न्यूजीलैंड के महान बल्लेबाज मार्टिन क्रो ने इंग्लैंड में चल रही मौजूदा टेस्ट शृंखला में महेंद्र सिंह धोनी की ‘तर्कहीन’ कप्तानी की आलोचना की और उन्हें लगता है कि इस लंबे प्रारूप में भारत उनकी अगुवाई के बिना ही अच्छा प्रदर्शन करेगा।
क्रो ने लिखा, अगर वह (धोनी) टेस्ट क्रिकेट की कप्तानी से हट जाता है तो भारत को उसकी अजीब और कभी कभार विचित्र रणनीतियों की कमी खलेगी। उसका चयन तब तर्कहीन होता है जब विशेषज्ञों के चयन में उचित संतुलना ढूंढना होता है। उन्होंने लिखा, मैच के हालात की मांग को देखते हुए मैदान पर बतौर विकेटकीपर और रणनीतिज्ञ के तौर पर उसके फैसले भी अकसर अजीब से होते हैं। इशांत शर्मा का लॉर्डस पर शॉर्ट गेंदबाजी करना अपवाद है। भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा पांच मैचों की टेस्ट शृंखला में 1-2 से पिछड़ रही है और धोनी की कप्तानी में विदेशों में एक और सीरीज गंवाने की कगार पर खड़ी है। यह विकेटकीपर बल्लेबाज इस तरह स्टीफन फ्लेमिंग और ब्रायन लारा के विदेशों में मिली 16 हार के निराशाजनक रिकॉर्ड की बराबरी से केवल तीन हार दूर है।
न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान क्रो ने कहा कि धोनी की रणनीति केवल सीमित ओवरों के क्रिकेट के मुफीद है और उसे टेस्ट के बजाय अगले साल ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में होने वाले विश्व कप में भारतीय टीम के खिताब बरकरार रखने पर ध्यान लगाना चाहिए। क्रो ने कहा, उसने (धोनी) पहले भी कहा कि टेस्ट क्रिकेट उसके लिए ठीक नहीं है। इससे पता चलता है कि वह सीमित ओवरों में प्रभावशाली कप्तान और खिलाड़ी क्यों हैं। उन्होंने कहा, टेस्ट में यह समान नहीं है और सवाल उठता है कि वह बतौर टेस्ट खिलाड़ी ऐसे ही कितने लंबे समय तक जारी रह सकता है। सवाल यह है क्या वह शतक के लिए बना रहेगा जैसा कि तेंदुलकर ने अपने दोहरे शतक के लिए किया था? शायद।
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