जसप्रीत बुमराह ने अंतिम ओवर में इंग्लैंड के दो विकेट लेकर टीम को जीत दिला दी (फोटो : AFP)
नई दिल्ली:
टीम इंडिया रविवार को टी-20 सीरीज हारते-हारते बच गई. इंग्लैंड के साथ तीन वनडे मैचों की सीरीज का दूसरा मैच ऐसे में समय पर टीम इंडिया की झोली में आ गिरा, जब उसकी हार लगभग तय लग रही थी, क्योंकि अंतिम ओवरों में इंग्लैंड को जीत के लिए जितने रन चाहिए थे, वह टी-20 क्रिकेट में आमतौर पर आसानी से बन जाते हैं. वह तो भला हो स्लिंगी एक्शन वाले तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह का, जिन्होंने इंग्लैंड के मुंह से जीत खींच ली. वैसे भी टीम इंडिया ने इंग्लैंड को जो लक्ष्य दिया था, वह बहुत मुश्किल नहीं था. बुमराह के अलावा बाएं हाथ के तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने भी शानदार गेंदबाजी की और जीत में अहम योगदान दिया, लेकिन इन दोनों गेंदबाजों की चमक के बीच टीम इंडिया के दो अन्य सितारों का योगदान छिप गया...
टी-20 के लिहाज से टीम इंडिया ने इंग्लैंड के सामने 145 रन का जो लक्ष्य रखा था, वह मॉडर्न क्रिकेट और इंग्लैंड के स्ट्राइकरों को देखते हुए कहीं से भी सुरक्षित नहीं था. फिर भी गेंदबाजों ने टीम इंडिया की वापसी कराते हुए उसे जीत दिला दी. एक साल में ऐसा दूसरी बार हुआ है जब टीम इंडिया ने अपनी ही धरती पर छोटे लक्ष्य का खूबसूरती से बचाव किया. इससे पहले पिछले ही साल भारत ने बेंगलुरू टी-20 में 146 रन के स्कोर का बचाव किया था और 1 रन से जीत दर्ज की थी.
फिलहाल नागपुर टी-20 की बात करते हैं, जहां टीम इंडिया की बल्लेबाजी एक बार फिर फेल हो गई, लेकिन गेंदबाज छा गए. टीम इंडिया की जीत में आशीष नेहरा, जसप्रीत बुमराह के अलावा लेग स्पिनर अमित मिश्रा और बल्लेबाजी में लोकेश राहुल के योगदान को नहीं भुलाया जा सकता. आइए जानते हैं कि इन चारों खिलाड़ियों ने किस तरह से जीत में भूमिका निभाई...
1. चोट के बाद वनडे में फेल रहे लोकेश राहुल लौटे फॉर्म में
इंग्लैंड के खिलाफ चोट के बाद वापसी करने वाले ओपनर लोकेश राहुल ने वनडे सीरीज में तो खासा निराश (तीन पारियों में 8, 5 और 11 रन) किया था और ओपनिंग को लेकर विराट कोहली की चिंताएं बढ़ गईं थीं, तभी तो उन्होंने टी-20 सीरीज में खुद ओपनिंग करने का मन बना लिया. हालांकि वह खुद भी टी-20 के दोनों मैचों में सफल नहीं रहे और 29 और 21 रन बनाए, लेकिन नागुपर में राहुल ने अपनी पुरानी चमक दिखाई और लगातार गिर रहे विकेटों और कम होती रनगति के बीच अपनी ओर से पूरा जोर लगाया. राहुल 47 गेंदों में 71 रन की पारी खेली और 18वें ओवर में आउट हुए.
मतलब उन्होंने लगभग अंत तक बल्लेबाजी की. यह उनके टी-20 करियर की पहली फिफ्टी भी रही, जिसे उन्होंने 32 गेंदों में पूरा किया था. उनकी इस पारी के कारण ही टीम इंडिया 144 रन बना पाई. अन्यथा स्थिति और खराब होती और मैच बचाना मुश्किल हो जाता. राहुल ने अकेले ही लगभग आधे रन बना दिए.
