प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली.:
लोढ़ा पैनल और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के बीच तकरार अब खुलकर सामने है और बीसीसीआई आरोप लगाने से भी पीछे नहीं हट रही.
बीसीसीआई और लोढ़ा पैनल के बीच एक बार फिर ठन गई है. यह कड़वाहट क्रिकेट फ़ैन्स महसूस कर रहे हैं..ईडन गार्डन्स पर जीत और टीम इंडिया के नंबर 1 बनने के बाद ख़बर आई कि मौजूदा भारत-न्यूज़ीलैंड सीरीज़ बीच में रूक सकती है. ज़ाहिर है इसने क्रिकेट जगत की हलचल बढ़ा दी. लोढ़ा पैनल ने दो भारतीय बैंकों को आदेश दिया कि वो राज्य क्रिकेट संघों को बीसीसीआई अकाउंट से पैसा जारी नहीं करे. ऐसे में बीसीसीआई ने सीरीज़ होने पर ही सवाल खड़े कर दिए.
अनुराग ठाकुर ने कहा, "दुर्भाग्यपूर्ण है कि बीसीसीआई के अकाउंट फ़्रीज़ कर दिए जाते हैं. अगर हम राज्य संघों को पैसा देना चाहते हैं या मैच फ़ीस बढ़ाने की बात करते हैं तो हम पर रोक लगा दी जाती है. ऐसे हालात में सीरीज़ कैसे हो इसका फ़ैसला राज्य क्रिकेट संघ को करना है." रिटायर्ड जस्टिस लोढ़ा ने इन ख़बरों को लेकर सफ़ाई भी दी. उन्होंने साफ़ किया उन्होंने रूटीन यानी रोज़मर्रा के खर्चों पर रोक लगाने की बात नहीं कही है. यानी ऐसा कुछ आदेश नहीं दिया जिससे मौजूदा क्रिकेट सीरीज़ पर कोई असर पड़े.
रिटायर्ड जस्टिस लोढ़ा ने सफ़ाई दी कि उन्होंने चैंपियंस लीग टी-20 के नहीं होने पर ब्रॉडकास्टर से मिले कॉम्पनसेशन (हर राज्य को क़रीब 12 करोड़) और राज्य संघों को मिलने वाली इन्फ़्रास्ट्रक्चर सब्सिडी की 60 करोड़ के ऊपर मिलने वाले 10 करोड़ को रोकने की बात कही. लेकिन बीसीसीआई ने इसे लोढ़ा पैनल के ख़िलाफ़ मुद्दा बना लिया. लोढ़ा ने आईपीएल के बाद इंग्लैंड में 2017 में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफ़ी के होने को लेकर भी संदेह के बादल दूर करने की कोशिश की. लेकिन बीसीसीआई अलग सुर में अपने काम की दुहाई दे रही है.
बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने यह भी कहा, "क्या बीसीसीआई ने कुछ नहीं किया, तो फिर हम टेस्ट में नंबर 1, टी-20 में नबंर 2 और वनडे में नंबर 4 कैसे बन गए?" लेकिन मसले से जुड़े जानकार अलग राय भी रखते हैं. उनका मानना है कि लोढ़ा पैनल की सिफ़ारिशें आईपीएल के दौरान सामने आए क्रिकेट के भ्रष्टाचार का नतीजा है. इसलिए बोर्ड को लोढ़ा की सिफ़ारिशों को लागू करना ही चाहिए. (NDTV एक्सक्लूसिव : अब रद्द नहीं होगी भारत और न्यूजीलैंड के बीच जारी सीरीज़)
पूर्व भारतीय क्रिकेटर कीर्ति आज़ाद कहते हैं, "ये कोर्ट का आदेश है. बीसीसीआई को ये समझना चाहिए. उन्हें संभलकर जवाब देना चाहिए." जबकि रिटायर्ड जस्टिस मुकुल मुद्गल कहते हैं, "कुछ बातें जायज़ हो सकती हैं. बीसीसीआई उन्हें लेकर कोर्ट जा सकता है. इस मसले पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा." बीसीसीआई के रवैये को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहले ही सख़्ती जता चुका है. ऐसे में 6 अक्टूबर को बीसीसीआई को भावनाओं से ऊपर उठकर ठोस जवाब ढूंढने की ज़रूरत होगी.
