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'हरियाणा हर्रिकेन' कपिल देव अब इंडियन क्रिकेट लीग का हिस्सा नहीं हैं। उन्होंने आईसीएल से इस्तीफा दे दिया है।
इस बाबत उन्होंने आईसीएल को ख़त भी लिख दिया है जिसकी एक्सक्लूसिव कॉपी एनडीटीवी इंडिया के पास है। खत के मजमून से उनके बीसीसीआई बोर्ड के पवेलियन में वापस लौटने के संकेत हैं।
आईसीएल के हिमांशु मोदी को लिखे खत में कपिल का कहना है, 'मैं आईसीएल के साथ क्रिकेट को बढा़वा देने के लिए जुड़ा था... चूंकि आईसीएल में क्रिकेट खत्म हो चुका है... इसलिए अब मैं आईसीएल के डायरेक्टर के पद से इस्तीफा देता हूं'
कपिल ने अपने इस्तीफे में साफ कर दिया है कि अब वह आईसीएल और बीसीसीआई के बीच चल रही किसी भी अदालती कार्रवाई में हिस्सा नहीं लेंगे।
साल 2007 में बड़े ही धूमधाम से एसेल ग्रुप ने आईसीएल लांच किया था। भारतीय कंट्रोल बोर्ड के भारी विरोध के बावजूद दुनियाभर के खिलाड़ी बागी लीग से जुड़े। इस लीग में नौ टीमें थी... जिसमें चार देशों के खिलाड़ी जुड़े थे लेकिन दो सीज़न के खेल में ही आईसीएल विवादों के घेरे में आ गया और खिलाड़ियों पर मैच फिक्स करने के आरोप भी लगे।
इधर, बीसीसीआई ने भी आईसीएल के तर्ज पर आईपीएल की शुरुआत की। आईपीएल के साथ अच्छी बात रही की उसे दुनियाभर के बोर्ड ने सर्मथन दिया। बड़े-बड़े खिलाड़ी इससे जुड़े। आईपीएल की चकाचौंध इतनी बड़ी थी कि उसके आगे आईसीएल टिक नहीं सका और आयोजकों को इसे बंद करने का फैसला करना पड़ा।