राजकोट टेस्ट में इंग्लैंड ने टीम इंडिया को बैकफुट पर ला दिया है (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज की क्लीन स्वीप की खुमारी टीम इंडिया पर से शायद अभी उतरी नहीं है... इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट टेस्ट के पहले दो दिन के खेल के बाद तो यही लग रहा है. टेस्ट सीरीज शुरू होने से पहले क्रिकेट जगत खासकर मीडिया में ऐसा माहौल था कि एलिस्टेयर कुक आर्मी भारत में 'हारी हुई बाजी' खेलने आ रही है.
कुछ स्पोर्ट्स चैनल्स पर तो इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि टीम इंडिया किस अंतर से सीरीज पर कब्जा करने जा रही है. कुछ चैनलों की राय जहां 5-0की थी तो कुछ 4-0 या 4-1 से बाजी टीम इंडिया के पक्ष में बता रहे थे. क्रिकेट के दीवाने इस देश में इस बात की उम्मीद शायद किसी को नहीं थी कि इंग्लैंड के बल्लेबाज, भारतीय खिलाड़ियों से अपने विकेट के लिए इस कदर संघर्ष कराएंगे.
इंग्लैंड टीम के स्कोर के 500 के पार पहुंचते ही अब स्थितियां पूरी तरह पलटती नजर आ रही है. अब दबाव विराट कोहली ब्रिगेड पर है. मुरली विजय और गौतम गंभीर की जोड़ी ने दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक तो अपने विकेट बचाते हुए स्कोर 63 रन तक पहुंचा दिया है, लेकिन टीम इंडिया का संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है.
मैच के तीसरे दिन यदि इंग्लैंड की टीम प्रारंभिक सत्र में ही एक-दो कामयाबी हासिल करने में सफल रही तो कुछ भी ...जी हां कुछ भी हो सकता है. ऐसे में स्वाभाविक है टीम इंडिया की पहली नजर फॉलोआन को टालने पर टिकी है. मैच के पहले दिन इंग्लैंड की टीम अगर 4 विकेट पर 311 रन बनाकर कमांडिंग पोजीशन पर आई तो इसका बहुत कुछ श्रेय टीम इंडिया की खराब फील्डिंग को जाता है. पहले दिन भारतीय प्लेयर्स ने इंग्लिश बल्लेबाजों के तीन से चार कैच टपकाए. मुरली विजय, अजिंक्य रहाणे और विराट कोहली से यह कैच छूटे. मो. शमी की ओर से फेंके गए पारी के पहले ओवर में कैच छूटने का जो सिलसिला शुरू हुआ वह आगे भी चलता रहा. इनमें से ज्यादातर कैच स्लिप में छूटे. ऐसा लग रहा था मानो क्षेत्ररक्षण कर रहे खिलाडि़यों के हाथों में मक्खन लगा हुआ है और गेंद उनके हाथों से फिसल रही है. पहले दिन के खेल के बाद कोचिंग स्टाफ से जुड़े संजय बांगर ने माना कि कैच ड्रॉप करना टीम इंडिया को भारी पड़ा है.
दरअसल स्लिप में फील्डिंग कुछ अर्से से टीम इंडिया की कमजोर कड़ी रही है और कोच अनिल कुंबले को इस दिशा में काम करने की जरूरत है. पहले दिन के खेल के बाद इंग्लैंड के लिए जरूरत थी बड़ा स्कोर बनाकर टीम इंडिया पर दबाब बनाने की.. और मोईन अली और बेन स्टोक्स ने ठीक यही किया. शतकवीर रूट, मोईन और स्टोक्स की बात तो छोड़ दें, पुछल्ले बल्लेबाज जफर अंसारी ने भी अपने विकेट के लिए भारतीय गेंदबाजों से पूरी मेहनत कराई.
इंग्लैंड का 537 रन का स्कोर भारत पर कहीं भारी न पड़े. राजकोट के सौराष्ट्र क्रिकेट स्टेडियम का विकेट अभी तक तो बल्लेबाजी के अनुकूल नजर आया है, लेकिन आखिरी तीन दिनों में इसने घूमना शुरू किया तो टीम इंडिया की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. ध्यान रखिए इंग्लैंड टीम तीन स्पिनर आदिल रशीद, जफर अंसारी और मोईन अली है. राइट आर्म लेग ब्रेक, लेफ्ट आर्म लेग स्पिन और ऑफ स्पिन का यह परफेक्ट कांबिनेशन है. जाहिर है विराट ब्रिगेड के लिए टेस्ट के अगले तीन दिन चुनौती भरे हो सकते हैं...