2. परवेज रसूल की जगह शामिल किए गए लेग स्पिनर अमित मिश्रा
अमित मिश्रा को इंग्लैंड के खिलाफ वनडे में खेलने का मौका नहीं मिला, जबकि उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में अच्छा प्रदर्शन किया था. उन्होंने कीवी टीम के खिलाफ विशाखापटनम में सीरीज के निर्णायक वनडे मैच में 18 रन देकर 5 विकेट चटकाकर टीम को जीत दिला दी थी. नागपुर टी-20 में जम्मू-कश्मीर के परवेज रसूल की जगह शामिल किए गए मिश्रा ने कसी हुई गेंदबाजी की और 4 ओवर में 25 रन खर्च किए. उन्होंने इंग्लैंड की रनगति पर न केवल अंकुश लगाया, बल्कि जो रूट (38) और कप्तान इयोन मॉर्गन (17) के बीच 43 रनों की अहम साझेदारी को तोड़ दिया. यह साझेदारी भारत के लिए खतरनाक होती लग रही थी, तभी अमित मिश्रा ने मॉर्गन को हार्दिक पांड्या के हाथों कैच करा भारत की कुछ हद तक वापसी करा दी.
इतना ही नहीं वह थोड़े अनलकी रहे अन्यथा उसी ओवर में बेन स्टोक्स का विकेट भी हासिल कर लेते, क्योंकि उनका पैर बॉलिंग क्रीज से बाहर निकल गया और नोबॉल हो गई. स्टोक्स ने इसका फायदा भी उठाया और 27 गेंदों पर दो चौके और दो छक्के की मदद से 38 रन बना दिए. मिश्रा भारत की ओर से मैच में सबसे ज्यादा डॉट बॉल (8) डालने वाले दूसरे गेंदबाज रहे. मैच में बुमराह ने भारत के लिए सबसे ज्यादा डॉट बॉल (14) डालीं. मिश्रा ने टी-20 मैचों में अपने 200 विकेट भी पूरे किए.
3. स्लिंगी एक्शन वाले जसप्रीत बुमराह
इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में जसप्रीत बुमराह की जोरदार पिटाई हुई थी और वह काफी महंगे साबित हुए थे. नागपुर टी-20 में भी पहले दो ओवरों में उन्होंने 16 रन खर्च कर दिए थे, लेकिन अंतिम के दो ओवरों में उन्होंने कमाल कर दिया. बुमराह को डेथ ओवरों में शानदार गेंदबाजी के लिए जाना जाता है, लेकिन वह पिछले कुछ मैचों से आउट ऑफ टच दिख रहे थे. शुक्र है कि उन्होंने नागपुर के अंतिम ओवरों में वापसी कर ली. जसप्रीत बुमराह ने स्लॉग ओवरों में शानदार गेंदबाजी की...
बुमराह ने 18वें और 20वें ओवर में कुल मिलाकर 5 रन दिए. एक समय इस मैच में इंग्लैंड की जीत सुनिश्चित दिख रही थी, लेकिन बुमराह ने आखिरी ओवर में पासा पलट दिया. उन्होंने अंतिम ओवर में दो विकेट लिए और दो रन ही दिए, जबकि इंग्लैंड को जीत के लिए 8 रन चाहिए थे. इस प्रकार भारत ने 5 रन से मैच जीत लिया.
4. बाएं हाथ के वेटरन तेज गेंदबाज आशीष नेहरा
साल 2016 की शुरुआत से अब तक बाएं हाथ के तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने उम्र को मात देते हुए टी-20 में पहले पावरप्ले (शुरुआती 6 ओवर) में 15 विकेट चटकाए हैं. मतलब नेहरा ने हर मौके पर टीम इंडिया को शुरुआती दौर में विकेट निकालकर दिए हैं. उनकी महारत को आप इसी से समझ सकते हैं कि ऐसे करने वाले वह पहले गेंदबाज हैं. नेहरा ने नागपुर टी-20 में भी इंग्लैंड को 22 रन पर दो बड़े झटके दिए और ओपनर जेयन रॉय व सैम बिलिंग्स को लौटाकर बड़ी सफलताएं दिलाईं थीं. यह दोनों लय पकड़ते दिख रहे थे. आशीष नेहरा ने नागपुर टी20 में इंग्लैंड को शुरुआत में ही दो बड़े झटके दे दिए...
