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This Article is From Oct 19, 2016

INDvsNZ दिल्ली वनडे : कोच अनिल कुंबले के 'परफेक्ट 10' वाले कोटला पर इस बार रहेगी तेजी और उछाल!

INDvsNZ दिल्ली वनडे : कोच अनिल कुंबले के 'परफेक्ट 10' वाले कोटला पर इस बार रहेगी तेजी और उछाल!
विकेट तेज गेंदबाजों के लिए मददगार होने पर हार्दिक पांड्या फिर कमाल कर सकते हैं (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: मुख्य कोच अनिल कुंबले के ‘परफेक्ट टेन’ का पराक्रम स्थल, कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की विजय गाथा का गवाह और स्टार बल्लेबाज विराट कोहली के घरेलू मैदान फिरोजशाह कोटला में भारतीय क्रिकेट टीम गुरुवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाले 5 मैचों की सीरीज के दूसरे वनडे मैच में जीत के अपने अभियान में नया अध्याय जोड़ने के लिये उतरेगी. भारत के लिए फिरोजशाह कोटला हमेशा से भाग्यशाली रहा है. कुंबले का यह पसंदीदा मैदान है. धोनी ने राष्ट्रीय ही नहीं अपनी आईपीएल टीमों की कप्तानी करते हुए भी अधिकतर यहां जीत दर्ज की है, जबकि कोहली ने इसी मैदान से अपने करियर की स्वर्णिम शुरुआत की थी. मैच दोपहर बाद एक बजकर 30 मिनट से शुरू होगा.

स्पिन मानी जाने वाली पिच में बदलाव...!
कोटला की पिच अमूमन धीमी और स्पिनरों की मददगार मानी जाती रही है, लेकिन इस बार दावा किया है कि उसमें तेजी और उछाल होगी. स्वाभाविक है ऐसे में अगर तेज गेंदबाजों को कुछ मदद मिलेगी तो कोहली, रोहित शर्मा और अजिंक्य रहाणे जैसे स्ट्रोक प्लेयर इसे पसंद भी करेंगे. यदि पिच ने दावों के अनुरूप प्रदर्शन किया तो दर्शकों को एक रोमांचक मैच देखने को मिल सकता है.

भारत ने पिछले 11 साल से यहां कोई मैच नहीं गंवाया और वर्तमान परिस्थितियों में जिस तरह से वह टेस्ट से लेकर पहले वनडे तक कीवी टीम पर हावी है, उससे धोनी एंड कंपनी के लिए कोटला एक और शानदार जीत का गवाह बन सकता है. टेस्ट सीरीज में कीवियों का 3-0 से सूपड़ा साफ करने के बाद भारत ने धर्मशाला में पहले वनडे में भी एकतरफा जीत दर्ज की थी. अगले साल इंग्लैंड में होने वाली चैंपियन्स ट्रॉफी को ध्यान में रखकर इस सीरीज में उतरी भारतीय टीम के हौसले बुलंद हैं, लेकिन खिलाड़ियों में ‘कभी किसी को कम नहीं आंकने’ की नई सोच से यह तय है कि वे इस मैच में भी किसी तरह की कमी छोड़ने की कोशिश नहीं करेंगे.

आंकड़े भी भारत के ही पक्ष में हैं-
  • भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच फ़िरोज़शाह कोटला पर 2 वनडे मैच खेले गए हैं. दोनों ही भारत ने जीते हैं.
  • कोटला पर अब तक खेले गए 19 मैचों में भारत को 12 मैचों में जीत हासिल हुई है. 5 में हार का सामना करना पड़ा है, 2 मैच बेनतीजा रहे.
  • दोनों टीमों के बीच अब तक कुल 94 मैच खेले गए जिनमें अब भारत के नाम 47 जीत दर्ज हो गई है. न्यूज़ीलैंड के पक्ष में 41 मैच हैं जबकि 1 मैच बेनतीजा रहा है, 5 मैच टाई रहे.

