यह ख़बर 28 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

मेलबर्न टेस्ट, तीसरा दिन : रहाणे, कोहली के शतकों के दम पर भारत मुश्किलों से उबरा, 462/8

मेलबर्न टेस्ट में शॉट जमाते विराट कोहली

मेलबर्न:

विराट कोहली (169) और अजिंक्य रहाणे (147) ने शानदार शतक लगाकर बॉक्सिंग डे टेस्ट के तीसरे दिन रविवार को भारतीय टीम को अच्छी स्थिति में पहुंचाने का काम किया। इन दोनों की बहादुरी भरी बल्लेबाजी के कारण ही भारत पहली पारी में तीसरे दिन स्टम्प्स तक आठ विकेट पर 462 रन बनाने में सफल रहा।

मेलबर्न क्रिकेट मैदान (एमसीजी) पर जारी चार मैचों की सीरीज के इस तीसरे मैच में ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी के 530 रनों के जवाब में भारत अभी भी 68 रन पीछे है, लेकिन अपनी शतकीय पारियों से कोहली और रहाणे ने अपने साथियों को जो आत्मविश्वास दिया है, उसकी बदौलत वे निश्चित तौर पर इस मैच में अपनी छाप छोड़ सकते हैं।

तीसरे दिन के पहले सत्र में मुरली विजय (68) और चेतेश्वर पुजारा (25) के जल्दी-जल्दी आउट होने के बाद कोहली और रहाणे ने चौथे विकेट के लिए रिकार्ड 262 रनों की साझेदारी कर भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाने का काम किया।

कोहली ने जहां इस सीरीज में अपना तीसरा और कुल नौवां शतक लगाया वहीं रहाणे ने अपना तीसरा शतक पूरा किया। रहाणे के तीनों शतक विदेशी धरती पर लगे हैं।

कोहली 462 के कुल योग पर मिशेल जानसन की गेंद पर विकेट के पीछे ब्रैड हेडिन के हाथों लपके गए। कोहली ने 272 गेंदों का सामना करते हुए 18 चौके लगाए। मोहम्मद समी नौ रन पर नाबाद लौटे। कोहली का विकेट गिरने के साथ ही दिन के खेल की समाप्ति की गई। भारत ने अब तक 126.2 ओवर खेले हैं।

रहाणे का विकेट 409 रन के कुल योग पर गिरा था, लेकिन उसके बाद भारतीय टीम ने अगले 25 रनों पर तीन विकेट गंवा दिए। कोहली ने अश्विन के आउट होने के बाद समी के साथ आठवें विकेट के लिए 28 रन जोड़े।

आउट होने वाले बल्लेबाजों में अपना पहला टेस्ट खेल रहे लोकेश राहुल (3), कप्तान महेंद्र सिंह धौनी (11) और रविचंद्रन अश्विन (0) शामिल हैं। धौनी और अश्विन को रायन हैरिस ने आउट किया जबकि रहाणे और राहुल का विकेट नेथन लॉयन ने लिया।

तीसरे दिन का खेल पूरी तरह कोहली और रहाणे के नाम रहा। अपनी-अपनी शतकीय पारियों के दौरान कोहली को एक और रहाणे को दो जीवनदान मिले लेकिन वे इससे विचलित नहीं हुए और टीम को मजबूती प्रदान करने का काम जारी रखा।

कोहली और रहाणे ने अपने देश के लिए ऐतिहासिक एमसीजी पर चौथे विकेट के लिए पहली और रिकॉर्ड शतकीय साझेदारी को अंजाम दिया।

भारत ने इस मैदान पर अब तक कुल 12 टेस्ट मैच खेले हैं लेकिन इससे पहले एक भी मौके पर चौथे विकेट के लिए बल्लेबाज शतकीय साझेदारी नहीं कर सके थे। कोहली और रहाणे ने हालांकि इस मिथक को तोड़ते हुए 262 रनों की साझेदारी को अंजाम दिया है।

खास बात यह है कि मौजूदा चार मैचों की सीरीज में तीसरा शतक लगाने वाले कोहली और इस साल विदेशी धरती पर तीसरा शतक लगाने वाले कोहली के बीच की यह साझेदारी काफी आक्रामक रही क्योंकि दोनों ने चार से अधिक के औसत से रन बटोरे।

इन दोनों ने इस मैदान पर भारत के लिए किसी भी विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी को अंजाम दिया है। यही नहीं, दोनों ने एशिया से बाहर भारत के लिए बीते 10 सालों में सबसे बड़ी साझेदारी की है।

एमसीजी में इससे पहले सबसे बड़ी साझेदारी का रिकार्ड चेतन चौहान और सुनील गावस्कर के नाम था, जिन्होंने 1981 में पहले विकेट के लिए 165 रन जोड़े थे। उसी साल भारत इस मैदान पर अंतिम बार जीता था।

एमसीजी पर भारत के लिए तीन मौकों पर पहले विकेट के लिए शतकीय साझेदारी हुई है। इसके अलावा दूसरे और तीसरे विकेट के लिए भी तीन-तीन मौकों पर शतकीय साझेदारियां हुई हैं।

इससे पहले इस मैदान पर 2011 में सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ के बीच तीसरे विकेट के लिए 117 रनों की साझेदारी हुई थी।

इससे पहले, दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक पुजारा और विजय नाबाद लौटे थे। भारत ने दूसरे दिन स्टम्प्स तक एक विकेट पर 108 रन बनाए थे। पुजारा एक दिन पुराने अपने स्कोर में बिना कोई इजाफा किए हैरिस द्वारा फेंकी गई दिन की दूसरी ही गेंद पर बल्ला लगाते हुए विकेट के पीछे ब्रैड हेडिन के शिकार बने।

हेडिन ने एक शानदार कैच लपकते हुए पुजारा की पारी का अंत किया। पुजारा 108 के कुल योग पर आउट हुए। पुजारा और विजय के बीच 53 रनों की साझेदारी हुई। पुजारा ने 71 गेंदों पर दो चौके लगाए।

इसके बाद विजय ने कोहली के साथ तीसरे विकेट के लिए 39 रनों की साझेदारी की। यह साझेदारी काफी अच्छी दिख रही थी लेकिन विजय ने भी वही गलती दोहराई जो पुजारा ने की थी।

शेन वॉटसन की एक बाहर जाती गेंद पर बल्ला लगाते हुए वह शॉन मार्श के हाथों स्लिप में लपके गए। विजय ने 68 रनों की पारी में 135 गेंदों का सामना कर सात चौके लगाए।

आस्ट्रेलिया की ओर से हैरिस ने चार विकेट लिए हैं जबकि लॉयन ने दो सफलता हासिल की है। मिशेल जानसन और वॉटसन को एक-एक विकेट मिला है।

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चार मैचों की सीरीज में भारत 0-2 से पीछे है। उसे एडिलेड और ब्रिस्बेन में हार मिली थी। मेलबर्न में भारत ने 1981 के बाद से कोई टेस्ट नहीं जीता है।