नेहरा ने अंतिम ओवरों में 27 गेंदों पर दो चौके और दो छक्के की मदद से 38 रन बनाकर खेल रहे बेन स्टोक्स को भी आउट किया, जो मैच को भारत से दूर ले जाते दिख रहे थे. यह कुछ हद तक मैच का टर्निंग पॉइंट भी रहा. नेहरा ने महज 28 रन देकर कुल 3 विकेट चटकाए.
टी-20 के लिहाज से टीम इंडिया ने इंग्लैंड के सामने 145 रन का जो लक्ष्य रखा था, वह मॉडर्न क्रिकेट और इंग्लैंड के स्ट्राइकरों को देखते हुए कहीं से भी सुरक्षित नहीं था. फिर भी गेंदबाजों ने टीम इंडिया की वापसी कराते हुए उसे जीत दिला दी. एक साल में ऐसा दूसरी बार हुआ है जब टीम इंडिया ने अपनी ही धरती पर छोटे लक्ष्य का खूबसूरती से बचाव किया. इससे पहले पिछले ही साल भारत ने बेंगलुरू टी-20 में 146 रन के स्कोर का बचाव किया था और 1 रन से जीत दर्ज की थी.
फिलहाल नागपुर टी-20 की बात करते हैं, जहां टीम इंडिया की बल्लेबाजी एक बार फिर फेल हो गई, लेकिन गेंदबाज छा गए. टीम इंडिया की जीत में आशीष नेहरा, जसप्रीत बुमराह के अलावा लेग स्पिनर अमित मिश्रा और बल्लेबाजी में लोकेश राहुल के योगदान को नहीं भुलाया जा सकता. आइए जानते हैं कि इन चारों खिलाड़ियों ने किस तरह से जीत में भूमिका निभाई...
1. चोट के बाद वनडे में फेल रहे लोकेश राहुल लौटे फॉर्म में
इंग्लैंड के खिलाफ चोट के बाद वापसी करने वाले ओपनर लोकेश राहुल ने वनडे सीरीज में तो खासा निराश (तीन पारियों में 8, 5 और 11 रन) किया था और ओपनिंग को लेकर विराट कोहली की चिंताएं बढ़ गईं थीं, तभी तो उन्होंने टी-20 सीरीज में खुद ओपनिंग करने का मन बना लिया. हालांकि वह खुद भी टी-20 के दोनों मैचों में सफल नहीं रहे और 29 और 21 रन बनाए, लेकिन नागुपर में राहुल ने अपनी पुरानी चमक दिखाई और लगातार गिर रहे विकेटों और कम होती रनगति के बीच अपनी ओर से पूरा जोर लगाया. राहुल 47 गेंदों में 71 रन की पारी खेली और 18वें ओवर में आउट हुए.
केएल राहुल वनडे में आउट ऑफ फॉर्म चल रहे थे (फाइल फोटो)
मतलब उन्होंने लगभग अंत तक बल्लेबाजी की. यह उनके टी-20 करियर की पहली फिफ्टी भी रही, जिसे उन्होंने 32 गेंदों में पूरा किया था. उनकी इस पारी के कारण ही टीम इंडिया 144 रन बना पाई. अन्यथा स्थिति और खराब होती और मैच बचाना मुश्किल हो जाता. राहुल ने अकेले ही लगभग आधे रन बना दिए.
