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This Article is From May 05, 2020

Coronavirus: गेंद को चमकाने के लिए थूक की जगह लगाई जा सकती है ये चीज, लिया जाएगा बड़ा फैसला

गेंद निर्माता कंपनी कूकाबुरा (Kookaburra) लार और पसीने के विकल्प के तौर पर जल्द ही ‘वैक्स एप्लिकेटर’ (Wax Applicator) तैयार करेगा जो कोविड-19 (Covid-19) के बाद के क्रिकेट जगत में गेंदबाजों को गेंद चमकाने में मदद करेगा

Coronavirus: गेंद को चमकाने के लिए थूक की जगह लगाई जा सकती है ये चीज, लिया जाएगा बड़ा फैसला
गेंद को चमकाने के लिये लार का विकल्प तैयार करेगा कूकाबुरा
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
गेंद को चमकाने के लिये लार का विकल्प तैयार करेगा कूकाबुरा
कोरोनावायरस के कारण खिलाड़ियों की सुरक्षा को देखते हुए लिया जाएगा फैसला
वैक्स एप्लिकेटर तैयार करने की रणऩीति पर किया जा रहा है फोकस

आस्ट्रेलिया की क्रिकेट गेंद निर्माता कंपनी कूकाबुरा (Kookaburra) लार और पसीने के विकल्प के तौर पर जल्द ही ‘वैक्स एप्लिकेटर' (Wax Applicator) तैयार करेगा जो कोविड-19 (Covid-19) के बाद के क्रिकेट जगत में गेंदबाजों को गेंद चमकाने में मदद करेगा. ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं कि इस बेहद संक्रामक बीमारी के जोखिम को कम करने के लिये गेंद को चमकाने के लिये लार का इस्तेमाल करने पर रोक लगायी जा सकती है. रिपोर्टों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) गेंद को चमकाने के लिये अंपायरों की निगरानी में कृत्रिम चीजों का उपयोग करने की अनुमति देने पर विचार कर रही है. इस स्थिति में कूकाबुरा ने ‘वैक्स एप्लिकेटर' तैयार करने की शुरुआत कर दी है जो कि एक महीने के अंदर तैयार हो जाएगा. कूकाबुरा समूह के प्रबंध निदेशक ब्रेट इलियट ने पीए समाचार एजेंसी से कहा, आस्ट्रेलिया में कूकाबुरा का शोध एवं विकास केंद्र गेंद को चमकाने के पारंपरिक तरीके के विकल्प को तैयार करने पर काम कर रहा है. हमने क्रिकेट गेंद को चमकाने के लिये खास तरह का वैक्स फार्मूला तैयार किया है.

उन्होंने कहा, ‘‘खिलाड़ी या अंपायर गेंद को चमकाने के लिये इस स्पंजनुमा वस्तु को उस पर लगाएंगे जिसके बाद गेंदबाज अपनी गेंद को पोशाक पर रगड़कर पारंपरिक तरीके से उसे चमका सकता है. गौरतलब है कि जब से कोरोनावायरस (Coronavirus) का कहर पूरी दुनिया में बरप रहा है उसी को देखते हुए आईसीसी इस तरह से फैसले पर विचार कर रही है. इसी साल अक्टूबर में टी-20 वर्ल्डकप भी खेला जाना है. ऐसे में आईसीसी की चिंता वाजिब है.

गौरतलब है कि हऱभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने इस बारे में अपनी राय दी है और कहा कि, यदि आईसीसी थूक लगाने पर पाबंदी लगाती है तो गेंदबाजों के लिए काफी मुश्किल होगी, गेंदबाज एक मशीन बनकर रह जाएंगे. वहीं, शोएब अख्तर, एलेन डोनाल्ड ने अपने बयान में कहा है कि गेंदबाजों को ऐसे विकल्प मिलने चाहिए जिससे उनकी गेंदबाजी ज्यादा प्रभावित ना हो.

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