ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू हुई टी20 सीरीज (Ind vs Aus) सीरीज के पहले ही मुकाबले में मंगलवार को मोहाली में चार विकेट से मुंह की खाने के बाद पूर्व दिग्गजों और फैंस में खासा चिंता का भाव पैदा हो गया है. बातें कुछ इस तरह की होना शुरू हो गयी हैं कि क्या यह टीम रोहित अगले महीने शुरू हो रहे टी20 विश्व कप (T20 World Cup) जीत भी पाएगी. जाहिर है कि दो सौ से ऊपर का स्कोर बनाने के बावूजद इसका बचाव न कर पाना बहुत ही चिंता की बात है. और अब गावस्कर जैसे दिग्गज तक ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है. कुल मिलाकर मैनेजमेंट के सामने कुछ पहलू और सवाल जरूर खड़े हैं, जिनका जवाब जल्द से जल्द हासिल करने की जरूरत है क्योंकि टी20 विश्व कप की दिशा में आगे बढ़ते हुए भारत के पास सिर्फ पांच ही मैच बाकी बचे हैं. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दो और फिर दक्षिण अफ्रीका (India vs South Africa) के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज. चलिए हम बताते हैं कि कहां-कहां भारत को अपने पत्ते दुरुस्त करने की जरूरत है.
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1. शीर्ष तीन में से दो का चलना जरूरी
भारत के तीन सुपर सितारे केएल राहुल, रोहित शर्मा और विराट कोहली शीर्ष तीन पायदान पर बल्लेबाजी कर रहे हैं. और हालिया कुछ मैचों में इन तीन में से दो एक साथ बमुश्किल ही चले हैं. और अगर टीम मैनेजमेंट को विश्व कप के अपने आसार को बढ़ाना है, तो निश्चित रूप से इन तीनों से दो का लगभग हर मैच में चलना अनिवार्य होगा. वर्ना सारा दबाव मिड्ल ऑर्डर में सूर्यकुमार यादव और हार्दिक पर होगा और यह जरूरी ही नहीं कि दबाव के पलों में हर दूसरे मैच में ही इनका बल्ला बोले
2. कार्तिक की भूमिका पर खुला नजरिया जरूरी
टीम मैनेजमेंट ने मानो यह मान लिया है कि कार्तिक को सिर्फ फिनिशर की भूमिका में ही खिलना है. मोहाली में बहुत बड़े वर्ग को अक्षर पटेल का कार्तिक से ऊपर खेलने आना किसी को समझ नहीं आया. बेहतर होगा कि कार्तिक को और ज्यादा गेंद खेलने का मौका दिया जाए. और फिनिशर की भूमिका शुरू करने से पहले उनके दूसरे गीयर में भी खिलाया जाए क्योंकि वह ऐसा करने दौ फीसद सक्षम हैं
3. "भुवी प्रेम" से ऊपर उठना होगा
पहले एशिया कप और अब फिर मोहाली में पहले मैच को मिलाकर एकदम साफ हो गया है कि अब वह समय आ गया है, जब मैनेजमेंट को "भुवी प्रेम" से ऊपर उठकर सोचना होगा. यह सही है कि भुवनेश्वर अनुभवी हैं, लेकिन अब न उनमें गति दिख रही है और ही गेंदें स्विंग हो रही हैं. और रन देने का आलम यह है कि वह पहले टी20 में चार ओवरों में 52 रन लुटा बैठे.
4. स्लॉग ओवरों की बीमारी फिर शुरू!
यह सही है कि मोहाली में पहले टी20 में जसप्रीत बुमराह नहीं ही थे, लेकिन जिस सहजहता से कंगारू बल्लेबाजों ने स्लॉग ओवरों (आखिरी ओवरों) में भारतीय गेंदबाजों की कटाई की, वह विश्व कप को देखते हुए कोई अच्छे लक्षण नहीं हैं. हर्षल पटेल ने भी 4 ओवरों में 49 रन खर्च किए, तो चहल ने भी दस ओवर प्रति रन से ज्यादा रन खर्च किए. मैनेजमेंट को अब यह भी सोचना होगा कि क्या दूसरा स्पिनर वास्तव में फिट हो रहा है? अगर हो रहा है तो फिर अश्विन को खिलाया जाए या फिर पेसर को जगह दी जाए.
5. कैच छूटने की टाइमिंग गलत !
अब जब विश्व कप के तहत पाकिस्तान के खिलाफ अक्टूबर 23 को खेले जाने वाले पहले मुकाबले से पहले सिर्फ पांच ही मैच बाकी बचे हैं, तो मोहाली में छोड़े गए तीन कैच एक वेकअप कॉल है. इस मैच में तीन कैच छोड़े गए. बाउंड्री पर केएल राहुल और अक्षर पटेल के कैच अगर पकड़ लिए गए होते, तो निश्चित तौर पर मैच का परिणाम भारत के पक्ष में होता है. कुल मिलाकर मैनेजमेंट के पास समय बहुत कम है, जबकि करने के लिए काम बहुत. अगर कुछ ऐसा ही जारी रहा, तो फिर आगे बात बननी बहुत ही मुश्किल हो जाएगी.
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