कोलकाता के ईडन-गार्डंस का नाम उस समय इतिहास में दर्ज हो गया जब यहां भारत और बांग्लादेश के बीच डे-नाइट टेस्ट (India vs Bangladesh, 2nd Test )खेला गया. भारत और बांग्लादेश, दोनों ही टीमों का यह पहला डे-नाइट टेस्ट (Day-Night Test) है. यही नहीं, भारत में पिंक बॉल टेस्ट (डे-नाइट) टेस्ट का भी यह पहला अवसर है. डे-नाइट टेस्ट के दौरान पिंक बॉल खेलने के लिए इस्तेमाल की जाती है. डे-नाइट टेस्ट को लेकर क्रिकेटरों ने कुछ असहजता का जिक्र किया. विराट कोहली भी कह चुके हैं कि डे-नाइट टेस्ट के दौरान पिंक बॉल से खेलते हुए ऊंचे कैच पकड़ना और बाउंड्री पर क्षेत्ररक्षण करते हुए थ्रो सीधे विकेटकीपर तक पहुंचाना चुनौती साबित होता है.
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डे-नाइट टेस्ट के दौरान ओस भी गेंदबाजों के लिए मुश्किल खड़ी करती है. भारतीय टेस्ट टीम के उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane)ने भी कहा है कि डे-नाइट टेस्ट मैच में रोशनी में बल्लेबाजी करना चुनौतीपूर्ण है. भारत ईडन गार्डन्स स्टेडियम में अपना पहला डे-नाइट टेस्ट खेल रहा है. मैच के दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद रहाणे ने कहा, "यह ऐतिहासिक टेस्ट मैच है और इसका हिस्सा बनना अच्छा है. एक बल्लेबाज के तौर पर मुझे लगता है कि पहले और दूसरे सत्र में बल्लेबाजी करना आसान है, लेकिन रोशनी में बल्लेबाजी करना, देर से स्विंग ले रही गेंदों के सामने खेलना, बल्लेबाज के लिए चुनौतीपूर्ण है."
टेस्ट फॉर्मेट में भारतीय टीम के कप्तान रहाणे (Ajinkya Rahane) ने कहा, "शाम का समय हमेशा चुनौती वाला होता है. पहले सत्र में गेंद अच्छे से बल्ले पर आती है और इसमें कोई ज्यादा मूवमेंट नहीं होता. बाद में ओस आने के कारण रणनीति में बदलाव होता है. इससे पार पाने के लिए आपको पहले सत्र में सकारात्मक क्रिकेट खेलनी होती है.
वीडियो: डे-नाइट टेस्ट को लेकर यह बोले विराट कोहली
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