पिछले कुछ समय से एकदिवसीय क्रिकेट की बादशाह रही भारतीय टीम रविवार से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यहां शुरू होने वाली सात मैचों की सीरीज में भी अपना दबदबा बनाए रखकर रैंकिंग में शीर्ष स्थान कायम रखने की कोशिश करेगी।
भारत ने इस साल एकदिवसीय प्रारूप में बहुत अच्छे परिणाम हासिल किए। उसने 2013 के शुरू में पाकिस्तान से तीन मैचों की सीरीज गंवाई, लेकिन इसके बाद विश्व चैंपियन टीम ने लगातार सफलताएं हासिल कीं। अब उसका मुकाबला उस ऑस्ट्रेलिया से है, जिसे उसने फरवरी मार्च में टेस्ट सीरीज में 4-0 से करारी शिकस्त दी थी।
ऑस्ट्रेलियाई टीम कप्तान माइकल क्लार्क के बिना भारत दौरे पर आई है, लेकिन उसके बल्लेबाजों ने राजकोट में एकमात्र टी-20 मैच में अच्छा प्रदर्शन किया था। ऑस्ट्रेलिया ने भले ही एशेज में हार के बाद इंग्लैंड को वनडे में पराजित किया हो, लेकिन भारत को घरेलू परिस्थितियों में हराना बहुत मुश्किल होगा। ऑस्ट्रेलियाई टीम राजकोट में 200 रन से अधिक के स्कोर का बचाव नहीं कर पाई और इसलिए उसे अहसास हो गया है कि उसके लिए राह काफी कठिन होगी। भारतीय टीम में वापसी करने वाले युवराज सिंह ने 35 गेंद पर 77 रन ठोककर ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण की धज्जियां उड़ा दी थीं। बाएं हाथ का यह बल्लेबाज भारतीय मध्यक्रम का अहम हिस्सा रहा है और जिस तरह से उन्होंने टी20 मैच में बल्लेबाजी की उससे निश्चिततौर पर ऑस्ट्रेलिया की चिंता बढ़ गई होगी।
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