क्रिस गेल ने वर्ल्ड में पहला दोहरा शतक लगाने का कारनामा भले ही ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा में किया हो, लेकिन उनकी इस पारी का एक इंडियन कनेक्शन भी है। क्रिस गेल का करिश्माई बल्ला जालंधर की स्पार्टन स्पोर्ट्स कंपनी में तैयार किया गया।
जालंधर में गेल के फ़ैन्स और गेल के बल्ले के कारीगर टीवी पर उनकी पारी का लुत्फ़ उठाते रहे, तो कैनबरा में कंपनी के नुमाइंदे कुणाल शर्मा को गेल ने ख़ास तौर पर शुक्रिया कहा।
ज़िंबाब्वे के ख़िलाफ़ कैनबरा में क्रिस गेल की पारी के दौरान स्पार्टन स्पोर्ट्स के एमडी ज्योति शर्मा और उनके परिवार की
बांछें खिल रही थीं। स्पार्ट्न स्पोर्टमस के अमित शर्मा बताते हैं कि गेल उनके यहां बनाए गए बल्ले का इस्तेमाल पिछले दो साल से कर रहे हैं।
अमित शर्मा बताते हैं कि गेल 1250 से 1300 ग्राम के भारी बल्ले की मांग करते हैं। गेल चाहते हैं कि उनके बल्ले का वजन और बैलेंस सटीक रहे। स्पार्टन स्पोर्ट्स कंपनी के अमित शर्मा बताते हैं कि कारीगरों ने बल्ले के वजन, बैलेंस के अलावा स्ट्रोक का भी बखूबी ख़्याल रखा।
स्पार्टन स्पोर्ट्स के एमडी ज्योति शर्मा बताते हैं कि वो पहले भी क्रिकेट के सामान ऑस्ट्रेलिया भेजते रहे हैं। लेकिन ये पहला मौक़ा है, जब उनके क्रिकेट के सामान का इस्तेमाल वर्ल्डकप के दौरान हो रहा है।
टीम इंडिया के लिए ख़तरे की बात हो सकती है कि गेल यहीं बने ऐसे ही एक बल्ले का इस्तेमाल भारत के ख़िलाफ़ 6 मार्च को पर्थ में होने वाले मैच के दौरान भी करेंगे। लेकिन भारतीय फ़ैन्स इस बात से राहत महसूस कर सकते हैं कि भारतीय कप्तान एमएस धोनी भी स्पार्टन स्पोर्ट्स में बना बल्ला ही इस्तेमाल करते हैं। ये कंपनी इंग्लैंड के कप्तान इयन मॉर्गन और ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क के लिए भी बल्ले बनाती है।
जालंधर और मेरठ में गेंद और बल्ले की इंड्स्ट्री ज़ोरों से चलती है। जालंधर की ऑल बीट स्पोर्टस कंपनी सचिन तेंदुलकर, एंजेलो मैथ्यूज़, हाशिम आमला, डैरेन सैमी और मॉर्नि मॉर्केल जैसे खिलाड़ियों के लिए भी बल्ले बनाती रही है। एक गैर सरकारी आंकड़े के मुताबिक इन शहरों से भारतीय स्पोर्ट्स कंपनियां क़रीब हज़ार करोड़ के खेल उपकरणों का निर्यात करती हैं। वैसे चीन और पाकिस्तान का खेल उद्योग भारतीय कंपनियों को कड़ी टक्कर दे रहा है।
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