नई दिल्ली : विशाखापत्तनम में आईपीएल के अगले मैच में बुधवार शाम 4 बजे हैदराबाद और कोलकाता की टीमें टकराएंगी तो सबकी नज़रें दिल्ली के उन दो सलामी बल्लेबाज़ों पर होंगी जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग वक्त में अपने तेवर से सबका दिल जीता है।
दो बार कोलकाता को ख़िताब की बुलंदी तक पहुंचा चुके कप्तान गौतम गंभीर खुद तो फ़ॉर्म में हैं ही उनकी टीम के कई सितारे एक साथ चमकने लगे हैं। जबकि बेंगलुरु के ख़िलाफ़ धमाका करने वाले हैदराबाद के शिखर धवन से उम्मीदें बंधी हुई हैं।
फ़िलहाल आईपीएल 8 के लगातार दो मैचों में पंजाब और दिल्ली को हराकर कोलकाता नाइटराइडर्स की ट्रेन जीत की पटरी पर सरपट भागी जा रही है। पिछले चार में से तीन मैच जीत चुकी कोलकाता की ओर से कप्तान गौतम गंभीर ज़बरदस्त फ़ॉर्म में नज़र आ रहे हैं। गंभीर ने पिछले चार में से तीन मैचों में अर्द्धशतकीय पारियां खेली हैं। डेविड वॉर्नर की हैदराबादी टीम के लिए गंभीर एक बार फिर बड़ा कांटा साबित हो सकते हैं। बड़ी बात ये है कि कोलकाता के यूसुफ़ पठान भी दिल्ली के ख़िलाफ़ नाबाद 40 रनों की पारी खेलकर लय पकड़ते दिखाई दे रहे हैं। यूसुफ़ पठान का फ़ॉर्म में आना किसी भी विपक्षी टीम के लिए ख़तरे की घंटी है।
वैसे गंभीर (4 मैचों में 186 रन), आंद्रे रसेल (4 मैचों की दो पारियों में 107 रन) और टीम के युवा उपकप्तान सूर्य कुमार यादव (4 मैचों में 104 रन) नाइटराइडर्स की बड़ी ताक़त हैं।
नाइटराइडर्स की गेंदबाज़ी भी संतुलित नज़र आ रही है। आईपीएल में 100 विकेट लेने का कारनामा करने वाले पीयूष चावला (4 मैचों में 7.45 की इकॉनमी के साथ 2 विकेट), मॉर्नि मॉर्केल (4 मैचों में 6.87 की इकॉनमी के साथ 7 विकेट) और उमेश यादव (3 मैचों में 7.9 की इकॉनमी के साथ 5 विकेट) टीम के स्ट्राइक गेंदबाज़ हैं।
यही नहीं इन सबके अलावा नाइटराइडर्स की बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी में कई विकल्प मौजूद हैं जिससे टीम मैनेजमेंट को एक से ज़्यादा कारगर प्लान बनाने में आसानी होती है।
बेंगलुरु जैसी मज़बूत टीम को शिकस्त देनेवाली हैदराबाद की टीम कई मैचों में बस जीत की मंज़िल तक नहीं पहुंच पा रही। शिखर धवन (4 मैचों में 104 रन) और डेविड वॉर्नर (4 मैचों में 159 रन) जैसे धमाकेदार बल्लेबाज़ों की मौजूदगी के बावजूद मिडिल ऑर्डर में टीम लड़खड़ा रही है। नाइटराइडर्स के ख़िलाफ़ जीत के लिए रवि बोपारा (4 मैचों में 86 रन), लोकेश राहुल (4 मैचों में 75 रन) और केन विलियम्सन (2 मैचों की 2 पारियों में 31 रन) जैसे खिलाड़ियों पर मिडिल ओवरों में पारी को संवारने की ज़िम्मेदारी होगी।
ट्रेंट बोल्ट (3 मैचों में 8.41 की इकॉनमी के साथ 5 विकेट), भुवनेश्वर कुमार (4 मैचों में 6.75 की इकॉनमी के साथ 3 विकेट) और प्रवीण कुमार (3 मैचों में 8.5 की इकॉनमी के साथ 2 विकेट) की गेंदबाज़ी के सहारे ये टीम एक बार फिर जीत की राह देख सकती है। लेकिन कोलकाता की रफ़्तार को रोकने के लिए इन्हें अपने स्तर से ऊपर उठकर खेलने की ज़रूरत होगी।
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