विज्ञापन
This Article is From Apr 02, 2017

कपिल देव की प्रतिभा पर सीनियर क्रिकेटरों को था संदेह, फिर कपिल ने कुछ यूं दिया था 'जवाब'...

कपिल देव की प्रतिभा पर सीनियर क्रिकेटरों को था संदेह, फिर कपिल ने कुछ यूं दिया था 'जवाब'...
कपिल देव ने तीसरे टेस्ट में ही 59 रनों की पारी से ऑलराउंडर होने का परिचय दे दिया था (फाइल फोटो)
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
भारत ने पहला वनडे वर्ल्ड कप कपिल देव की कप्तानी में जीता था
कपिल देव ने एक समय टेस्ट में सबसे अधिक 434 विकेट लिए थे
कपिल देव विश्व के महान ऑलराउंडर रहे हैं
मुंबई: भारत के लिए पहला वनडे वर्ल्ड कप जीतने वाले टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और ऑलराउंड कपिल देव को भला कौन नहीं जानता. एक समय विश्व के बेस्ट ऑलराउंडर रहे कपिल देव का करियर भी मुश्किलों से भरा रहा. वह टीम में जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे. यहां तक कि टीम इंडिया के कई सीनियर क्रिकेटरों को भी उनकी प्रतिभा पर शक था और कपिल उनको प्रभावित नहीं कर पा रहे थे. फिर एक मैच में ऐसा हुआ कि इन सबकी धारणा बदल गई. इसके बाद कपिल देव ने टीम में अपना दावा मजबूती से रख दिया. वैसे टीम इंडिया को शुरुआती दौर से ही तेज गेंदबाज ऑलराउंडर की तलाश थी, जो कपिल देव पर जाकर खत्म हुई थी. हालांकि वर्तमान में भी उसे एक तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर की जरूरत है. कपिल देव एक समय पर वर्ल्ड में टेस्ट में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे थे. आइए जानते हैं कि एक पूर्व भारतीय खिलाड़ी ने कपिल देव की प्रतिभा का कैसे बखान किया...

पूर्व भारतीय टेस्ट खिलाड़ी यजुर्विंद्र सिंह ने शनिवार को क्रिकेट क्लब आफ इंडिया में पहला ‘राजसिंह डूंगरपुर स्प्रिट आफ क्रिकेट लेक्चर’ के दौरान कपिल देव का जिक्र करते हुए उनकी कहानी सुनाई. उन्होंने बताया कि किस तरह से पूर्वी अफ्रीका में 1978 में खेली गई एक पारी ने युवा खिलाड़ी कपिल देव की किस्मत बदल दी थी और कुछ शीर्ष भारतीय क्रिकेटरों की उनके बारे में राय भी बदल गई थी. यजुर्विंद्र ने हरियाणा के रहने वाले कपिल की राजस्थान क्रिकेट टीम के साथ अतिरिक्त सदस्य के रूप में पूर्वी अफ्रीका के दौरे का जिक्र किया.

यजुर्विंद्र ने कहा कि राजसिंह डूंगरपुर ने कपिल देव को अतिरिक्त सदस्य के रूप में चुना था. यजुर्विंद्र ने आगे कहा, ‘हमारी टीम काफी मजबूत थी जिसमें टाइगर (पटौदी) सहित कई टेस्ट खिलाड़ी शामिल थे. जब कपिल बल्लेबाजी के लिए गया, तो हमारी टीम लगभग 270 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए नौ विकेट गंवा चुकी थी और संकट में थी. जिस तरह से कपिल बल्लेबाजी के लिए गया, तो टाइगर ने राजसिंह के पास कोई टिप्पणी की और संदेह जताया कि क्या यह टीम को बचा सकता है.’

उन्होंने बताया कि इस पारी में कपिल का साथ सैयद किरमानी ने दिया. उन्होंने कहा, ‘जब कपिल क्रीज पर उतरा तो सैयद किरमानी तीन रन पर खेल रहे थे और जब उन्होंने मैच समाप्त किया तो वह 53 रन पर नाबाद थे और किरमानी छह रन पर. कपिल ने मैदान पर जाने से पहले मुझसे कहा था कि मैं सीधे बल्ले से खेलूंगा. उन्होंने पहली गेंद ही छक्के लिए भेज दी थी.’ इस पारी ने दौरे पर गये क्रिकेटरों के मुंह बंद कर दिये थे और वे कपिल देव की प्रतिभा से अवगत हो गये थे.

राजकोट में जन्में इस पूर्व क्रिकेटर ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हाल में समाप्त हुई टेस्ट सीरीज के दौरान खेल भावना नहीं दिखाने पर पर अफसोस भी जताया.

इंग्लैंड के खिलाफ 1976.77 में बेंगलूर में अपने टेस्ट पदार्पण पर शॉर्ट लेग पर खड़े होकर सात कैच लेकर ऑस्ट्रेलिया के ग्रेग चैपल के रिकॉर्ड की बराबरी करने वाले यजुवेंद्र ने कहा, ‘खेल भावना खतरे में है और अधिकारियों को कुछ ठोस कदम उठाने की जरूरत है.’ अपनी उपलब्धि को याद करते हुए यजुवेंद्र ने कहा कि उनके मेंटर तथा बीसीसीआई और सीसीआई के पूर्व अध्यक्ष राजसिंह ने उनकी तारीफ करने के बजाय उनसे सवाल किया था कि उन्होंने आठवां कैच क्यों छोड़ दिया था.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com