टीम इंडिया 4 मैचों की सीरीज में 1-0 से पीछे हो गई है.
नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया ने पुणे में शनिवार को चमत्कारी प्रदर्शन करते हुए पुणे टेस्ट में टीम इंडिया को 333 रन से हराकर चार टेस्ट की सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है. मैच में इस हार के लिए टीम इंडिया की गेंदबाजी के बजाय बल्लेबाजों को दोषी मानना ज्यादा उचित होगा. दोनों पारियों में मिलाकर टीम 75 ओवर भी विपक्षी टीम का सामना नहीं कर पाई. पहली पारी में टीम का स्कोर रहा 105 रन तो दूसरी पारी में इससे केवल दो रन अधिक यानी 107 रन. पुणे टेस्ट के पहले टीम इंडिया के बल्लेबाज (विशेष रूप से कप्तान कोहली) जिस तरह से रनों का अंबार लगा रहे थे, उस लिहाज से तो यह टीम के स्कोर के बजाय किसी एक खिलाड़ी का निजी स्कोर ही लगता है. बहरहाल, इस बात को स्वीकार करना होगा कि ऑस्ट्रेलिया ने अपने उपलब्ध मैन पावर का बखूबी इस्तेमाल किया जबकि टीम इंडिया इस मैच में उससे काफी पीछे रही. मैच में इन भारतीय प्लेयर्स का कमजोर प्रदर्शन हार का कारण बना...
विराट कोहली: दोनों पारियों में रहे फेल
विराट का नाम इस सूची में रखना बेहद सख्त जान पड़ता है. पिछले कुछ समय से पूरी बल्लेबाजी का भार मानो विराट कोहली अकेले ही ढो रहे हैं. दिल्ली के इस स्टार क्रिकेटर के प्रति टीम की निर्भरता इस कदर बढ़ गई है कि उनके फ्लॉप होते ही पूरी बल्लेबाजी ही ढह जाती है. पुणे टेस्ट में ऐसा ही हुआ. विराट, दोनों पारियों में नहीं चल पाए. पहली पारी में वे 0 और दूसरी में 13 रन पर आउट हुआ. पहली पारी में राहुल को छोड़ दें तो दूसरा कोई भारतीय बल्लेबाज अर्धशतक तक नहीं पहुंच पाया.
अजिंक्य रहाणे: कप्तान के भरोसा पर खरे उतरने की चुनौती
बांग्लादेश के खिलाफ एकमात्र टेस्ट में कप्तान विराट कोहली ने ट्रिपल सेंचुरी बनाने वाले करुण नायर के स्थान पर अनुभवी अजिंक्य रहाणे को तरजीह दी थी. उनका कहना था कि चेन्नई टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ तिहरा शतक जमाकर बेशक करुण ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है, लेकिन अजिंक्य की दो साल की मेहनत को अनदेखा नहीं किया जा सकता. उम्मीद यही थी कि कप्तान के भरोसे को साबित करते हुए बड़ी पारी खेलते. बांग्लादेश के खिलाफ रहाणे ने बैटिंग विकेट पर पहली पारी में अर्धशतक बनाया लेकिन पुणे टेस्ट में दोनों पारियों में नाकाम रहे. पहली पारी में 13 और दूसरी में 18 रन बना पाए.
मुरली विजय : ठोस शुरुआत नहीं दे पाए
मुरली विजय इस समय टीम इंडिया के सबसे अनुभवी ओपनर हैं. टीम के सम्मानजनक स्कोर की नींव रखने की बागडोर बहुत कुछ ओपनर जोड़ी पर होती है. अनुभव ज्यादा होने के कारण उनसे बड़ी उम्मीद थी लेकिन तमिलनाडु के इस बल्लेबाज ने निराश किया. पहली पारी में 10 और दूसरी पारी में दो रन बना पाए.
राहुल : टेस्ट क्रिकेट का मतलब समझना होगा
बेशक राहुल टीम इंडिया के पहली पारी के टॉप स्कोरर रहे. पुणे में टीम इंडिया की ओर से जो एकमात्र अर्धशतक बना वह कर्नाटक के इस खिलाड़ी ने ही बनाया, लेकिन पहली पारी में अपने आउट होने के अंदाज से राहुल बेहद निराश होंगे. स्टीव ओकीफी की गेंद पर उन्होंने बेहद जोखिमभरा शॉट लगाने के चक्कर में तब विकेट गंवाया जब टीम इंडिया के तीन बल्लेबाज पहले ही आउट हो चुके थे. दरअसल राहुल का आउट होना ही मैच का टर्निंग पाइंट रहा. ओकीफी ने राहुल सहित तीन विकेट लेकर टीम इंडिया को ऐसे झटके दिए कि वह उबर नहीं पाई.
ईशांत शर्मा: बल्लेबाजों पर नहीं बना पाए दबाव
तेज गेंदबाजों आमतौर पर जोड़ी के रूप में ही सफल होते हैं. उमेश यादव की बॉलिंग में हाल के समय में आया सुधार बेहद सराहनीय है. मैच की पहली पारी में उन्होंने चार विकेट लिए लेकिन टीम के सबसे अनुभवी गेंदबाज ईशांत शर्मा दोनों पारियों में विकेटहीन रहे. खास बात यह कि वे बल्लेबाजों के लिए कभी भी परेशानी बनते नजर नहीं आए. यह ठीक है कि विकेट तेज गेंदबाजों के मुकाबले स्पिन के ज्यादा मददगार था लेकिन ईशांत गेंदबाजी में बेहद साधारण लगे. शायद यही कारण रहा कि दूसरी पारी में तो कप्तान कोहली ने उनसे तीन ओवर ही कराए. आर अश्विन और रवींद्र जडेजा की जोड़ी ने मैच में विकेट जरूर लिए लेकिन स्टीव ओकीफी के अंदाज में (पांच या इससे अधिक) नहीं.