भारत के पूर्व क्रिकेटर अमित मिश्रा और पूर्व कप्तान एमएस धोनी के रिश्तों को लेकर बीच-बीच में अक्सर अलग-अलग नजरिए से खबरें आती रहीं, लेकिन पूर्व लेग स्पिनर ने कभी इन खबरों पर मुंह नहीं खोला. अब मिश्रा ने एक इंटरव्यू में इस पर पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि लोग कहते हैं कि अगर अगर धोनी वहां नहीं होते, तो मेरा करियर और बेहतर होता. लेकिन कौन जानता है कि अगर वह नहीं होते, तो हो सकता है कि मैं टीम में भी नहीं होता. धोनी के साथ पेशेवर रिश्तों पर रोशनी डालते हुए मिश्रा ने कहा, 'मैं भारतीय टीम में केवल उनकी ही कप्तानी में आया. और मैं टीम में वापसी करता रहा. उन्होंने बतौर कप्तान सहमति दी होगी, तो भी मैं वापसी करता रहा. ऐसे में चीजों को सकारात्मक रूप से भी देखा जा सकता है.' वैसे धोनी के बाकी दूसरे स्पिन विकल्पों की ओर देखने की बात से भी मिश्रा ने कभी भी खुद को अनदेखा महसूस नहीं किया.
उन्होंने कहा,'मेरे पास समर्थन था. जब कभी भी मैंने टीम में वापसी की, तो ऐसा नहीं था कि धोनी मेरे पास नहीं आए और मुझे टिप्स नहीं दिए या चीजें डिस्कस नहीं कीं. उन्होंने हमेशा ही मुझसे बात की.' एक ऐसे ही किस्से को याद करते हुए मिश्रा ने कहा, 'मैं न्यूजीलैंड के खिलाफ अपनी आखिरी सीरीज खेल रहा था. और धोनी कप्तान थे. यह बहुत ही नजदीकी मैच था. हमने 260-270 रन बनाए थे. ऐसे में मैंने विकेट लेने पर ध्यान ने देकर रन रोकने की रणनीति अपनाई. लेकिन धोनी ने को यह पसंद नहीं आया. कुछ ही ओवर बाद धोनी मेरे पास आए और मैं अपनी स्वाभाविक बॉलिंग नहीं कर रहा हूं.'
मिश्रा बोले, 'धोनी ने मुझसे ज्यादा न सोचने और अपनी चिर-परिचित स्वभाव में बॉलिंग करने को कहा. यह छोटी सी सलाह थी, लेकिन बहुत ही निर्णायक थी. धोनी ने मुझसे कहा कि यह तुम्हारी अपनी बॉलिंग है. ठीक इसी तरह गेंदबाजी करो. ज्यादा सोचने की बजाय वह करो, जो हमेशा करते रहे हो. इसका तुरंत असर हुआ और मुझे विकेट भी मिला. यह गेम चेंजिंग स्पेल बन गया. . मैंने पांच विकेट चटकाए और मैं सोचता हूं कि यह मेरा सर्वश्रेष्ठ स्पेल था.'
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