
युजवेंद्र चहल का फाइल फोटो
नई दिल्ली:
अपने समय के दिग्गज बल्लेबाज और कमेंटेटर सुनील गावस्कर जोहानेसबर्ग में भारतीय स्पिनर युजवेंद्र चहल के प्रदर्शन पर जमकर बरसे हैं. गावस्कर की नाराजगी की वजह भी वही है, जो करोड़ों भारतीय क्रिकेटप्रेमियों की है. लेकिन गावस्कर ने चौथे वनडे को लेकर एक नहीं, कई खास बातें कही हैं.
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कोई भी बॉलर नो बॉल से बचे
गावस्कर ने कहा कि मैं युजवेंद्र के बारे में पूरी इमानदारी से कहूंगा. सभी तरह की तकनीक की उपलब्धता के साथ आधुनिक क्रिकेट में किसी भी गेंदबाज को नो-बॉल नहीं फेंकनी चाहिएं. लेग स्टंप के बाहर वाइड बॉल होना समझ में आता है, क्योंकि इसको लेकर नियम बहुत ही सख्त है. सनी ने कहा कि साथ ही गेंदबाज को ऑफ स्टंप के बाहर भी वाइड नहीं ही फेंकनी चाहिए. जहां तक फ्रंटफुट नो-बॉल की बात है, तो तेज गेंदबाज कभी-कभी ओवर-स्टेप कर जाते हैं. लेकिन अब जबकि पचास ओवरों की क्रिकेट में भी नो-बॉल पर फ्री हिट मिलती है, तो तेज गेंदबाजो को भी नो-बॉल नहीं करनी चाहिए.
आरामतलब हो गई टीम इंडिया
गावस्कर ने आगे कहा कि टीम इंडिया में थोड़ा पेशवरपन का अभाव है. मुझे लगता है कि 3-0 से बढ़त बनाने के बात टीम की मनोदशा थोड़ी आरामतलब हो गई और इसका दक्षिण अफ्रीका ने पूरा फायदा उठाया. मिलर और क्लासेन ने शानदार बल्लेबाजी की. साथ ही गावस्कर ने अपने तीसरे सबसे अहम प्वाइंट के तहत युजवेंद्र चहल की नो-बॉल को मैच का टर्निंग प्वाइंट करार दिया.
VIDEO : सेंचुरियन में शतक बनाने के बाद विराट कोहली.
गावस्कर ने युजवेंद्र की आलोचना करते हुए साफ कहा कि इस युवा स्पिनर द्वारा डेविड मिलर को फेंकी गई नो बॉल मैच का टर्निंग प्वाइंट रही. और अगर यह नो बॉल नहीं होती, तो भारत यह मैच नहीं ही हारता.
हम याद दिला दें कि शुरुआती तीन वनडे मैचों में स्टार साबित हुए युजवेंद्र चहल ने चौथे वनडे में दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज डेविड मिलकर को तब आउट कर दिया था, जब यह दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज सिर्फ सात के निजी योग पर था. लेकिन युजवेंद्र चहल की यह गेंद नोबॉल रही. और इस मिले फायदे को डेविड मिलर ने दोनों हाथों से जमकर भुनाया. डेविड मिलर ने यह जीवनदान मिलने के बाद क्लासेन के साथ मिलकर युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव की जमकर पिटाई करते हुए 28 गेंदों पर नाबाद 39 रन ठोकते हुए अपनी टीम को पांच विकेट से जीत दिलाकर पिंक-डे पर न हारने की परंपरा को बरकरार रखा. बहरहाल हम गावस्कर द्वारा कही गई अहम बातों के बारे में आपको बताते हैं.Sunil #Gavaskar slams @yuzi_chahal for bowling no-ball in 4th ODI#INDvSA #SAvIND #momentumodi
— CricketNDTV (@CricketNDTV) February 12, 2018
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कोई भी बॉलर नो बॉल से बचे
गावस्कर ने कहा कि मैं युजवेंद्र के बारे में पूरी इमानदारी से कहूंगा. सभी तरह की तकनीक की उपलब्धता के साथ आधुनिक क्रिकेट में किसी भी गेंदबाज को नो-बॉल नहीं फेंकनी चाहिएं. लेग स्टंप के बाहर वाइड बॉल होना समझ में आता है, क्योंकि इसको लेकर नियम बहुत ही सख्त है. सनी ने कहा कि साथ ही गेंदबाज को ऑफ स्टंप के बाहर भी वाइड नहीं ही फेंकनी चाहिए. जहां तक फ्रंटफुट नो-बॉल की बात है, तो तेज गेंदबाज कभी-कभी ओवर-स्टेप कर जाते हैं. लेकिन अब जबकि पचास ओवरों की क्रिकेट में भी नो-बॉल पर फ्री हिट मिलती है, तो तेज गेंदबाजो को भी नो-बॉल नहीं करनी चाहिए.
आरामतलब हो गई टीम इंडिया
गावस्कर ने आगे कहा कि टीम इंडिया में थोड़ा पेशवरपन का अभाव है. मुझे लगता है कि 3-0 से बढ़त बनाने के बात टीम की मनोदशा थोड़ी आरामतलब हो गई और इसका दक्षिण अफ्रीका ने पूरा फायदा उठाया. मिलर और क्लासेन ने शानदार बल्लेबाजी की. साथ ही गावस्कर ने अपने तीसरे सबसे अहम प्वाइंट के तहत युजवेंद्र चहल की नो-बॉल को मैच का टर्निंग प्वाइंट करार दिया.
VIDEO : सेंचुरियन में शतक बनाने के बाद विराट कोहली.
गावस्कर ने युजवेंद्र की आलोचना करते हुए साफ कहा कि इस युवा स्पिनर द्वारा डेविड मिलर को फेंकी गई नो बॉल मैच का टर्निंग प्वाइंट रही. और अगर यह नो बॉल नहीं होती, तो भारत यह मैच नहीं ही हारता.
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