एमएस धोनी लंबे समय बाद झारखंड की कप्तानी करने जा रहे हैं (फोटो : PTI)
कोलकाता:
इंटरनेशनल क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में टीम इंडिया की कप्तानी छोड़ चुके सबसे सफलतम कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) के लिए पिछले दिनों एक बुरी खबर आई थी, जब उन्हें आईपीएल (IPL) टीम राइजिंग पुणे सुपर जायन्ट्स ने कप्तानी से हटा दिया. जहां कई पूर्व खिलाड़ी फ्रेंचाइजी के इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं, वहीं इन सबसे दूर खुद एमएस धोनी एक अलग ही अंदाज में नजर आ रहे हैं. भले ही अब वह टीम इंडिया और आईपीएल टीम के कप्तान न हों, लेकिन वह अब कप्तान के रूप में दिखेंगे. जी हां वह अपने राज्य झारखंड की टीम का नेतृत्व करने जा रहे हैं और इसकी तैयारियों में व्यस्त हैं. उनकी टीम विजय हजारे वनडे टूर्नामेंट में अपना पहला मैच ईडन गार्डन्स में 25 फरवरी को खेलेगी. अब धोनी को टीम को चैंपियन बनाकर यह बताना होगा कि उनमें टीम को आगे ले जाने का अब भी माद्दा है...
लंबे समय बाद घरेलू टीम से खेलने जा रहे एमएस धोनी के सामने अब एक अलग तरह की चुनौती है. अब उन्होंने अपनी घरेलू टीम की कमान हाथ में ली है और संभवतः उनका इरादा खुद को साबित करने का है कि उनमें अब भी दमखम बाकी है. साथ ही उन्हें चैंपियन्स ट्रॉफी से पहले वनडे में अभ्यास का भी मौका मिल जाएगा. 13 साल बाद ट्रेन का सफर करके कोलकाता पहुंचे धोनी ने ईडन गार्ड्न्स में झारखंड की जर्सी में उतरे और टीम को अभ्यास कराने के साथ ही खिलाड़ियों को खास टिप्स भी दीं.
वैसे ईशान किशन, इशांक जग्गी, विराट सिंह और गेंदबाज शाहबाज नदीम जैसे युवाओं से सजी झारखंड की टीम इस समय अच्छा प्रदर्शन कर रही है. रमजी ट्रॉफी में भी उसने शानदार खेल दिखाया थै और सेमीफाइनल तक पहुंची थी. उस समय भी खबरें आ रहीं थीं कि धोनी को टीम की कप्तानी संभाल करके रणजी जिताने में मदद करनी चाहिए, लेकिन धोनी ने टीम का मेंटर होना स्वीकार किया था.
विकेटकीपिंग करते रहेंगे...
199 वनडे मैचों में टीम इंडिया की कप्तानी करते हुए 110 जीत दिलाने चुके एमएस धोनी को विजय हजारे वनडे टूर्नामेंट के लिए झारखंड टीम की कप्तानी सौंपी गई है. वह अपनी टीम के साथ दोपहर बाद तेज धूप में मैदान पर पहुंचे और उन्होंने पहले खिलाड़ियों से बात की और फिर फुटबॉल खेली. धोनी ने बल्लेबाजों को लगभग आधे घंटे तक ऑफ स्पिन गेंदबाजी की, लेकिन मैदान पर उनकी भूमिका नहीं बदलेगी.
टीम के मैनेजर पीएन सिंह ने कहा कि एमएस धोनी विकेटकीपर ही रहेंगे और विकेट के पीछे से ही टीम की अगुवाई करेंगे. उन्होंने कहा, ‘यह अभ्यास का उनका तरीका है. वह गेंदबाजी करना चाहते थे इसलिए उन्होंने की. वह विकेटकीपर रहेंगे भले ही हमारे पास ईशान किशन के रूप में दूसरा विकेटकीपर भी है.’
एमएस धोनी ने तेज और स्पिन गेंदबाजों के सामने नेट पर जमकर बल्लेबाजी भी की. कुल मिलाकर धोनी टीम मैन हैं और वह अपने साथियों को सलाह देते रहे.
