खास बातें
- वॉशिंगटन का सुंदर प्रदर्शन !
- ...पर नहीं ही बन सके ऐसे दूसरे भारतीय गेंदबाज
- कभी भुवनेश्वर कुमार ने दिया था अंजाम
नई दिल्ली: मोहाली में श्रीलंका के खिलाफ अपने वनडे करियर का आगाज करने वाले 18 साल के युवा ऑलराउंडर वॉशिंगटन सुंदर ने
अंतरराष्ट्रीय जगत को अपनी प्रतिभा से जल्द ही अवगत करा दिया. कई ऐसे गेंदबाज हुए हैं, जिनका पहले ही मुकाबले में प्रदर्शन इतना खराब रहा कि उन्हें एक विकेट तक नसीब नहीं हो सका. लेकिन वॉशिंगटन सुंदर के बारे में ऐसा नहीं कहा और लिखा जाएगा.मोहाली में उन्होंने बहुत ही जल्द ही विकेट चटकाया, लेकिन एक अहम रिकॉर्ड से वह महज आठ गेंद ही दूर रह गए. यह रिकॉर्ड बनाने वाले भुवनेश्वर कुमार इकलौते भारतीय गेंदबाज हैं.
अब आप खुद सोचिए कि यह कितना खास रिकॉर्ड है और यह भारतीय टीम को वनडे का दर्जा मिलने के कई सालों बाद किसी भारतीय गेंदबाज को नसीब हुआ. यह रिकॉर्ड करीब पांच ही साल पहले बना था और कुछ दिन पहले ही शादी रचाने वाले भुवनेश्वर कुमार ने इस रिकॉर्ड को अंजाम दिया था. तब भुवनेश्वर कुमार ने 30 दिसम्बर साल 2012 को चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम इस रिकॉर्ड को अंजाम दिया था.
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वॉशिंगटन सुंदर ने मोहाली में श्रीलंका के किलाफ अपने वनडे करियर की सिर्फ नौवीं गेंद पर ही विकेट चटका डाला. ऐसा बहुत ही कम देखने को मिलता है. खासकर तब जब गेंदबाज सिर्फ 18 साल का हो. अगर सुंदर आठ गेंद पहले ही श्रीलंकाई बल्लेबाज लाहिरु थिरिमाने का विकेट ले लेते तो, वह यह कारनामा करने वाले भारत के सिर्फ दूसरे और विश्व के 25वें गेंदबाज बन जाते. साल 2012 में भुवनेश्वर कुमार ने पाकिस्तान के मोहम्मद हफीज को अपने इंटरनेशनल करियर की पहली ही गेंद पर आउट कर दिया था. उसके बाद से ही करोड़ों भारतीय क्रिकेटप्रेमी फिर किसी भारतीय गेंदबाज से इस कारनामे को दोहराने की उम्मीद कर रहे हैं.
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बहरहाल, यह एक ऐसा रिकॉर्ड है, जो चमत्कार से कम नहीं ही है. और इसके लिए भाग्य की भी जरुरत होती है. मोहाली में वॉशिंगटन सुंदर के साथ भाग्य तो था, लेकिन यह आठ गेंद देरी से आया.