महेंद्र सिंह धोनी (फोटो सौजन्य : AFP)
नई दिल्ली: इंदौर में रोहित शर्मा, शिखर धवन और विराट कोहली पैवेलियन लौट चुके थे। टीम इंडिया मुश्किल में थी। कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी पर दोहरा दबाव था। मैदान पर दक्षिण अफ़्रीकी गेंदबाज़ तो मैदान के बाहर आलोचक माही की मुश्किलें बढ़ा रहे थे।
कुछ ही दिन पहले पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अज़हरूद्दीन ने बयान दिया था, "धोनी उस स्तर के खिलाड़ी नहीं रह गए हैं।"
तो एक और पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने ट्वीट किया था, "खिलाड़ी धोनी का नहीं चलना, कप्तान धोनी की हार की वजह है।"
आलोचकों को करारा जवाब
क्रीज़ पर धोनी उतरे तो स्कोर बोर्ड पर सिर्फ़ 82 रन थे। 6 ओवर के अंदर अजिंक्य रहाणे और सुरेश रैना भी साथ छोड़ गए। स्कोर हो गया 5 विकेट पर 104 रन। धोनी ने तमाम अलोचकों को बल्ले से करारा जवाब देने की ठान रखी थी। हरभजन सिंह के साथ 56, भुवनेश्वर कुमार के साथ 41 और मोहित शर्मा के साथ नाबाद 22 रनों की साझेदारी कर स्कोर को पहुंचा दिया 9 विकेट पर 247 रन।
धोनी की नाबाद 92 रन की पारी
धोनी 92 रन बनाकर नॉट आउट रहे जिसमें शामिल थे 7 चौके और 4 दमदार छक्के। 34 साल के विकेटकीपर-बल्लेबाज़ कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने दिखा दिया है कि उनमें अब भी क्रिकेट बाकी है। टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन का ठीकरा उनके सर नहीं फोड़ा जा सकता।
कोहली और रैना हैं लचर प्रदर्शन की वजह
सच तो ये है कि भारतीय टीम के लचर प्रदर्शन की सबसे बड़ी वजह है टीम के नंबर-1 बल्लेबाज़ विराट कोहली का नहीं चल पाना। कोहली के 22 शतक में 14 शतक लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत को जीत तक पहुंचाने में कामयाब रहे हैं। लेकिन पिछली 12 पारियों में वे अर्द्धशतक तक नहीं लगा पाए हैं। इस साल उनका औसत 30 से भी कम है। ये एक कैलेंडर वर्ष में उनका सबसे खराब औसत है।
सुरेश रैना दोनों टी-20 में नाकाम रहे। यहां इंदौर में खाता भी नहीं खोल पाए। बांग्लादेश में भी तीन वनडे में उनका प्रदर्शन औसत रहा था।
धोनी का साथ दिया गावस्कर ने
धोनी पर आलोचना की बरसात में पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर धोनी के साथ खड़े रहे, "ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है। कोई भी शिखर, रैना, विराट और बिन्नी के प्रदर्शन पर सवाल नहीं उठा रहा है। गेंदबाज़ों के प्रदर्शन को हर कोई नज़रअंदाज कर रहा है। सारा दोष धोनी पर थोप दिया गया है। ये ग़लत है। मेरे ख़्याल से वो अगले 3 से 5 साल तक खेल सकते हैं।"
इंदौर में धोनी ने गावस्कर को सही ठहरा दिया। हालांकि आलोचक अब भी कहां मान रहे हैं। संजय मांजरेकर उनसे कप्तानी छीन लिए जाने पर अमादा हैं।
कोहली से बेहतर औसत धोनी का
हालांकि पिछले एक साल की बात करें तो धोनी विराट कोहली से वनडे में पीछे नहीं हैं। कोहली ने 23 मैचों में 45.10 की औसत से 857 रन बनाए हैं तो धोनी ने बीते 12 महीनों में 18 वनडे में कोहली से बेहतर औसत 46.41 की दर से 557 रन बनाए हैं।