथ अंपायरिंग को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है।
धोनी ने कहा कि अगर अंपायरों का फैसला टीम के खिलाफ नहीं गया होता, तो भारत यह मुकाबला जीत लेता। भारतीय कप्तान का इशारा जेपी डुमिनी को एलबीडब्ल्यू आउट नहीं दिए जाने की ओर था। ड्यूमिनी की मैच विनिंग पारी के दौरान कम से कम दो मौके ऐसे थे, जहां उन्हें एलबीडब्ल्यू आउट दिया जा सकता था। मैच के तेरहवें ओवर में अक्षर पटेल की गेंद पर वे विकेट के सामने थे और 17वें ओवर में भुवनेश्वर कुमार की गेंद पर भी अंपायरों ने उन्हें नॉटआउट करार दिया।
कप्तान धोनी ने कहा, अगर फैसले आपके पक्ष में नहीं होते हैं तो दबाव बढ़ता है। हम अनलकी रहे कि ड्यूमिनी का विकेट नहीं मिल पाया, लेकिन धोनी ने यह भी माना कि क्रिकेट में यह सब चलता है और सबकुछ आपके पक्ष में हो, जरूरी नहीं।
धोनी ने डुमिनी की बल्लेबाजी की भी तारीफ की। उन्होंने यह भी माना कि गेंदबाजों का प्रदर्शन बेहतर होता, तो मैच का नतीजा भारत के पक्ष में होता। धोनी ने कहा, इस मैच में चार-चार गेंदों के दो फेज ऐसे रहे हैं, जिनमें हमने काफी रन दे दिए। 200 रन का लक्ष्य तो ठीक था, लेकिन हमारे गेंदबाजों को थोड़ा बेहतर करना चाहिए था।
हालांकि धोनी ने अपने गेंदबाजों का बचाव भी किया। मसलन अक्षर पटेल के एक ओवर में 22 रन बने, लेकिन धोनी ने उनका बचाव करते हुए कहा- उन्होंने इस ओवर से पहले अच्छी गेंदबाजी की थी और टी-20 में ऐसा होता रहता है। जाहिर है धोनी चाहते हैं कि गेंदबाजों को खुद ही अपनी गलती का एहसास हो और वे उसे दोहराएं नहीं।
धोनी ने कहा कि अगर अंपायरों का फैसला टीम के खिलाफ नहीं गया होता, तो भारत यह मुकाबला जीत लेता। भारतीय कप्तान का इशारा जेपी डुमिनी को एलबीडब्ल्यू आउट नहीं दिए जाने की ओर था। ड्यूमिनी की मैच विनिंग पारी के दौरान कम से कम दो मौके ऐसे थे, जहां उन्हें एलबीडब्ल्यू आउट दिया जा सकता था। मैच के तेरहवें ओवर में अक्षर पटेल की गेंद पर वे विकेट के सामने थे और 17वें ओवर में भुवनेश्वर कुमार की गेंद पर भी अंपायरों ने उन्हें नॉटआउट करार दिया।
कप्तान धोनी ने कहा, अगर फैसले आपके पक्ष में नहीं होते हैं तो दबाव बढ़ता है। हम अनलकी रहे कि ड्यूमिनी का विकेट नहीं मिल पाया, लेकिन धोनी ने यह भी माना कि क्रिकेट में यह सब चलता है और सबकुछ आपके पक्ष में हो, जरूरी नहीं।
धोनी ने डुमिनी की बल्लेबाजी की भी तारीफ की। उन्होंने यह भी माना कि गेंदबाजों का प्रदर्शन बेहतर होता, तो मैच का नतीजा भारत के पक्ष में होता। धोनी ने कहा, इस मैच में चार-चार गेंदों के दो फेज ऐसे रहे हैं, जिनमें हमने काफी रन दे दिए। 200 रन का लक्ष्य तो ठीक था, लेकिन हमारे गेंदबाजों को थोड़ा बेहतर करना चाहिए था।
हालांकि धोनी ने अपने गेंदबाजों का बचाव भी किया। मसलन अक्षर पटेल के एक ओवर में 22 रन बने, लेकिन धोनी ने उनका बचाव करते हुए कहा- उन्होंने इस ओवर से पहले अच्छी गेंदबाजी की थी और टी-20 में ऐसा होता रहता है। जाहिर है धोनी चाहते हैं कि गेंदबाजों को खुद ही अपनी गलती का एहसास हो और वे उसे दोहराएं नहीं।
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