कोलकाता:
स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण में उलझी चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए रविवार विवादों से घिरी इंडियन प्रीमियर लीग के फाइनल में मुंबई इंडियन्स के खिलाफ तीसरी बार चैंपियन बनने का सपना पूरा करने की डगर मुश्किल होगी।
चेन्नई टीम प्रबंधन से जुड़े गुरुनाथ मय्यप्पन की सट्टेबाजी के संदेह में हुई गिरफ्तारी से निश्चित रूप से महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई वाली टीम का मनोबल गिरा हुआ होगा। मय्यप्पन टीम के मालिक और बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के दामाद हैं। खिलाड़ियों और उनके कप्तान के लिए इस हालत से उबरकर उस टीम के खिलाफ अपना नैसर्गिक खेल दिखाना कड़ी चुनौती होगी, जो यह आईपीएल की पहली ट्रॉफी जीतने के लिए बेताब है।
चेन्नई लगातार चार और कुल मिलाकर पांच बार फाइनल में पहुंच चुकी है, लेकिन मुंबई के लिए खिताब जीतने और 2010 के फाइनल में मिली हार का बदला चुकता करने का यह सर्वश्रेष्ठ मौका होगा। मुंबई की टीम अपने सीनियर बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को यह ट्रॉफी भेंट स्वरूप देना चाहेगी। 2010 में वह मुंबई इंडियन्स के कप्तान थे और टीम फाइनल में धोनी की टीम से 22 रन से हार गई थी, जिससे वह काफी दुखी हो गए थे। यह चेन्नई सुपरकिंगस का पहला आईपीएल खिताब था, इसके बाद से धोनी की टीम का दर्जा बड़ा ही होता चला गया।
कागज पर यह द्वंद्व बराबरी का होगा, क्योंकि चेन्नई और मुंबई दोनों में ट्वेंटी-20 के आक्रामक विशेषज्ञ माइकल हसी, ड्वेन स्मिथ, रवींद्र जडेजा और केरोन पोलार्ड जैसे दिग्गज शामिल हैं। दोनों टीमों का तेज गेंदबाजी आक्रमण भी काफी पैना है। चेन्नई के पास एलबी मोर्कल और सत्र की खोज मोहित शर्मा शामिल हैं, जबकि मुंबई के लिए मिशेल जॉनसन, लसिथ मलिंगा और पोलार्ड की तिकड़ी शानदार प्रदर्शन कर रही है।
ऐसे हालात में जहां स्पिन गेंदबाज निर्णायक हो सकती है, चेन्नई में रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा के रूप में स्टार गेंदबाज मौजूद हैं। मुंबई की टीम भी अपने अनुभवी हरभजन सिंह और प्रज्ञान ओझा के रूप में इसकी बराबरी कर सकती है। राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ शुक्रवार रात 23 रन देकर तीन विकेट हासिल कर फॉर्म में वापसी करने वाले हरभजन को मैन ऑफ द मैच चुना गया। उम्मीद है कि वह मुंबई के लिए अच्छा करेंगे, भले ही टीम को ओझा की चोट की चिंता का सामना करना पड़े, जो अपनी कोहनी चोटिल करा बैठे थे।
ईडन गार्डन्स मुंबई के लिए भाग्यशाली मैदान रहा है, जिसमें उसने छह में से पांच मैच अपने नाम किए हैं, यह आंकड़ा निश्चित रूप से रोहित शर्मा की टीम का मनोबल बढ़ाएगा। दिलचस्प है कि रोहित 2009 में डेक्कन चार्जर्स की खिताबी जीत का हिस्सा थे और मुंबई के कप्तान के लिए यह दूसरा आईपीएल फाइनल होगा। उन्हें सिर्फ एक ही समस्या बीच में कम रन बनाने की प्रवृत्ति को दूर करना होगा।
रोहित के लिए बतौर बल्लेबाज यह अच्छा महीना नहीं रहा है, उन्होंने अपना अंतिम अर्धशतक (नाबाद 79) 29 अप्रैल को किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ लगाया। चेन्नई की टीम में 'ऑरेंज कैपधारी' माइकल हसी शामिल हैं, जिन्होंने 732 रन बनाए हैं। वह इस मैच में भी धोनी के भरोसेमंद सुरेश रैना के साथ योगदान करना चाहेंगे, जिन्होंने नाबाद 100 रन समेत 548 रन जोड़े हैं।
