- भारत ने महिला क्रिकेट विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ फाइनल मैच में शानदार प्रदर्शन किया और जीत हासिल की
- सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार के बावजूद टीम इंडिया ने फाइनल में वापसी कर अपनी ताकत दिखाई
- बांग्लादेश के खिलाफ बारिश से रद्द मैच ने भारत को सेमीफाइनल में पहुंचने का मौका दिया और महत्वपूर्ण प्वाइंट दिया
Shafali Verma, Man Of The Match In World Cup Final Match: "जब आप कुछ चाहते हैं, तो सारी कायनात उसे हासिल करने में आपकी मदद करने के लिए जुट जाती हैं"
ये पंक्तियां ब्राजील के प्रसिद्ध उपन्यास 'दअलकेमिस्ट' से ली गई हैं. और रविवार को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए वीमेंस विश्व कप फाइनल (Women's World Cup Final) में मानो ब्रह्मांड की तमाम शक्तियां भारत के साथ हो चली थीं. शुरुआती दो मैचों में श्रीलंका और पाकिस्तान को पटखनी देने के बाद तीन मैचों में किस्मत रूठी, तो फिर यहां से कायनात फिर से टीम हरमनप्रीत के साथ हो चली. भारत 23 अक्तूबर को न्यूजीलैंड को पीटा,तो 26 को बांग्लादेश के साथ मैच रद्द हो गया, लेकिन भारत को सेमीफाइनल का टिकट मिल गया. और अगर ऐसा हुआ, तो इसके पीछे मानो गॉड की वह स्क्रिप्ट थी, जो मानो पहले से ही भारत के भाग्य में लिखी जा चुकी थी, वह प्लान जो अपने तरीके से ही पग-पग आगे बढ़ रहा था. सेमीफाइनल से पहले ही इस प्लान ने अपना पहला कदम बढ़ा दिया था!
यहां से शुरू हुआ 'गॉड्स प्लान'!
इस प्लान की शुरुआत सेमीफाइनल से ठीक पहले लीग मुकाबले में बांग्लदेश के खिलाफ बारिश से रद्द हुए मैच से हुई. लेकिन कायनात ने अपने तरीके से अंगड़ाई ली! रद्द हुए मैच से भारत को एक प्वाइंट मिला, तो स्मृति मंधाना के बाद सबसे ज्यादा रन बनाने वाली प्रतिका रावल के चोटिल होकर विश्व कप से बाहर हो गईं! यह चोट एक तरह से टीम इंडिया के लिए एक बड़ा झटका थी क्योंकि सेमीफाइनल मुकाबला लगातार 15 मैच जीतने वाले पिछले चैंपियन ऑस्ट्रेलिया से था. लेकिन चोट रावल के लिए बदनसीबी, तो शेफाली वर्मा (Shafali Verma) और टीम इंडिया के लिए बहुत बड़ा वरदान बनकर आई. शेफाली सेमीफाइनल के करो या मरो मुकाबले में में 10 रन बनाकर ही आउट हो गईं, लेकिन 'गॉड प्लान' का आगाज हो चुका था!

'गॉड प्लान' के पहले चरण का वार '!
यह कायनात की ही अपनी चाल थी कि जो शेफाली हफ्ते भर पहले 'टूटे ख्वाव' के साथ टीवी पर साथियों को आगे बढ़ते देख रही थी, उसी शेफाली ने रविवार को फाइनल में दक्षिण अफ्रीकी बॉलरों के धागे खोलते हुए टीम इंडिया को जर्बदस्त टॉनिक दिया. जब सबसे बड़ा मंच आया, तो शेफाली ने 78 गेंदों पर 7 चौकों और 2 छ्क्कों से तूफानी 87 रन बनाकर भारत के 298 के बड़े स्कोर का आधार रख दिया. 'गॉड प्लान' का पहला चरण काम कर चुका था, लेकिन अभी 'गॉड हैंड' का असर दिखना बाकी था.
सबसे बड़ी जरूरत जरूरत पर चला गॉड हैंड' का जादू!
दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत अच्छी नहीं हुई थी. दो विकेट जल्द गिर गए थे. शतकवीर कप्तान वोल्वॉर्ट और नंबर चार बल्लेबाज सुने लुस (25) के बीच तीसरे विकेट के लिए साझेदारी 50 से पार हो चली थी. फैंस और टीम इंडिया की बॉडी लैंग्वेज पर असर दिखने लगा. यहां से हरमन ने उस शेफाली वर्मा को गेंद थमाई, जिसने फाइनल से पहले तक 30 मैचों में मिलाकर वनडे करियर में 14 ही ओवर फेंके थे. और उस शेफाली का हाथ मानो टीम इंडिया के 'गॉड हैंड' साबित हुआ, जो हफ्ते पर भले टीवी पर साथियों के लिए तालियां जा रही थीं. शेफाली ने 7 ओवर में 36 रन देकर 2 विकेट चटकाए. दक्षिण अफ्रीका की कमर यहां ऐसी टूटी की फिर वापसी नहीं हुई. शेफाली प्लेयर ऑफ द मैच बनीं. गॉड प्लान पूरी तरह अपना काम कर चुका था. करोड़ों भारतीय झूम रहे थे. कायनात अपन ही अंदाज में मुस्कुरा रही थी!!
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