यदि पिच में उछाल रहती है तो उमेश यादव के साथ गेंदबाजी का आगाज करने वाले हार्दिक पंड्या अपनी ‘भ्रामक’ गेंदबाजी से धर्मशाला की तरह केन विलियमसन और उनके साथियों को परेशान कर सकते हैं. जसप्रीत बुमराह किसी भी परिस्थिति में अच्छा प्रदर्शन करने में माहिर हैं जबकि स्पिन विभाग के अगुआ अमित मिश्रा को हमेशा कोटला पसंद आया है.

यदि पिच अपने पुराने मिजाज पर लौट आती है तो फिर अक्षर पटेल और कामचलाऊ स्पिनर केदार जाधव को बड़ी जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी, लेकिन निसंदेह सभी की निगाह कोहली पर टिकी रहेगी. धर्मशाला में उन्होंने जबर्दस्त पारी खेली और अब उन पर कोटला में अपने घरेलू दर्शकों के सामने बड़ी पारी खेलने की लालसा बलवती हो रही होगी.

कोटला में कोहली के नाम एक शतक
कोहली ने कोटला में टेस्ट और वनडे में मिलाकर अब तक आठ पारियां खेली हैं, लेकिन उनके नाम पर केवल एक शतक दर्ज है जो उन्होंने 2011 में इंग्लैंड के खिलाफ (नाबाद 112 रन) बनाया था. अपनी अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में बदलने में माहिर इस स्टार बल्लेबाज पर मध्यक्रम की बड़ी जिम्मेदारी है लेकिन कप्तान धोनी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है जो बड़ा स्कोर बनाने के लिये लालायित हैं. धोनी ने धर्मशाला में यह जाहिर कर दिया था कि वह फिर से फिनिशर की अपनी भूमिका में उतरना चाहते हैं.

दबाव में कीवी
न्यूजीलैंड की टीम की बात करें तो उसके खिलाड़ी टेस्ट और पहले वनडे की हार के बाद काफी दबाव में हैं. उनकी बल्लेबाजी और आसानी से विकेट गंवाने की प्रवृति देखकर लगता है कि वे मैदान पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए मानसिक तौर पर मजबूत नहीं हैं. कप्तान विलियमसन भी कोहली के टक्कर के बल्लेबाज हैं, लेकिन अब इस दौरे में वह अपने बल्ले का जलवा दिखाने में नाकाम रहे हैं. मार्टिन गप्टिल और रॉस टेलर जैसे अनुभवी बल्लेबाजों की लगातार असफलता से भी न्यूजीलैंड पर दबाव बना है, जबकि ल्यूक रॉन्ची टुकड़ों में अच्छा प्रदर्शन कर पाए हैं. गेंदबाजी में टिम साउदी और डग ब्रेसवेल अनुकूल परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करते हैं जबकि स्पिनर ईश सोढ़ी और मिचेल सैंटनर को अब नहीं सूझ रहा है कि स्पिनरों को खेलने में पारंगत भारतीय बल्लेबाजों पर कैसे शिकंजा कसा जाए.

टीमें इन खिलाड़ियों में से चुनी जाएंगी :
भारत : महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान), रोहित शर्मा, अजिंक्य रहाणे, मनीष पांडे, केदार जाधव, हार्दिक पांड्या, अमित मिश्रा, अक्षर पटेल, उमेश यादव, धवल कुलकर्णी, जयंत यादव और मनदीप सिंह.

न्यूजीलैंड : केन विलियमसन (कप्तान), टॉम लाथम, मार्टिन गप्टिल, रॉस टेलर, ल्यूक रोंन्ची, मिचेल सैंटनर, ईश सोढ़ी, जेम्स नीशाम, कोरी एंडरसन, ट्रेंट बोल्ट, टिम साउदी, एंटन डेविच, डग ब्रेसवेल, मैट हेनरी और बीजे वाटलिंग में से.

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