नई दिल्ली:
पिछले माह आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में फंसने के बाद लगभग चार हफ्ते नई दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद रहकर आए क्रिकेटर शांताकुमारन श्रीसंत ने अब दाढ़ी बढ़ा ली है, और वह माथे पर टीका लगाए दिखाई दिए, लेकिन उनके मुताबिक उन्हें किसी से बात करते हुए भी डर लगने लगा है।
हालांकि, दिल्ली में सोमवार को भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) की भ्रष्टाचार-रोधी शाखा के प्रमुख रवि सवानी से मुलाकात के बाद श्रीसंत के चेहरे पर कुछ राहत ज़रूर थी, लेकिन उनका कहना था, "जेल से लौटने के बाद तो मुझे घर से निकलते हुए भी डर लग रहा था... लेकिन रवि सवानी से मुलाकात पुलिस की पूछताछ के मुकाबले कहीं बेहतर थी, क्योंकि उन्होंने (रवि ने) मुझसे पिता या बड़े भाई जैसा सलूक किया..."
टेस्ट क्रिकेट में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके तेज़ गेंदबाज श्रीसंत 11 जून से जमानत पर बाहर हैं। उन्हें आईपीएल के मैचों के दौरान सट्टेबाजों से मिलकर लाखों रुपयों के बदले जान-बूझकर खराब गेंदबाज़ी करने के आरोप में जेल भेजा गया था। उनके साथ इसी मामले में आईपीएल की उनकी टीम राजस्थान रॉयल्स के दो साथी खिलाड़ियों अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण को भी पकड़ा गया था, और इसके बाद हुई व्यापक धरपकड़ में कई बड़े लोग भी धरे गए।
इस मामले में पुलिस के अलावा बीसीसीआई खुद भी जांच करवा रही है, और यदि श्रीसंत को दोषी पाया गया तो उन पर क्रिकेट खेलने के लिए आजीवन प्रतिबंध लग सकता है। श्रीसंत का कहना है कि इस वक्त उनकी सबसे बड़ी चिंता यही है कि क्या वह कभी दोबारा क्रिकेट खेल पाएंगे या नहीं। हालांकि श्रीसंत ने ट्रेनिंग शुरू कर दी है, लेकिन उन्हें बहुत बेसब्री से क्लीन चिट मिलने का इंतज़ार है, ताकि वह अपनी ज़िन्दगी को फिर से ढर्रे पर ला सकें।
श्रीसंत ने कहा, "अब तो '9 से 5' की साधारण नौकरी करने के लिए भी मुझे क्लीन चिट की ज़रूरत है, लेकिन परमात्मा की दया से सब बेहतर होता जा रहा है, और मैं पूरी कोशिश कर रहा हूं कि ज़िन्दगी को पहले की तरह सामान्य कर सकूं..."
इससे पहले पिछले सप्ताहांत में श्रीसंत ने सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट ट्विटर पर लिखा भी था, "ट्रेनिंग शुरू कर दी है... पहला दिन था... धीरे-धीरे सामान्य ज़िन्दगी में वापसी कर रहा हूं... आप सभी के समर्थन का शुक्रिया... कड़ी मेहनत जारी रखूंगा और इंतजार करूंगा... धैर्य रखूंगा... उम्मीद है, जल्द मैदान पर वापसी करूंगा... जय माता दी..."
हालांकि, दिल्ली में सोमवार को भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) की भ्रष्टाचार-रोधी शाखा के प्रमुख रवि सवानी से मुलाकात के बाद श्रीसंत के चेहरे पर कुछ राहत ज़रूर थी, लेकिन उनका कहना था, "जेल से लौटने के बाद तो मुझे घर से निकलते हुए भी डर लग रहा था... लेकिन रवि सवानी से मुलाकात पुलिस की पूछताछ के मुकाबले कहीं बेहतर थी, क्योंकि उन्होंने (रवि ने) मुझसे पिता या बड़े भाई जैसा सलूक किया..."
टेस्ट क्रिकेट में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके तेज़ गेंदबाज श्रीसंत 11 जून से जमानत पर बाहर हैं। उन्हें आईपीएल के मैचों के दौरान सट्टेबाजों से मिलकर लाखों रुपयों के बदले जान-बूझकर खराब गेंदबाज़ी करने के आरोप में जेल भेजा गया था। उनके साथ इसी मामले में आईपीएल की उनकी टीम राजस्थान रॉयल्स के दो साथी खिलाड़ियों अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण को भी पकड़ा गया था, और इसके बाद हुई व्यापक धरपकड़ में कई बड़े लोग भी धरे गए।
इस मामले में पुलिस के अलावा बीसीसीआई खुद भी जांच करवा रही है, और यदि श्रीसंत को दोषी पाया गया तो उन पर क्रिकेट खेलने के लिए आजीवन प्रतिबंध लग सकता है। श्रीसंत का कहना है कि इस वक्त उनकी सबसे बड़ी चिंता यही है कि क्या वह कभी दोबारा क्रिकेट खेल पाएंगे या नहीं। हालांकि श्रीसंत ने ट्रेनिंग शुरू कर दी है, लेकिन उन्हें बहुत बेसब्री से क्लीन चिट मिलने का इंतज़ार है, ताकि वह अपनी ज़िन्दगी को फिर से ढर्रे पर ला सकें।
श्रीसंत ने कहा, "अब तो '9 से 5' की साधारण नौकरी करने के लिए भी मुझे क्लीन चिट की ज़रूरत है, लेकिन परमात्मा की दया से सब बेहतर होता जा रहा है, और मैं पूरी कोशिश कर रहा हूं कि ज़िन्दगी को पहले की तरह सामान्य कर सकूं..."
इससे पहले पिछले सप्ताहांत में श्रीसंत ने सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट ट्विटर पर लिखा भी था, "ट्रेनिंग शुरू कर दी है... पहला दिन था... धीरे-धीरे सामान्य ज़िन्दगी में वापसी कर रहा हूं... आप सभी के समर्थन का शुक्रिया... कड़ी मेहनत जारी रखूंगा और इंतजार करूंगा... धैर्य रखूंगा... उम्मीद है, जल्द मैदान पर वापसी करूंगा... जय माता दी..."
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