2. परवेज रसूल की जगह शामिल किए गए लेग स्पिनर अमित मिश्रा
अमित मिश्रा को इंग्लैंड के खिलाफ वनडे में खेलने का मौका नहीं मिला, जबकि उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में अच्छा प्रदर्शन किया था. उन्होंने कीवी टीम के खिलाफ विशाखापटनम में सीरीज के निर्णायक वनडे मैच में 18 रन देकर 5 विकेट चटकाकर टीम को जीत दिला दी थी. नागपुर टी-20 में जम्मू-कश्मीर के परवेज रसूल की जगह शामिल किए गए मिश्रा ने कसी हुई गेंदबाजी की और 4 ओवर में 25 रन खर्च किए. उन्होंने इंग्लैंड की रनगति पर न केवल अंकुश लगाया, बल्कि जो रूट (38) और कप्तान इयोन मॉर्गन (17) के बीच 43 रनों की अहम साझेदारी को तोड़ दिया. यह साझेदारी भारत के लिए खतरनाक होती लग रही थी, तभी अमित मिश्रा ने मॉर्गन को हार्दिक पांड्या के हाथों कैच करा भारत की कुछ हद तक वापसी करा दी.
अमित मिश्रा को नागपुर टी20 में परवेज रसूल की जगह मौका मिला (फाइल फोटो: BCCI)
इतना ही नहीं वह थोड़े अनलकी रहे अन्यथा उसी ओवर में बेन स्टोक्स का विकेट भी हासिल कर लेते, क्योंकि उनका पैर बॉलिंग क्रीज से बाहर निकल गया और नोबॉल हो गई. स्टोक्स ने इसका फायदा भी उठाया और 27 गेंदों पर दो चौके और दो छक्के की मदद से 38 रन बना दिए. मिश्रा भारत की ओर से मैच में सबसे ज्यादा डॉट बॉल (8) डालने वाले दूसरे गेंदबाज रहे. मैच में बुमराह ने भारत के लिए सबसे ज्यादा डॉट बॉल (14) डालीं. मिश्रा ने टी-20 मैचों में अपने 200 विकेट भी पूरे किए.
3. स्लिंगी एक्शन वाले जसप्रीत बुमराह
इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में जसप्रीत बुमराह की जोरदार पिटाई हुई थी और वह काफी महंगे साबित हुए थे. नागपुर टी-20 में भी पहले दो ओवरों में उन्होंने 16 रन खर्च कर दिए थे, लेकिन अंतिम के दो ओवरों में उन्होंने कमाल कर दिया. बुमराह को डेथ ओवरों में शानदार गेंदबाजी के लिए जाना जाता है, लेकिन वह पिछले कुछ मैचों से आउट ऑफ टच दिख रहे थे. शुक्र है कि उन्होंने नागपुर के अंतिम ओवरों में वापसी कर ली.
बुमराह ने 18वें और 20वें ओवर में कुल मिलाकर 5 रन दिए. एक समय इस मैच में इंग्लैंड की जीत सुनिश्चित दिख रही थी, लेकिन बुमराह ने आखिरी ओवर में पासा पलट दिया. उन्होंने अंतिम ओवर में दो विकेट लिए और दो रन ही दिए, जबकि इंग्लैंड को जीत के लिए 8 रन चाहिए थे. इस प्रकार भारत ने 5 रन से मैच जीत लिया.
4. बाएं हाथ के वेटरन तेज गेंदबाज आशीष नेहरा
साल 2016 की शुरुआत से अब तक बाएं हाथ के तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने उम्र को मात देते हुए टी-20 में पहले पावरप्ले (शुरुआती 6 ओवर) में 15 विकेट चटकाए हैं. मतलब नेहरा ने हर मौके पर टीम इंडिया को शुरुआती दौर में विकेट निकालकर दिए हैं. उनकी महारत को आप इसी से समझ सकते हैं कि ऐसे करने वाले वह पहले गेंदबाज हैं. नेहरा ने नागपुर टी-20 में भी इंग्लैंड को 22 रन पर दो बड़े झटके दिए और ओपनर जेयन रॉय व सैम बिलिंग्स को लौटाकर बड़ी सफलताएं दिलाईं थीं. यह दोनों लय पकड़ते दिख रहे थे.
नेहरा ने अंतिम ओवरों में 27 गेंदों पर दो चौके और दो छक्के की मदद से 38 रन बनाकर खेल रहे बेन स्टोक्स को भी आउट किया, जो मैच को भारत से दूर ले जाते दिख रहे थे. यह कुछ हद तक मैच का टर्निंग पॉइंट भी रहा. नेहरा ने महज 28 रन देकर कुल 3 विकेट चटकाए.
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