रहे सफल कप्तान, लेकिन पुणे रही सातवें नंबर पर
महेंद्र सिंह धोनी पहली बार किसी आईपीएल में कप्तान के तौर पर नहीं उतरेंगे. चेन्न्ई के साथ पहले 8 सीज़न में धोनी ने हर बार अपनी टीम को प्लेऑफ़ तक पहुंचाया, जिसमें 2 बार चेन्नई की टीम चैंपियन भी बनी. 2016 आईपीएल में अपनी नई टीम पुणे सुपरजायंट्स के साथ पहली बार धोनी की टीम अंतिम चार में शामिल नहीं हो सकी. और धोनी की स्पेशल बल्लेबाज़ी की बदौलत ही टीम अंतिम स्थान पर रहने से भी बची थी. किंग्स इलेवन पंजाब और पुणे सुपरजायंट्स के बीच अंतिम लीग मैच के ज़रिए 8वें स्थान का फ़ैसला होना था. मैच की अंतिम 2 गेंद पर पुणे को जीत के लिए 12 रनों की ज़रूरत थी और धोनी ने 2 छक्के लगाकर पुणे को मैच जितवाया और अंतिम स्थान पर होने से भी बचा लिया था.
(इनपुट भाषा से भी)
लंबे समय बाद घरेलू टीम से खेलने जा रहे एमएस धोनी के सामने अब एक अलग तरह की चुनौती है. अब उन्होंने अपनी घरेलू टीम की कमान हाथ में ली है और संभवतः उनका इरादा खुद को साबित करने का है कि उनमें अब भी दमखम बाकी है. साथ ही उन्हें चैंपियन्स ट्रॉफी से पहले वनडे में अभ्यास का भी मौका मिल जाएगा. 13 साल बाद ट्रेन का सफर करके कोलकाता पहुंचे धोनी ने ईडन गार्ड्न्स में झारखंड की जर्सी में उतरे और टीम को अभ्यास कराने के साथ ही खिलाड़ियों को खास टिप्स भी दीं.
वैसे ईशान किशन, इशांक जग्गी, विराट सिंह और गेंदबाज शाहबाज नदीम जैसे युवाओं से सजी झारखंड की टीम इस समय अच्छा प्रदर्शन कर रही है. रमजी ट्रॉफी में भी उसने शानदार खेल दिखाया थै और सेमीफाइनल तक पहुंची थी. उस समय भी खबरें आ रहीं थीं कि धोनी को टीम की कप्तानी संभाल करके रणजी जिताने में मदद करनी चाहिए, लेकिन धोनी ने टीम का मेंटर होना स्वीकार किया था.
विकेटकीपिंग करते रहेंगे...
199 वनडे मैचों में टीम इंडिया की कप्तानी करते हुए 110 जीत दिलाने चुके एमएस धोनी को विजय हजारे वनडे टूर्नामेंट के लिए झारखंड टीम की कप्तानी सौंपी गई है. वह अपनी टीम के साथ दोपहर बाद तेज धूप में मैदान पर पहुंचे और उन्होंने पहले खिलाड़ियों से बात की और फिर फुटबॉल खेली. धोनी ने बल्लेबाजों को लगभग आधे घंटे तक ऑफ स्पिन गेंदबाजी की, लेकिन मैदान पर उनकी भूमिका नहीं बदलेगी.
टीम के मैनेजर पीएन सिंह ने कहा कि एमएस धोनी विकेटकीपर ही रहेंगे और विकेट के पीछे से ही टीम की अगुवाई करेंगे. उन्होंने कहा, ‘यह अभ्यास का उनका तरीका है. वह गेंदबाजी करना चाहते थे इसलिए उन्होंने की. वह विकेटकीपर रहेंगे भले ही हमारे पास ईशान किशन के रूप में दूसरा विकेटकीपर भी है.’
एमएस धोनी ने तेज और स्पिन गेंदबाजों के सामने नेट पर जमकर बल्लेबाजी भी की. कुल मिलाकर धोनी टीम मैन हैं और वह अपने साथियों को सलाह देते रहे.
रहे सफल कप्तान, लेकिन पुणे रही सातवें नंबर पर
महेंद्र सिंह धोनी पहली बार किसी आईपीएल में कप्तान के तौर पर नहीं उतरेंगे. चेन्न्ई के साथ पहले 8 सीज़न में धोनी ने हर बार अपनी टीम को प्लेऑफ़ तक पहुंचाया, जिसमें 2 बार चेन्नई की टीम चैंपियन भी बनी. 2016 आईपीएल में अपनी नई टीम पुणे सुपरजायंट्स के साथ पहली बार धोनी की टीम अंतिम चार में शामिल नहीं हो सकी. और धोनी की स्पेशल बल्लेबाज़ी की बदौलत ही टीम अंतिम स्थान पर रहने से भी बची थी. किंग्स इलेवन पंजाब और पुणे सुपरजायंट्स के बीच अंतिम लीग मैच के ज़रिए 8वें स्थान का फ़ैसला होना था. मैच की अंतिम 2 गेंद पर पुणे को जीत के लिए 12 रनों की ज़रूरत थी और धोनी ने 2 छक्के लगाकर पुणे को मैच जितवाया और अंतिम स्थान पर होने से भी बचा लिया था.
(इनपुट भाषा से भी)
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