कुछ स्पोर्ट्स चैनल्स पर तो इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि टीम इंडिया किस अंतर से सीरीज पर कब्जा करने जा रही है. कुछ चैनलों की राय जहां 5-0की थी तो कुछ 4-0 या 4-1 से बाजी टीम इंडिया के पक्ष में बता रहे थे. क्रिकेट के दीवाने इस देश में इस बात की उम्मीद शायद किसी को नहीं थी कि इंग्लैंड के बल्लेबाज, भारतीय खिलाड़ियों से अपने विकेट के लिए इस कदर संघर्ष कराएंगे.
इंग्लैंड टीम के स्कोर के 500 के पार पहुंचते ही अब स्थितियां पूरी तरह पलटती नजर आ रही है. अब दबाव विराट कोहली ब्रिगेड पर है. मुरली विजय और गौतम गंभीर की जोड़ी ने दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक तो अपने विकेट बचाते हुए स्कोर 63 रन तक पहुंचा दिया है, लेकिन टीम इंडिया का संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है.
मैच के तीसरे दिन यदि इंग्लैंड की टीम प्रारंभिक सत्र में ही एक-दो कामयाबी हासिल करने में सफल रही तो कुछ भी ...जी हां कुछ भी हो सकता है. ऐसे में स्वाभाविक है टीम इंडिया की पहली नजर फॉलोआन को टालने पर टिकी है. मैच के पहले दिन इंग्लैंड की टीम अगर 4 विकेट पर 311 रन बनाकर कमांडिंग पोजीशन पर आई तो इसका बहुत कुछ श्रेय टीम इंडिया की खराब फील्डिंग को जाता है. पहले दिन भारतीय प्लेयर्स ने इंग्लिश बल्लेबाजों के तीन से चार कैच टपकाए. मुरली विजय, अजिंक्य रहाणे और विराट कोहली से यह कैच छूटे. मो. शमी की ओर से फेंके गए पारी के पहले ओवर में कैच छूटने का जो सिलसिला शुरू हुआ वह आगे भी चलता रहा. इनमें से ज्यादातर कैच स्लिप में छूटे. ऐसा लग रहा था मानो क्षेत्ररक्षण कर रहे खिलाडि़यों के हाथों में मक्खन लगा हुआ है और गेंद उनके हाथों से फिसल रही है. पहले दिन के खेल के बाद कोचिंग स्टाफ से जुड़े संजय बांगर ने माना कि कैच ड्रॉप करना टीम इंडिया को भारी पड़ा है.
दरअसल स्लिप में फील्डिंग कुछ अर्से से टीम इंडिया की कमजोर कड़ी रही है और कोच अनिल कुंबले को इस दिशा में काम करने की जरूरत है. पहले दिन के खेल के बाद इंग्लैंड के लिए जरूरत थी बड़ा स्कोर बनाकर टीम इंडिया पर दबाब बनाने की.. और मोईन अली और बेन स्टोक्स ने ठीक यही किया. शतकवीर रूट, मोईन और स्टोक्स की बात तो छोड़ दें, पुछल्ले बल्लेबाज जफर अंसारी ने भी अपने विकेट के लिए भारतीय गेंदबाजों से पूरी मेहनत कराई.
इंग्लैंड का 537 रन का स्कोर भारत पर कहीं भारी न पड़े. राजकोट के सौराष्ट्र क्रिकेट स्टेडियम का विकेट अभी तक तो बल्लेबाजी के अनुकूल नजर आया है, लेकिन आखिरी तीन दिनों में इसने घूमना शुरू किया तो टीम इंडिया की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. ध्यान रखिए इंग्लैंड टीम तीन स्पिनर आदिल रशीद, जफर अंसारी और मोईन अली है. राइट आर्म लेग ब्रेक, लेफ्ट आर्म लेग स्पिन और ऑफ स्पिन का यह परफेक्ट कांबिनेशन है. जाहिर है विराट ब्रिगेड के लिए टेस्ट के अगले तीन दिन चुनौती भरे हो सकते हैं...
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