Irani Trophy: इस युवा की नजर तेंदुलकर के सुपर से ऊपर के रिकॉर्ड की बराबरी पर, कारनामा करने वाले इतिहास में सचिन इकलौते

Irani Trophy: एक समय पृथ्वी शॉ इस मेगा रिकॉर्ड की बराबरी के मुहाने पर पहुंचे थे, लेकिन वह सचिन के रिकॉर्ड की बराबरी नहीं ही कर सके थे. 

Irani Trophy: इस युवा की नजर तेंदुलकर के सुपर से ऊपर के रिकॉर्ड की बराबरी पर, कारनामा करने वाले इतिहास में सचिन इकलौते

सचिन तेंदुलकर भारतीय इतिहास के इकौलते बल्लेबाज हैं, जिन्होंने यह बड़ा कारनामा किया है

खास बातें

  • क्या 33 साल बाद खुद को दोहराएगा इतिहास ?
  • ईरानी ट्रॉफी का पांच दिनी मुकाबला शनिवार से
  • शेष भारत बनाम सौराष्ट्र
नई दिल्ली:

कुछ रिकॉर्ड ऐसे होते हैं, जो बहुत और बहुत स्पेशल होते हैं. इन्हें  सोचकर नहीं बनाया जाता, ये मानो नियति में होते और बस बन जाते हैं. और एक ऐसी ही स्पेश रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर के बल्ले से करीब 33 साल पहले निकला था. और आज तक इस पर कोई भी बल्लेबाज पानी नहीं फेर सका है क्योंकि ऐसा करने के लिए बहुत की खास योग्यता की जरूरत होती है, लेकिन घड़ी की सुई ने भारतीय क्रिकेट की नई सनसनी दिल्ली के यश धुल उस मुहाने पर ला खड़ा किया है, जहां वह कम से कम मास्टर ब्लास्टर के रिकॉर्ड की बराबरी करने के बारे में जरूर सोच सकते हैं. हालांकि, एक समय पृथ्वी शॉ इस मेगा रिकॉर्ड की बराबरी के मुहाने पर पहुंचे थे, लेकिन वह सचिन के रिकॉर्ड की बराबरी नहीं ही कर सके थे. 

धुल के सामने यह मौका लेकर आया है ईरानी ट्रॉफी का मुकाबला जो शनिवार से शुरू होकर अगले पांच दिनों तक खेला जाएगा. यह मैच रणजी  ट्रॉफी विजेता सौराष्ट्र और शेष भारत की टीम के बीच खेला जाएगा, जिसके जरिए कई खिलाड़ी टीम इंडिया का दरवाजा और जोर से खटखटाने के लिए वैसा ही जलवा बिखरने की कोशिश करेंगे, जो इन्होंने इस सीजन में बिखेरा है. लेकिन धुल के सामने एक सवाल यह भी है कि शेष भारत की टीम में पांच ओपनर हैं. उन्हें मिलाकर ये ओपनर यशस्वी जयसवाल, ईश्वरन, पंचाल और मयंक अग्रवाल हैं. 

दिल्ली के यश धुल ने इसी सीजन में अपने प्रथमश्रेणी करियर का आगाज किया था. खास बात यह रही कि फरवरी के महीने में तमिलनाडु के खिलाफ खेले गए करियर के पहले रणजी और प्रथमश्रेणी मुकाबले की दोनों पारियों में धुल ने शतक जड़ा. इसके बाद सितंबर में उन्होंने पूर्वी क्षेत्र के खिलाफ दलीप ट्रॉफी का पहला मुकाबला खेला, तो धुल ने 193 रन बना डाले. और अब जब ईरानी ट्रॉफी का मुकाबला शनिवार से शुरू हो रहा है, तो वह सचिन की गोल्डेन हैट्रिक के रिकॉर्ड के मुहाने पर आ खड़े हुए हैं. 


सचिन भारतीय इतिहास के इकलौते बल्लेबाज

सचिन इकलौते ऐसे बल्लेबाज हैं, जिन्होंने अपने करियर में पहले ही रणजी, दलीप और ईरानी ट्रॉफी मैच में शतक बनाया. सचिन ने साल 1988 में 25 साल और 230 दिन की उम्र में वानखेड़े स्टेडियम में गुजरात के खिलाफ पहले रणजी मैच में शतक जड़ा था. इसके बाद उन्होंने दलीप ट्रॉफी मैच में शतक जड़ा, तो साल 1989-90 में ईरानी ट्रॉफी के अपने पहले ही मुकाबले में सचिन ने शतक जड़कर गोल्डन हैट्रिक जड़ दी. 

पृथ्वी शॉ हो गए थे नाकाम, लेकिन...
पृथ्वी शॉ ने साल 2017 में मुंबई के लिए पहला रणजी मैच खेला और उन्होंने इसमें शतक बनाया. तब तमिलनाडु के खिलाफ वह पहली पारी में चार ही रन बना सके थे, लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने 120 रन बनाए. इसी साल पृथ्वी ने पहले ही दलीप ट्रॉफी में शतक जड़ा, लेकिन वह ईरानी ट्रॉफी में ऐसा नहीं कर सके. मगर करियर के पहले ही टेस्ट में वह शतक जड़ने में सफल रहे, लेकिन गोल्डेन हैट्रिक की बराबरी के रिकॉर्ड से वह चूक गए थे. 

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