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This Article is From Jul 14, 2015

एनडीटीवी एक्सक्लूसिव : जानिए कैसे काम करता है सट्टेबाजी का अंतरराष्ट्रीय रैकेट

एनडीटीवी एक्सक्लूसिव : जानिए कैसे काम करता है सट्टेबाजी का अंतरराष्ट्रीय रैकेट
प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली: इस साल 19 मार्च को वडोदरा के एक फॉर्म हाउस में प्रवर्तन निदेशालय ने टॉमी पटेल और कुछ और लोगों को सट्टेबाज़ी करते पकड़ा। इनकी गिरफ्तारी के बाद ईडी को समझ में आया कि सट्टेबाज़ी के एक इंटरनेशनल रैकेट का एक सरगना उनके हाथ आ गया है।

टॉमी पटेल वैसे तो गुजरात के उंझा का रहने वाला है, लेकिन वह अहमदाबाद और वडोदरा से अपना कारोबार चला रहा था। ईडी को इसी फॉर्म हाउस में कई मोबाइल मिले, साथ ही एयरटेल, टाटा स्काई और सन टीवी के डिकोडर एंटीना भी, जिनमें बिना विज्ञापन क्रिकेट मैच लाइव आते थे। ये डिकोडर इन्हें दिल्ली से संजय नाम के किसी शख्स ने मुहैया कराए थे। यहीं से मैच देखते हुए लोग मोबाइल के जरिये सट्टेबाज़ी का कारोबार चलाया करते थे।

प्रवर्तन निदेशालय के वकील राजेश कानानी ने हमें बताया कि ये सभी बुकी मोबाइल फोन पर भी कोडेड भाषा में पूरा कारोबार करते थे। यह पूरा कारोबार मोबाइल के ज़रिये होता था। ये सभी बुकी एक-एक नंबर पर लाइव जुड़े होते थे। बाहर के बुकी अपना नंबर साइलेंट (म्यूट) पर रखते और हर 10 ओवर के बाद उनकी तरफ से सट्टे की घोषणा होती। इस आधार पर हर बुकी अपनी बोली लिखवा देता। ये पूरी बातचीत रिकॉर्ड होती और इसी आधार पर बाद में लेन-देन होता। हर बुकी के लिए एक कोड होता है और इसी कोड से ये लोग आपस में बात करते हैं।  

ईडी ने जांच में ये भी देखा कि ये लोग ब्रिटेन की कंपनी बेटफेयर.कॉम के कायदों का भी नाजायज इस्तेमाल कर रहे थे।
बेटफेयर डॉट कॉम में एक सुपर मास्टर लॉग-इन आईडी मिलती है, जिसमें क़रीब 3 लाख अमेरिकी डॉलर पहले से जमा कराने होते हैं ताकि आप कम से कम उतनी रकम का सट्टा खेल सकें। इसका फ़ायदा उठाने के लिए टॉमी पटेल ने दिल्ली के हवाला कारोबारी मुकेश कुमार उर्फ़ मुकेश दिल्ली की मदद ली।

मुकेश शर्मा दिल्ली स्थित हवाला कारोबारी था। उसके पास पांट मास्टर लॉग-इन आईडी थे। मुकेश ने हवाला के जरिये इंग्लैंड में रह रहे सुखमिंदर सिंह लोढ़ी को पैसे भेजकर एक सुपर मास्टर लॉग-इन आईडी खुलवायी थी। एक सुपर मास्टर आईडी के तहत 10 मास्टर लॉग-इन आईडी खोली जाती हैं, जो अलग-अलग बुकी को दी जाती हैं। हर मास्टर लॉग-इन आईडी के तहत 30-30 कस्टमर लॉग-इन आईडी हो सकते हैं। यानी एक मास्टर लॉग-इन आईडी के तहत 300 लोग बेटिंग कर सकते हैं। ऐसे मुकेश शर्मा ही अकेला 1500 लोगों की बेटिंग करवाता था।

ईडी को पता चला कि बीते 3 साल में मुकेश शर्मा ने सोढ़ी को हवाला की मार्फ़त 50 करोड़ रुपये से ज्यादा ट्रांसफर किए हवाला के जरिये आने-जाने वाला पैसा किसी के बैंक अकाउंट में भी नजर नहीं आता। इसी तरह करोड़ों का कारोबार चलता रहा।

सवाल है कि क्या टॉमी पटेल और आईपीएल की बेटिंग के बीच कोई सूत्र है। यहां रितेश बंसल उर्फ भरत दिल्ली का ज़िक्र आता है, जो टॉमी पटेल के साथ सट्टेबाज़ी में शामिल था। यह वही रितेश बंसल है, जिसे मयप्पन मामले में भी पकड़ा गया था। यहां के कारोबार में टॉमी पटेल के साथ रितेश बंसल उर्फ भरत दिल्ली भी शामिल था।

यही नहीं, टॉमी पटेल दुबई के बुकी दिलीप सिंधी और पाकिस्तान-कराची के बुकी गुलामभाई से भी जुड़ा हुआ है। यानी सट्टेबाज़ी के दुनियाभर में पसरे ये तार आपस में कई जगह मिलते हैं।

अब तक इस मामले में सात लोग पकड़े गए हैं, लेकिन चार आरोपी अब तक गिरफ्त से बाहर हैं। इनमें मुंबई और इंग्लैंड में रहने वाला सुखमिंदर सिंह सोढ़ी, मुंबई का बिल्डर अनिल जयसिंघानी, जयपुर के गंगवाल बंधु राहुल गंगवाल और विनीत गंगवाल शामिल हैं। अनिल जयसिंघानी पर तो मैच फिक्स करने का भी आरोप है। इस मामले में अब तक 2500 करोड़ की सट्टेबाजी का राज खुल चुका है।

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