पढ़िए, सिडनी T20 के अंतिम ओवर का रोमांच और जीत के कारण : दबाव में रैना-युवी का कमाल

पढ़िए, सिडनी T20 के अंतिम ओवर का रोमांच और जीत के कारण : दबाव में रैना-युवी का कमाल

सुरेश रैना ने 49 रन की शानदार पारी खेली (फोटो : AP)

टीम इंडिया ने वनडे मैचों में मिली 1-4 की हार का बदला ऑस्‍ट्रेलिया से शानदार अंदाज में चुकाया। टी-20 सीरीज में धोनी के धुरंधरों ने 3-0 के अंतर से एकतरफा अंदाज में जीत दर्ज करते ऑस्‍ट्रेलिया में इतिहास रच दिया। 140 साल के क्रिकेट इतिहास में ऑस्‍ट्रेलिया को कभी भी उसके घरेलू मैदान में किसी टीम ने 3 या इससे अधिक मैचों की सीरीज में क्‍लीन स्‍वीप नहीं किया। मैच काफी रोमांचक रहा, जो अंतिम गेंद पर खत्म हुआ। आइए नजर डालते हैं, अंतिम ओवर के रोमांच और चार कारणों पर जो टीम की जीत का आधार बने..

सबसे पहले अंतिम ओवर का रोमांच-
20वें ओवर में टीम इंडिया को जीत के लिए 17 रन चाहिए थे और स्ट्राइक पर थे युवराज सिंह। युवी इससे पहले के ओवरों में गेंद को टाइम नहीं कर पा रहे थे, ऐसे में फैन्स थोड़े निराश हो रहे थे, लेकिन उन्होंने गेम का रुख मोड़ दिया। अंतिम ओवर का रोमांच कुछ इस प्रकार रहा-

  • पहली गेंद- चौका! एंड्र्यू टाई ने पहली गेंद युवराज के पैड पर फेंकी, जिसे उन्होंने फाइन लेग के ऊपर से चार रन के लिए खेल दिया। अब जीत के लिए 5 गेंदों में 13 रन चाहिए थे।
  • दूसरी गेंद- छक्का! टाई ने दूसरी गेंद एक बार फिर से युवी के पैड पर फेंकी और इस बार उसका अंजाम और बुरा हुआ। युवी ने इसे मिडविकेट के ऊपर से छक्के के लिए उछाल दिया। जीत के लिए चाहिए थे 4 गेंदों में 7 रन.
  • तीसरी गेंद - सिंगल! युवी ने तीसरी गेंद में बाई का सिंगल लिया। युवी शॉट से चूके, लेकिन रैना ने खूबसूरत सिंगल चुरा लिया। जीत के लिए चाहिए थे 3 गेंदों में 6 रन.
  • चौथी गेंद- दो रन! अब स्ट्राइक पर रैना थे। उन्होंने टाई की यॉर्कर को लेग साइड में खेलकर दो रन चुरा लिए। जीत के लिए चाहिए थे 2 गेंदों में 4 रन.
  • पांचवी गेंद- दो रन! टाई की फुलटॉस गेंद पर रैना बड़ा शॉट लगाने से चूक गए, लेकिन उन्होंने स्क्वेयर लेग पर खेलकर दो रन दौड़ लिए। पहले उन्हें लगा कि गेंद चार रन के लिए चली गई और उन्होंने जश्न भी मना लिया, लेकिन मिले केवल दो रन और जीत के लिए चाहिए थे एक गेंद में 2 रन.
  • छठी गेंद- चौका और 'क्लीन स्वीप'! रैना ने टाई की इस शॉर्ट ऑफ लेंथ गेंद को पॉइंट के ऊपर से चार रन के लिए खेल दिया और टीम इंडिया 7 विकेट से जीत गई।

