- भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच में निर्णायक रणनीति अपनाई थी
- मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में शेफाली वर्मा को 21वें ओवर में गेंद थमाना कप्तान का जोखिम भरा निर्णय था
- शेफाली वर्मा ने महत्वपूर्ण विकेट लिए, जिससे दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजी क्रम में भारी गिरावट आई
ज्यादातर मौकों पर जो लोगों को नहीं दिखाई पड़ता, वह अक्सर 'सेनापति' देख लेता है, कप्तान देख लेता है. और कुछ ऐसा ही भारतीय को महिला टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur) को दिखाई पड़ा. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ रविवार को मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम (DY Patil stadium) में कप्तान हरमनप्रीत कौर ने ऐसे समय तुरुप की चाल चली, जब टीम इंडिया को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी. यह चाल इतनी मारक साबित हुई कि दक्षिण अफ्रीका की मानो कमर टूट गई. मनोवैज्ञानिक रूप से दक्षिण अफ्रीकी टीम हिल कर रह गई. और यह चाल थी 21वें ओवर में पार्टटाइमर शेफाली वर्मा (Shefali Verma) को गेंद थमाना. और इस तुरुप की चाल ने मानो दक्षिण अफ्रीका के 'पेट' में प्रचंड प्रहार जड़ने का काम किया और इससे उपजे दर्द से फिर टीम वोल्वार्ट आखिर तक नहीं ही उबर सकी.
जोखिम भरी थी चाल, उलट भी पड़ सकती थी!
इस चाल में जोखिम बहुत ही ज्यादा था क्योंकि पिच बहुत पाटा और आसान खेल रही थी. दूसरा पहलू यह था कि शेफाली के पास घुमाव नाम की कोई चीज ही नहीं दिखती. विविधता को अलग रख देते हैं. लेकिन सही समय पर, सही प्लाइट के साथ सटीक जगह पर सधा टप्पा क्या काम कर सकता है, यह शेफाली ने कर दिखाया. इस पार्टटाइमर ने दूसरी ही गेंद पर लस को अपनी ही गेंद पर लपक कर खेला कर दिया! रिकॉर्डबुक विकेट के असर को बयां नहीं करतीं, लेकिन इस विकेट का असर बहुत ही गहरा पड़ा अफ्रीकी टीम पर. वोल्वार्ट और लस के बीच साझेदारी पचास से ऊपर हो चली थी. इस विकेट ने टीम को अलग ही ऊर्जा दे दी, जिसे कप्तान हरमनप्रीत के जश्न से साफ देखा जा सकता है.
इस विकेट से दक्षिण अफ्रीका नॉकआउट!
लस गुस को आउट करने के बाद ठीक अगली पांचवीं गेंद और कुल मिलाकर छठी गेंद पर शेफाली ने मैरिजाने कैप्प को आउट कर दक्षिण अफ्रीकी खेमे में हाहाकार मचा दिया! मैरिजाने ग्लांस करने की कोशिश में विकेट के पीछे रिचा गोष दक्षिण हाथों लपकी गईं भारत की जीत के सबसे बड़े टर्निंग प्वाइंट का जन्म हो चुका था! 6 गेंदों के भीतर दक्षिण अफ्रीका के मिड्ल रूपी पेट पर जोर का प्रहार पड़ा था. देखते ही देखते स्कोर 2 विकेट पर 114 रन से 4 विकेट पर 123 हो गया. 6 गेंद और 9 रन के भीतर उस पर ऐसा असर हुआ कि यहां से दक्षिण अफ्रीकी मनोवैज्ञानिक रूप से हिल गए. यहां से गेंद-दर-गेंद शारीरिक भाषा कुंद पड़ती गई..रन औसत बढ़ता गया, उसके बल्लेबाज दम तोड़ते गए. हरमनप्रीत की तुरुप की चाल काम कर चुकी थी!
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं