
भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री का कहना है कि आलोचनाओं से घिरे कप्तान रोहित शर्मा के निकट भविष्य में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा करने पर उन्हें हैरानी नहीं होगी. उनका कहना है कि प्रतिभाशाली और फॉर्म में चल रहे युवा जैसे शुभमन गिल टीम में आने के लिए कड़ी मशक्कत कर रहे हैं. रोहित अपने दूसरे बच्चे के जन्म के कारण बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के लिए पांच मैच की सीरीज के शुरूआती टेस्ट में नहीं खेल पाये थे लेकिन इसके बाद पांच पारियों में उनका सर्वोच्च स्कोर 10 रन रहा है.
सिडनी टेस्ट के लिए अंतिम एकादश में रोहित के स्थान को लेकर अटकलें बृहस्पतिवार को तेज हो गईं जब मुख्य कोच गौतम गंभीर ने मैच की पूर्व संध्या पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में टीम के कप्तान के स्थान की पुष्टि नहीं की. शास्त्री पिछली बार भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मुख्य कोच थे और अब इस सीरीज में यहां कमेंटेरी कर रहे हैं. वह चाहते हैं कि 37 वर्षीय रोहित अगर अपने टेस्ट भविष्य पर फैसला करते हैं तो उन्हें धमाकेदार प्रदर्शन से अलविदा करना चाहिए.
शास्त्री ने 'आईसीसी रिव्यू' में कहा,"वह अपने करियर पर फैसला लेंगे. लेकिन अगर रोहित शर्मा संन्यास लेते हैं तो मुझे जरा भी हैरानी नहीं होगी क्योंकि उनकी उम्र बढ़ रही है, घट नहीं रही." उन्होने कहा,"टीम में शामिल होने के लिए कुछ अन्य युवा खिलाड़ी भी हैं जैसे शुभमन गिल. और वह अभी टीम में शामिल नहीं हो पा रहे हैं. वह बेंच पर बैठकर क्या कर रहे हैं. मुझे रोहित के संन्यास की घोषणा से हैरानी नहीं होगी. लेकिन यह उनका फैसला है."
रोहित जिस तरह से खेलते हैं, वह उससे करीब भी नहीं दिखे हैं और शास्त्री चाहते हैं कि सलामी बल्लेबाज पूरी स्वतंत्रता से खेले. शास्त्री ने कहा,"अगर मैं रोहित शर्मा के करीब होता तो मैं उससे कहता, जाकर धमाल करो. मैदान पर जाओ और विपक्षी टीम पर हमला करो. फिर देखते हैं क्या होता है." उन्होंने कहा,"अंत में अगर भारत विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (फाइनल) के लिए क्वालीफाई कर ले तो यह पूरी तरह से अलग बात होगी. मुझे लगता है कि यह सही समय हो सकता है. लेकिन अगर रोहित खेलते हैं तो उन्हें शानदार प्रदर्शन करना चाहिए."
शास्त्री ने कहा कि रोहित को अब तक सीरीज में पैरों के मूवमेंट से जूझना पड़ा है. उन्होंने कहा,"वह गेंद को थोड़ा देर से खेल रहा है. उसके पैर सामान्य रूप से उतने अच्छे से नहीं चल रहे हैं. हालांकि तब वह सर्वश्रेष्ठ खेलते थे, तब भी उनका फुटवर्क कम ही था." उन्होने कहा,"मैं चाहता हूं कि वह बस पिच पर जाकर धमाकेदार बल्लेबाजी करे और इस टेस्ट मैच को जीतने की कोशिश करे. आप एक टेस्ट हार गए हो लेकिन सीरीज नहीं गंवाई है. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को बरकरार रखने के लिए इस टेस्ट मैच को जीतने की कोशिश करें."
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