चेन्नई टीम प्रबंधन से जुड़े गुरुनाथ मय्यप्पन की सट्टेबाजी के संदेह में हुई गिरफ्तारी से निश्चित रूप से महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई वाली टीम का मनोबल गिरा हुआ होगा। मय्यप्पन टीम के मालिक और बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के दामाद हैं। खिलाड़ियों और उनके कप्तान के लिए इस हालत से उबरकर उस टीम के खिलाफ अपना नैसर्गिक खेल दिखाना कड़ी चुनौती होगी, जो यह आईपीएल की पहली ट्रॉफी जीतने के लिए बेताब है।
चेन्नई लगातार चार और कुल मिलाकर पांच बार फाइनल में पहुंच चुकी है, लेकिन मुंबई के लिए खिताब जीतने और 2010 के फाइनल में मिली हार का बदला चुकता करने का यह सर्वश्रेष्ठ मौका होगा। मुंबई की टीम अपने सीनियर बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को यह ट्रॉफी भेंट स्वरूप देना चाहेगी। 2010 में वह मुंबई इंडियन्स के कप्तान थे और टीम फाइनल में धोनी की टीम से 22 रन से हार गई थी, जिससे वह काफी दुखी हो गए थे। यह चेन्नई सुपरकिंगस का पहला आईपीएल खिताब था, इसके बाद से धोनी की टीम का दर्जा बड़ा ही होता चला गया।
कागज पर यह द्वंद्व बराबरी का होगा, क्योंकि चेन्नई और मुंबई दोनों में ट्वेंटी-20 के आक्रामक विशेषज्ञ माइकल हसी, ड्वेन स्मिथ, रवींद्र जडेजा और केरोन पोलार्ड जैसे दिग्गज शामिल हैं। दोनों टीमों का तेज गेंदबाजी आक्रमण भी काफी पैना है। चेन्नई के पास एलबी मोर्कल और सत्र की खोज मोहित शर्मा शामिल हैं, जबकि मुंबई के लिए मिशेल जॉनसन, लसिथ मलिंगा और पोलार्ड की तिकड़ी शानदार प्रदर्शन कर रही है।
ऐसे हालात में जहां स्पिन गेंदबाज निर्णायक हो सकती है, चेन्नई में रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा के रूप में स्टार गेंदबाज मौजूद हैं। मुंबई की टीम भी अपने अनुभवी हरभजन सिंह और प्रज्ञान ओझा के रूप में इसकी बराबरी कर सकती है। राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ शुक्रवार रात 23 रन देकर तीन विकेट हासिल कर फॉर्म में वापसी करने वाले हरभजन को मैन ऑफ द मैच चुना गया। उम्मीद है कि वह मुंबई के लिए अच्छा करेंगे, भले ही टीम को ओझा की चोट की चिंता का सामना करना पड़े, जो अपनी कोहनी चोटिल करा बैठे थे।
ईडन गार्डन्स मुंबई के लिए भाग्यशाली मैदान रहा है, जिसमें उसने छह में से पांच मैच अपने नाम किए हैं, यह आंकड़ा निश्चित रूप से रोहित शर्मा की टीम का मनोबल बढ़ाएगा। दिलचस्प है कि रोहित 2009 में डेक्कन चार्जर्स की खिताबी जीत का हिस्सा थे और मुंबई के कप्तान के लिए यह दूसरा आईपीएल फाइनल होगा। उन्हें सिर्फ एक ही समस्या बीच में कम रन बनाने की प्रवृत्ति को दूर करना होगा।
रोहित के लिए बतौर बल्लेबाज यह अच्छा महीना नहीं रहा है, उन्होंने अपना अंतिम अर्धशतक (नाबाद 79) 29 अप्रैल को किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ लगाया। चेन्नई की टीम में 'ऑरेंज कैपधारी' माइकल हसी शामिल हैं, जिन्होंने 732 रन बनाए हैं। वह इस मैच में भी धोनी के भरोसेमंद सुरेश रैना के साथ योगदान करना चाहेंगे, जिन्होंने नाबाद 100 रन समेत 548 रन जोड़े हैं।
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