पुणे टेस्ट में 12 विकेट लेने वाले स्टीव ओकीफी मैन ऑफ द मैच रहे (फाइल फोटो)
टीम इंडिया को उसके ही मैदान पर तीन दिनों में हार के लिए मजबूर करना...ऑस्ट्रेलियाई लेग स्पिनर स्टीव ओकीफी (Steve O'Keefe) ने अपने प्रदर्शन से ऐसा कमाल कर दिखाया है कि समय हर कोई उनकी प्रशंसा करने में व्यस्त है. पुणे टेस्ट में मलेशिया में जन्मे इस स्पिन गेंदबाज ने दोनों पारियों में 6-6 विकेट लिए और यह उनका प्रदर्शन ही था जिसके कारण ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 333 रन के विशाल अंतर से हराने में सफलता हासिल की. ओकीफी के इस प्रदर्शन में टीम इंडिया के लिए हरफनमौला और लेग स्पिनर की हैसियत से खेले श्रीधरन श्रीराम (Sridharan Sriram) की भूमिका को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. दरअसल स्पिन सलाहकार श्रीराम ने ही भारतीय विकेट पर किस तरह की गेंदबाजी की जाए, इस बारे में ओकीफी और कंगारू टीम के अन्य स्पिनर्स को उपयोगी सुझाव दिए. सीरीज के पहले दुबई में धीमे विकेट तैयार कर उन पर कड़ा अभ्यास भी पुणे में ऑस्ट्रेलिया के स्पिन डिपार्टमेंट के लिहाल से उपयोगी साबित हुआ.
श्रीराम बताते हैं कि भारतीय विकेट में गेंदबाजी करने को लेकर स्टीव ओकीफी शुरुआत में घबराए हुए थे. श्रीराम ने बताया, 'उन्होंने मुझसे कहा था कि वह (ओकीफी) थोड़े से घबराए हुए हैं वह सहज स्थिति में नहीं थे और ऑस्ट्रेलिया में जिस तरह से गेंदबाजी करते हैं उसी तरह से करना चाहते थे. मैंने कहा ठीक है. मैंने उनसे कहा कि आपको क्या लगता कि इस विकेट पर क्या करने की जरूरत है? उन्होंने कहा कि मुझे राउंड और थोड़ी तेज गेंदबाजी करने की जरूरत है. मैंने कहा ठीक है ऐसा ही करिए.' श्रीराम ने मैच के दौरान उनसे बात भी की थी।
पुणे में ऑस्ट्रेलियाई टीम की जीत इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि इस टीम ने भारत को उसके मजबूत पक्ष माने जाने वाले स्पिन के जरिये ही मात दी. इस जीत के सहारे ऑस्ट्रेलिया ने भारत के पिछले 19 मैचों से चले आ रहे अपराजित रहने के सिलसिले को भी तोड़ा. वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो ने श्रीधरन के हवाले से लिखा, "आप बुरे से बुरे हालात के लिए तैयारी करते हो. लेकिन आपको इस दौरान सर्वश्रेष्ठ मिल जाए तो आप उसके लिए खेलते हैं. मेरा मानना है कि दुबई में हमारी तैयारी शानदार रही. हमने अलग-अलग तरह की पिचें बनाईं. हमने रफ विकेट भी बनाए, स्पिन लेने वाली पिचें भी बनाई, हमने धीमी और निची रहने वाली पिचें भी बनाईं. इसलिए अलग-अलग तरह की पिचें और हमारे सामने आने वाली हर चुनौती को लेकर हमने अच्छी तैयारी की."
आस्ट्रेलिया के स्पिन सलाहकार श्रीधरन श्रीराम का मानना है कि कोच का नाम नहीं बल्कि उसके सुझाव उसे खिलाड़ियों से सम्मान दिलाते हैं. श्रीराम से पूछा गया कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनका नाम बड़ा नहीं है तो क्या ऐसे में उन्हें इस भूमिका के दौरान समस्या आई, जवाब में उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि नाम कोई मायने रखता है, क्या ऐसा होता है. नाम कैसे मायने रखेगा. मेरे कहने का मतलब है कि अगर मैं तर्कसंगत बात करूंगा तो वे मुझे सुनेंगे, अगर मैं बकवास करूंगा तो वे ऐसा नहीं करेंगे. यह सामान्य सी बात है.’ उन्होंने कहा, ‘इस ऑस्ट्रेलियाई टीम के बारे में सबसे अच्छी बात ये है कि वे बात सुनने के लिए तैयार हैं. और इसके बाद बेशक जब मैंने तर्क की बात की तो वे इसे सुनने लगे और नेट में इनका प्रयोग शुरू किया और देखा कि यह उनके लिए काम कर रही है और मुझे लगता है कि यह ऐसे हुआ.’ श्रीराम ने कहा, ‘मैंने सभी से बात की, सिर्फ स्पिनरों से नहीं, मेरे मुख्य कोच से मुझे यह स्वतंत्रता मिली जो बेहतरीन है, इसलिए अगर मुझे लगता है कि कुछ किया जा सकता है तो मैं किसी से भी बात कर सकता हूं, मैं उनके पास जाता हूं और सुझाव देता हूं और यह उन पर निर्भर करता है कि वे इसे लागू करते हैं या नहीं. कुछ इनकार करते हैं और कुछ हां बोलते हैं. ’