बीसीसीआई और लोढ़ा पैनल के बीच एक बार फिर ठन गई है. यह कड़वाहट क्रिकेट फ़ैन्स महसूस कर रहे हैं..ईडन गार्डन्स पर जीत और टीम इंडिया के नंबर 1 बनने के बाद ख़बर आई कि मौजूदा भारत-न्यूज़ीलैंड सीरीज़ बीच में रूक सकती है. ज़ाहिर है इसने क्रिकेट जगत की हलचल बढ़ा दी. लोढ़ा पैनल ने दो भारतीय बैंकों को आदेश दिया कि वो राज्य क्रिकेट संघों को बीसीसीआई अकाउंट से पैसा जारी नहीं करे. ऐसे में बीसीसीआई ने सीरीज़ होने पर ही सवाल खड़े कर दिए.
अनुराग ठाकुर ने कहा, "दुर्भाग्यपूर्ण है कि बीसीसीआई के अकाउंट फ़्रीज़ कर दिए जाते हैं. अगर हम राज्य संघों को पैसा देना चाहते हैं या मैच फ़ीस बढ़ाने की बात करते हैं तो हम पर रोक लगा दी जाती है. ऐसे हालात में सीरीज़ कैसे हो इसका फ़ैसला राज्य क्रिकेट संघ को करना है." रिटायर्ड जस्टिस लोढ़ा ने इन ख़बरों को लेकर सफ़ाई भी दी. उन्होंने साफ़ किया उन्होंने रूटीन यानी रोज़मर्रा के खर्चों पर रोक लगाने की बात नहीं कही है. यानी ऐसा कुछ आदेश नहीं दिया जिससे मौजूदा क्रिकेट सीरीज़ पर कोई असर पड़े.
रिटायर्ड जस्टिस लोढ़ा ने सफ़ाई दी कि उन्होंने चैंपियंस लीग टी-20 के नहीं होने पर ब्रॉडकास्टर से मिले कॉम्पनसेशन (हर राज्य को क़रीब 12 करोड़) और राज्य संघों को मिलने वाली इन्फ़्रास्ट्रक्चर सब्सिडी की 60 करोड़ के ऊपर मिलने वाले 10 करोड़ को रोकने की बात कही. लेकिन बीसीसीआई ने इसे लोढ़ा पैनल के ख़िलाफ़ मुद्दा बना लिया. लोढ़ा ने आईपीएल के बाद इंग्लैंड में 2017 में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफ़ी के होने को लेकर भी संदेह के बादल दूर करने की कोशिश की. लेकिन बीसीसीआई अलग सुर में अपने काम की दुहाई दे रही है.
बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने यह भी कहा, "क्या बीसीसीआई ने कुछ नहीं किया, तो फिर हम टेस्ट में नंबर 1, टी-20 में नबंर 2 और वनडे में नंबर 4 कैसे बन गए?" लेकिन मसले से जुड़े जानकार अलग राय भी रखते हैं. उनका मानना है कि लोढ़ा पैनल की सिफ़ारिशें आईपीएल के दौरान सामने आए क्रिकेट के भ्रष्टाचार का नतीजा है. इसलिए बोर्ड को लोढ़ा की सिफ़ारिशों को लागू करना ही चाहिए. (NDTV एक्सक्लूसिव : अब रद्द नहीं होगी भारत और न्यूजीलैंड के बीच जारी सीरीज़)
पूर्व भारतीय क्रिकेटर कीर्ति आज़ाद कहते हैं, "ये कोर्ट का आदेश है. बीसीसीआई को ये समझना चाहिए. उन्हें संभलकर जवाब देना चाहिए." जबकि रिटायर्ड जस्टिस मुकुल मुद्गल कहते हैं, "कुछ बातें जायज़ हो सकती हैं. बीसीसीआई उन्हें लेकर कोर्ट जा सकता है. इस मसले पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा." बीसीसीआई के रवैये को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहले ही सख़्ती जता चुका है. ऐसे में 6 अक्टूबर को बीसीसीआई को भावनाओं से ऊपर उठकर ठोस जवाब ढूंढने की ज़रूरत होगी.
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