ब्रिसबेन की कहानी का शीर्षक बदल गया. ब्रिसबेन के मैदान पर लगातार पांच दिन रह-रहकर बरसती बूंदों का राज खुल गया. दरअसल, मैदान पर ये बारिश की बूंदें नहीं थीं, क्रिकेट के बेशुमार आंसू थे, जो आने वाली मनहूस खबर को लेकर बार-बार बह रहे थे. ब्रिसबेन का क्लाइमेक्स होना था चौथे और पांचवें दिन कंगारुओं के पसीने छूटने का. एंटी क्लाइमेक्स सामने आया द ग्रेट आर अश्विन के संन्यास की शक्ल में. तो सबसे पहले बात फाइटर अश्विन की ही.
आज जवाब कैसे दे पाते अश्विन…
संन्यास के बाद पहली बार मीडिया के सामने आए अश्विन ने कहा- मेरे लिए यह बहुत भावुक लम्हा है, माफ कीजिएगा, इस मौके पर मैं आपका कोई सवाल नहीं ले पाऊंगा. जिस महान गेंदबाज के पास बड़े-से-बड़े बल्लेबाजों के हर सवाल का जवाब रहा, आज उसने खुद को सवालों से दूर कर लिया. एक समर्पित स्पोर्ट्सपर्सन के शरीर में दो आत्मा बसती है. पहली- जिससे वह जिंदा है. और दूसरी जिससे उसकी जिंदगी है- यानी उसका खेल.
अश्विन को अपनी 'एक आत्मा' से जुदा होते हुए क्या महसूस हो रहा होगा यह सिर्फ वही समझ सकते हैं. हम करोड़ों फैंस को अब अपने अश्विन को वक्त देना है. उनके नए रोल का इंतजार करना है. फिर नए रोल में सामने आने वाले अश्विन के साथ क्रिकेट को सेलिब्रेट करना है. और इस दरम्यान उनकी वजह से मिली बेशुमार खुशियों को याद करना है. इन खुशियों के लिए आर अश्विन का थैंक्स करना है.
क्रिकेट ने अपनी एक प्रखर पहचान को खोया-
अश्विन के फैसले को स्वीकारना क्रिकेट खेल के लिए भी आसान नहीं है. इससे क्रिकेट को हुए नुकसान की भरपाई भी आसान नहीं है. महान खिलाड़ियों के दम पर ही किसी खेल की पहचान बनती है. खेल उन्नत और समृद्ध होता है. ब्रिसबेन में अश्विन की शक्ल में इंटरनेशनल क्रिकेट ने अपनी एक प्रखर पहचान को खोया है.
दिल में धंस गई वो तस्वीर-
ब्रिसबेन से आई वो तस्वीर करोड़ों दिलों में कटार की तरह चुभ गई. ड्रेसिंग रूम में बेहद गंभीर माहौल में विराट और अश्विन गुफ्तगू कर रहे होते हैं. बातचीत खत्म करते हुए विराट अश्विन को गले लगाते हैं. आर अश्विन भावुक दिखते हैं. खबर आग की तरह फैलती है. ब्रिसबेन का मैदान अश्विन के चकाचौंध करने वाले करियर का आखिरी मुकाम बन जाता है. असीम नैचुरल टैलेंट से भरा एक फाइटर कह बैठता है- अच्छा तो हम चलते हैं.
🫂💙🇮🇳
— Star Sports (@StarSportsIndia) December 18, 2024
Emotional moments from the Indian dressing room 🥹#AUSvINDOnStar #BorderGavaskarTrophy #Ashwin #ViratKohli pic.twitter.com/92a4NqNsyP
ब्रिसबेन में 'अश्विन टाइप जज्बा'
अश्विन को विदा करते हुए ब्रिसबेन टेस्ट के चौथे और पांचवें दिन की चर्चा न हो तो शायद ये अश्विन को भी अच्छा नहीं लगेगा. क्योंकि टीम इंडिया इन दो दिनों में उसी फाइटर अप्रोच में दिखी, जिस तरह का अश्विन का पूरा करियर रहा.
तीसरा टेस्ट ड्रॉ रहा, लेकिन आखिरी दो दिन भारतीय टीम ने 'अश्विन टाइप जज्बा' दिखाया. तय दिख रही हार को ड्रॉ में तब्दील करना भी कमबैक से कम नहीं रहा. एक मायने में उससे भी ऊपर का करिश्मा रहा.
चौथे-पांचवें दिन का एंटीक्लाइमेक्स-
बुमराह और आकाशदीप की पारी भुलाए नहीं भूल सकते. आखिरी विकेट के लिए 47 रन की पार्टनरशिप. इस पार्टनरशिप ने कंगारुओं के मंसूबे पर पानी फेरा. फॉलोऑन की आशंका को टाला और इस तरह से आधी हार तो वहीं टाल दी. लेकिन एंटी क्लाइमेक्स आया पांचवें दिन. जब हमने एक बार फिर कंगारुओं का कैलकुलेशन धराशाई किया.
यकीनन ऑस्ट्रेलियन की कोशिश 10-15 ओवर्स में बमुश्किल 1-2 विकेट खोकर सवा से डेढ़ सौ रन कूटने की रही होगी. लेकिन हमारे गेंदबाजों ने उनकी बल्लेबाजी का मान-मर्दन किया. 89 तक 7 कंगारुओं को चलता किया और इस 89 के लिए 18 ओवर खेलने पर मजबूर किया.
मेलबर्न पर ‘अश्विन टाइप' जज्बा साथ होगा-
चौथे दिन के आखिरी सत्र के आखिरी घंटे में बुमराह और आकाशदीप ने ऑस्ट्रेलियन गेंदबाजों को हताश किया. पांचवें दिन भारतीय गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलियन बल्लेबाजों का मनोबल तोड़ा. यकीन रखिए ये दोनों ही घटनाएं ग्रेट कमबैक की झलकी है. इन दोनों ही घटनाओं का प्रतिफल आपको मेलबर्न के मैदान पर जरूर दिखेगा. 26 दिसंबर को मेलबर्न पर आर अश्विन टीम के साथ नहीं होंगे. लेकिन 'अश्विन टाइप' फाइटर वाला जज्बा हमारे साथ होगा.
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