अब पढ़िए, इस 'क्लीन स्वीप' जीत के 4 कारण-

दबाव के क्षणों में रैना की तूफानी पारी
आलोचक शॉर्ट पिच गेंदों पर कठिनाई को लेकर सुरेश रैना की कितनी ही आलोचना करें, लेकिन दबाव के क्षणों में अपना बेहतरीन देना उन्‍हें बेहद खास बनाता है। इसी कारण उन्‍हें वनडे और टी-20 के दुनिया के सबसे खतरनाक बल्‍लेबाजों में शुमार किया जाता है। रैना ने रविवार को ठीक यही किया 25 गेंदों पर 49 रन की उनकी शानदार पारी आलोचकों को करारा जवाब थी। ऑस्‍ट्रेलिया के विकेटकीपर बैनक्राफ्ट ने बॉयस की गेंद पर रैना की स्‍टंपिंग मिस कर दी। यह चूक ऑस्‍ट्रेलिया के लिए भारी पड़ी और उसे मैच गंवाना पड़ा।

शुरुआत में दो शानदार साझेदारियां
ऑस्‍ट्रेलियाई टीम ने निर्धारित 20 ओवरों में पांच विकेट पर 197 रन बनाए। यानी टीम इंडिया को लगभग 10 रन प्रति ओवर के औसत से रन बनाने थे। इसके लिए टीम को जरूरत थी तेज और लंबी साझेदारी की। शानदार फॉर्म में चल रही रोहित शर्मा, शिखर धवन और विराट कोहली की तिकड़ी ने ठीक यही किया। पहले शिखर-रोहित ने शुरुआती विकेट के लिए 3.2 ओवर में 46 रन जोड़े। उसके बाद रोहित-कोहली की जोड़ी ने दूसरे विकेट के लिए 9.1 ओवर में 78 रन जोड़कर टीम की जीत की बुनियाद रख दी। इन दोनों साझेदारियों ने भारत की जीत की बुनियाद रखी।

सही मौके पर युवी के बल्‍ले का चलना
मैच में युवराज अपनी उस लय में बिल्‍कुल नहीं दिखे जो फटाफट क्रिकेट में उनकी पहचान रही है। पारी का 19वां ओवर रन के लिहाज से बेहद निराशाजनक रहा और स्‍ट्राइक 20वें ओवर में फिर युवी के पास थी। ऐसा लग रहा था कि वर्ष 2014 के टी-20 वर्ल्‍डकप फाइनल के बाद एक और हार का ठीकरा युवराज के सिर पर फूटेगा और वे आलोचकों के निशाने पर होंगे। खुशकिस्‍मती से ऐसा नहीं हुआ। युवराज ने 20वें ओवर की शुरुआती दो गेंदों पर ही एक चौके व एक छक्‍के की मदद से 10 रन बनाकर यह लगभग सुनिश्‍चित कर दिया कि भारत जीत को लेकर दृढ़प्रतिज्ञ है। बाकी के रन बनाने का काम सुरेश रैना ने किया।

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सिडनी वनडे में जीत के बाद बदली बॉडी लैंग्‍वेज
वनडे सीरीज के शुरुआती चार मैचों में हारने के बाद टीम इंडिया आत्‍मविश्‍वास के लिहाज से एकदम निचले स्‍तर पर पहुंच चुकी थी। ऐसे समय पर जरूरत थी धमाकेदार प्रदर्शन की, जो टीम को हौसले को उड़ान दे। सिडनी में हुए सीरीज के आखिरी वनडे में पहले जसप्रीत बुमराह और बाद में मनीष पांडे के शानदार प्रदर्शन ने खिलाड़ियों में जीत का संचार कर दिया। उसके बाद टी-20 सीरीज में भारतीय खिलाड़ी कुछ अलग ही अंदाज में खेलते दिखे। सिडनी में जीत की खुराक मिलते ही बॉडी लैंग्‍वेज पूरी तरह बदल चुकी थी। उनमें यह दिखाने का जज्‍बा दिखा कि हालात कैसे भी हों, उन्‍हें नियंत्रित करना उनको आता है। एक तरह से सिडनी वनडे की जीत ने वह प्‍लेटफॉर्म तय करने और वह विश्‍वास भरने का काम किया जो टी-20 की क्‍लीन स्‍वीप के रूप में सामने आया।