श्रीराम ने कहा कि ओकीफी की सफलता का तैयार रहने और प्रयोग का इच्छुक होने को दिया जाना चाहिए. यह पूछने पर कि ओकीफी ने क्या बदलाव किया, श्रीराम ने कहा, ‘बदलाव जरूरी नहीं, मैं सामंजस्य शब्द का इस्तेमाल करूंगा क्योंकि भारत इतना बड़ा देश है, इसलिए कोई एक हल नहीं है. अगर आप कहते हैं कि यह चीज काम करेगी तो ऐसा नहीं होने वाला. इसलिए आपको सामंजस्य बैठाना होगा और देखना होगा कि उस दिन क्या चीज काम करती है.’गौरतलब है कि तमिलनाडु के श्रीधरन भारत के लिए आठ वनडे मैच खेले हैं. इसमें उन्होंने 81 रन बनाए हैं तथा 9 विकेट लिए हैं. उन्होंने घरेलू सत्र में असम, महाराष्ट्र और गोवा के लिए क्रिकेट खेली है। इससे पहले उन्होंने 2015 में आस्ट्रेलिया-ए के साथ काम किया था. (एजेंसी से भी इनपुट)
श्रीराम बताते हैं कि भारतीय विकेट में गेंदबाजी करने को लेकर स्टीव ओकीफी शुरुआत में घबराए हुए थे. श्रीराम ने बताया, 'उन्होंने मुझसे कहा था कि वह (ओकीफी) थोड़े से घबराए हुए हैं वह सहज स्थिति में नहीं थे और ऑस्ट्रेलिया में जिस तरह से गेंदबाजी करते हैं उसी तरह से करना चाहते थे. मैंने कहा ठीक है. मैंने उनसे कहा कि आपको क्या लगता कि इस विकेट पर क्या करने की जरूरत है? उन्होंने कहा कि मुझे राउंड और थोड़ी तेज गेंदबाजी करने की जरूरत है. मैंने कहा ठीक है ऐसा ही करिए.' श्रीराम ने मैच के दौरान उनसे बात भी की थी।
पुणे में ऑस्ट्रेलियाई टीम की जीत इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि इस टीम ने भारत को उसके मजबूत पक्ष माने जाने वाले स्पिन के जरिये ही मात दी. इस जीत के सहारे ऑस्ट्रेलिया ने भारत के पिछले 19 मैचों से चले आ रहे अपराजित रहने के सिलसिले को भी तोड़ा. वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो ने श्रीधरन के हवाले से लिखा, "आप बुरे से बुरे हालात के लिए तैयारी करते हो. लेकिन आपको इस दौरान सर्वश्रेष्ठ मिल जाए तो आप उसके लिए खेलते हैं. मेरा मानना है कि दुबई में हमारी तैयारी शानदार रही. हमने अलग-अलग तरह की पिचें बनाईं. हमने रफ विकेट भी बनाए, स्पिन लेने वाली पिचें भी बनाई, हमने धीमी और निची रहने वाली पिचें भी बनाईं. इसलिए अलग-अलग तरह की पिचें और हमारे सामने आने वाली हर चुनौती को लेकर हमने अच्छी तैयारी की."
आस्ट्रेलिया के स्पिन सलाहकार श्रीधरन श्रीराम का मानना है कि कोच का नाम नहीं बल्कि उसके सुझाव उसे खिलाड़ियों से सम्मान दिलाते हैं. श्रीराम से पूछा गया कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनका नाम बड़ा नहीं है तो क्या ऐसे में उन्हें इस भूमिका के दौरान समस्या आई, जवाब में उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि नाम कोई मायने रखता है, क्या ऐसा होता है. नाम कैसे मायने रखेगा. मेरे कहने का मतलब है कि अगर मैं तर्कसंगत बात करूंगा तो वे मुझे सुनेंगे, अगर मैं बकवास करूंगा तो वे ऐसा नहीं करेंगे. यह सामान्य सी बात है.’ उन्होंने कहा, ‘इस ऑस्ट्रेलियाई टीम के बारे में सबसे अच्छी बात ये है कि वे बात सुनने के लिए तैयार हैं. और इसके बाद बेशक जब मैंने तर्क की बात की तो वे इसे सुनने लगे और नेट में इनका प्रयोग शुरू किया और देखा कि यह उनके लिए काम कर रही है और मुझे लगता है कि यह ऐसे हुआ.’ श्रीराम ने कहा, ‘मैंने सभी से बात की, सिर्फ स्पिनरों से नहीं, मेरे मुख्य कोच से मुझे यह स्वतंत्रता मिली जो बेहतरीन है, इसलिए अगर मुझे लगता है कि कुछ किया जा सकता है तो मैं किसी से भी बात कर सकता हूं, मैं उनके पास जाता हूं और सुझाव देता हूं और यह उन पर निर्भर करता है कि वे इसे लागू करते हैं या नहीं. कुछ इनकार करते हैं और कुछ हां बोलते हैं. ’
श्रीराम ने कहा कि ओकीफी की सफलता का तैयार रहने और प्रयोग का इच्छुक होने को दिया जाना चाहिए. यह पूछने पर कि ओकीफी ने क्या बदलाव किया, श्रीराम ने कहा, ‘बदलाव जरूरी नहीं, मैं सामंजस्य शब्द का इस्तेमाल करूंगा क्योंकि भारत इतना बड़ा देश है, इसलिए कोई एक हल नहीं है. अगर आप कहते हैं कि यह चीज काम करेगी तो ऐसा नहीं होने वाला. इसलिए आपको सामंजस्य बैठाना होगा और देखना होगा कि उस दिन क्या चीज काम करती है.’गौरतलब है कि तमिलनाडु के श्रीधरन भारत के लिए आठ वनडे मैच खेले हैं. इसमें उन्होंने 81 रन बनाए हैं तथा 9 विकेट लिए हैं. उन्होंने घरेलू सत्र में असम, महाराष्ट्र और गोवा के लिए क्रिकेट खेली है। इससे पहले उन्होंने 2015 में आस्ट्रेलिया-ए के साथ काम किया था. (एजेंसी से भी इनपुट)
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