भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली आईपीएल सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग मामले की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त मुद्गल समिति से बतौर क्रिकेट विशेषज्ञ जुड़ गए।
समिति की अध्यक्षता रिटायर्ड जस्टिस मुकुल मुद्गल कर रहे हैं जबकि इसमें एडवोकेट एल नागेश्वर राव, निलय दत्ता और वरिष्ठ आईपीएल अधिकारी बीबी मिश्रा शामिल हैं।
जस्टिस मुद्गल ने बताया, 'हमने सौरव से आईपीएल जांच समिति से जुड़ने का आग्रह किया था और वह राजी हो गए हैं। मैंने सौरव को फोन किया था और उन्होंने हमारे साथ जुड़ने की पुष्टि की। अभी बैठक की तिथि तय नहीं हुई है।'
उन्होंने कहा, 'चूंकि हमारी समिति के सदस्य एल नागेश्वर राव आज मौजूद नहीं थे लिहाजा हम अगली बैठक की तारीख तय नहीं कर सके। तय होने पर सूचना दी जाएगी।'
उच्चतम न्यायालय ने जांच समिति को आईपीएल सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग मामले में क्रिकेट से जुड़े मसलों पर जांच में मदद के लिए ऐसे क्रिकेटर को शामिल करने के निर्देश दिए थे जो अपनी ईमानदारी के लिए जाना जाता हो।
आईपीएल सट्टेबाजी प्रकरण में चेन्नई सुपरकिंग्स टीम के पूर्व प्रिंसिपल गुरुनाथ मयप्पन और भारतीय टीम से बाहर क्रिकेटर एस श्रीसंत, प्रथम श्रेणी क्रिकेटर अंकित चव्हाण, अजित चंदीला और बालीवुड अभिनेता विंदू दारा सिंह की गिरफ्तारी भी हुई थी।
गांगुली के नाम की अटकलें काफी दिनों से लगाई जा रही थी चूंकि वह 2012 तक आईपीएल खेले भी हैं। उनका करियर बेदाग रहा है और वह आधुनिक क्रिकेट को बखूबी समझते हैं।
भारतीय क्रिकेट को उन्होंने ही 2000 के मैच फिक्सिंग प्रकरण के बाद संभाला था।
क्रिकेट कमेंट्री और कॉलम लिखने का अपना काम गांगुली बाद में भी करते रहेंगे। जस्टिस मुद्गल ने कहा, 'वह मीडिया के साथ अपने अनुबंध पूरे कर सकते हैं। उनका काम पूरे मामले में क्रिकेट के मसलों पर हमारी मदद करना है लिहाजा उन्हें कमेंट्री करने या कॉलम लिखने से रोकने की कोई जरूरत नहीं है।'
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