
महेंद्र सिंह धोनी ....
पुणे:
संन्यास के बाद पहली बार मीडिया से मुखातिब हुए धोनी ने कि वह टीम की जरूरतों के हिसाब से खेलने के लिए एकदम तैयार हैं. धोनी ने कहा कि पहले मेरा बैटिंग ऑर्डर फिक्स नहीं था, मुझे 25 से 30 ओवर खेलने को नहीं मिलते थे. स्वाभाविक है कि टीम की जरूरत के हिसाब से अपनी बैटिंग में बदलाव किया. जब आखिरी ओवर में आप बैटिंग करते हैं तो आपको तेज खेलने की जरूरत होती है.
जरूरत के हिसाब से बल्लेबाजी को तैयार
उन्होंने कहा कि टीम की जरूरत के लिहाज से मेरा बैटिंग ऑर्डर बदलता रहा. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में टीम की जरूरत के हिसाब से बैटिंग करूंगा. कप्तान के रूप में वनडे के लिहाज से मेरी आखिरी सीरीज दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेली गई भारत में सीरीज थी.
क्रिकेट के सफर के बारे में उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर अब तक क्रिकेट मेरे लिए उतार-चढ़ाव भरा रहा है. कभी मेरे लिए समय सफलता से भरा रहा तो कभी कठिन दौर से गुजरना पड़ा. जब टीम के सीनियर प्लेयर्स एक-एक करके विदा हुए तो टीम अच्छे प्रदर्शन को बरकरार रखना मेरे लिए चुनौती की तरह रहा.
मैं और विराट काफी करीब
उन्होंने कहा कि विराट कोहली कप्तानी के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. मुझे किसी बात का अफसोस नहीं, विराट कोहली को सलाह देता रहूंगा. कोहली के साथ अपने समीकरणों के बारे में पूछे गये सवालों पर धोनी ने कहा कि एक दूसरे का पूरा सम्मान करने वाले संबंध रहे. उन्होंने कहा, ‘हम एक दूसरे के काफी करीब हैं. विराट एक ऐसा खिलाड़ी है जो जब भी मौका मिले तब खुद में सुधार करना चाहता है. वह हमेशा अधिक से अधिक योगदान देना चाहता है. यह महत्वपूर्ण कारक है
विराट के नेतृत्व में टीम इतिहास फिर से लिखेगी
उन्होंने कहा, ‘विराट और उनकी टीम मेरी तुलना में अधिक मैच जीतेगी. मुझे लगता है कि यह अब तक की सबसे सफल टीम होगी. उनके पास इस तरह की अनुभव और क्षमता है. उन्होंने नॉकआउट टूर्नामेंट खेले हैं और उन्होंने इन्हें दबाव में खेला है. मेरा पूरा विश्वास है कि यह ऐसी टीम है जो इतिहास फिर से लिखेगी.’
कप्तानी छोड़ने के बारे में पहले ही बोर्ड को बता दिया था
धोनी ने कप्तानी छोड़ने के अपने फैसले के संबंध में कहा कि उन्होंने बीसीसीआई को काफी पहले इस बारे में अवगत करा दिया था. उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में 2014 के दौर में टेस्ट कप्तानी छोड़ने के बाद से ही यह उनके दिमाग में घूम रहा था. धोनी से पूछा गया कि क्या कप्तानी छोड़ने के बाद टीम में उनकी भूमिका प्रभावित होगी, उन्होंने कहा कि वह कोहली को अपने सुझाव देने जारी रखेंगे. उन्होंने कहा, ‘विकेटकीपर हमेशा टीम का उप कप्तान होता है. कप्तान क्या चाहता है मैं उस पर करीबी नजर रखूंगा. मेरी विराट से पहले ही बातचीत हो गयी है. जब भी वह चाहेगा मैं उसे सुझाव देने के लिये वहां रहूंगा. मुझे क्षेत्ररक्षण की सजावट पर करीबी नजर रखनी होगी.’
जरूरत के हिसाब से बल्लेबाजी को तैयार
उन्होंने कहा कि टीम की जरूरत के लिहाज से मेरा बैटिंग ऑर्डर बदलता रहा. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में टीम की जरूरत के हिसाब से बैटिंग करूंगा. कप्तान के रूप में वनडे के लिहाज से मेरी आखिरी सीरीज दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेली गई भारत में सीरीज थी.
क्रिकेट के सफर के बारे में उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर अब तक क्रिकेट मेरे लिए उतार-चढ़ाव भरा रहा है. कभी मेरे लिए समय सफलता से भरा रहा तो कभी कठिन दौर से गुजरना पड़ा. जब टीम के सीनियर प्लेयर्स एक-एक करके विदा हुए तो टीम अच्छे प्रदर्शन को बरकरार रखना मेरे लिए चुनौती की तरह रहा.
मैं और विराट काफी करीब
उन्होंने कहा कि विराट कोहली कप्तानी के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. मुझे किसी बात का अफसोस नहीं, विराट कोहली को सलाह देता रहूंगा. कोहली के साथ अपने समीकरणों के बारे में पूछे गये सवालों पर धोनी ने कहा कि एक दूसरे का पूरा सम्मान करने वाले संबंध रहे. उन्होंने कहा, ‘हम एक दूसरे के काफी करीब हैं. विराट एक ऐसा खिलाड़ी है जो जब भी मौका मिले तब खुद में सुधार करना चाहता है. वह हमेशा अधिक से अधिक योगदान देना चाहता है. यह महत्वपूर्ण कारक है
विराट के नेतृत्व में टीम इतिहास फिर से लिखेगी
उन्होंने कहा, ‘विराट और उनकी टीम मेरी तुलना में अधिक मैच जीतेगी. मुझे लगता है कि यह अब तक की सबसे सफल टीम होगी. उनके पास इस तरह की अनुभव और क्षमता है. उन्होंने नॉकआउट टूर्नामेंट खेले हैं और उन्होंने इन्हें दबाव में खेला है. मेरा पूरा विश्वास है कि यह ऐसी टीम है जो इतिहास फिर से लिखेगी.’
कप्तानी छोड़ने के बारे में पहले ही बोर्ड को बता दिया था
धोनी ने कप्तानी छोड़ने के अपने फैसले के संबंध में कहा कि उन्होंने बीसीसीआई को काफी पहले इस बारे में अवगत करा दिया था. उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में 2014 के दौर में टेस्ट कप्तानी छोड़ने के बाद से ही यह उनके दिमाग में घूम रहा था. धोनी से पूछा गया कि क्या कप्तानी छोड़ने के बाद टीम में उनकी भूमिका प्रभावित होगी, उन्होंने कहा कि वह कोहली को अपने सुझाव देने जारी रखेंगे. उन्होंने कहा, ‘विकेटकीपर हमेशा टीम का उप कप्तान होता है. कप्तान क्या चाहता है मैं उस पर करीबी नजर रखूंगा. मेरी विराट से पहले ही बातचीत हो गयी है. जब भी वह चाहेगा मैं उसे सुझाव देने के लिये वहां रहूंगा. मुझे क्षेत्ररक्षण की सजावट पर करीबी नजर रखनी होगी.’
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