प्रीटोरिया:
दक्षिण अफ्रीका-ए टीम के खिलाफ सोमवार को 248 रनों की ऐतिहासिक पारी खेलने वाले भारत-ए टीम के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने कहा है कि उन्हें इस बात का आभास था कि उनके पास तिहरा शतक लगाने का मौका है और अगर वह 44वें ओवर में आउट नहीं हुए होते तो शायद यह मुकाम हासिल कर लेते।
धवन ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट (एकदिवसीय) में दूसरी और भारत के लिए सबसे बड़ी पारी खेली। भारत के लिए सचिन तेंदुलकर (नाबाद 200) और वीरेंद्र सहवाग (219) ने एक-दिवसीय मैचों में दोहरे शतक लगाए हैं, लेकिन धवन ने अपनी 150 गेंदों की इस पारी के माध्यम से प्रथम श्रेणी क्रिकेट के लिहाज से नया कीर्तिमान स्थापित किया।
धवन ने मैच के बाद कहा, "मुझे इस रिकॉर्ड के बारे में पता था और इससे मैं बहुत खुश हूं। मैं जब 44वें ओवर में आउट हुआ तो मेरे दिमाग में आया कि अगर मैं पूरे 50 ओवर विकेट पर रह जाता तो 300 रनों का आंकड़ा भी पार कर सकता था। वैसे मैंने जो स्कोर किया, उससे बेहद खुश हूं।"
धवन ने अपनी पारी में 30 चौके और सात छक्के लगाए। एक-दिवसीय क्रिकेट में सबसे बड़ी पारी का रिकॉर्ड सहवाग के नाम है, लेकिन प्रथम श्रेणी मैचों में सबसे बड़ी पारी का रिकॉर्ड काउंटी क्लब सरे के खिलाड़ी एडी ब्राउन के नाम है, जिन्होंने 2002 में ग्लेमॉर्गन के खिलाफ 268 रन बनाए थे।
इसके बाद धवन का नाम दर्ज हो चुका है। इस कड़ी में तीसरे क्रम पर ग्रीम पोलाक हैं, जिन्होंने 1974 में ईस्टर्न प्रोविंस के लिए खेलते हुए ईस्ट लंदन में बार्डर टीम के खिलाफ नाबाद 222 रन बनाए थे।
एक-दिवसीय मैचों में सचिन और सहवाग की बराबरी करने की बात कभी दिमाग में आई? यह पूछे जाने पर धवन ने कहा, "सचिन और सहवाग की पारियां मेरी पारी से कई गुना बेहतर हैं क्योंकि दोनों ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दोहरे शतक लगाए हैं। 200 रनों का आंकड़ा पार करते ही मैं समझ गया था कि अब मेरा नाम इन दो दिग्गजों के साथ जुड़ चुका है, जिसके बारे में मैंने सचमुच कभी सोचा नहीं था।"
उल्लेखनीय है कि एक-दिवसीय (अंतरराष्ट्रीय) और प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अब तक कुल 12 बल्लेबाजों ने 200 या उससे अधिक रनों की पारियां खेली हैं, और इनमें से तीन भारत के हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अब तक सिर्फ दो दोहरे शतक लगे हैं और ये भी भारतीयों-सचिन और सहवाग के नाम हैं।
धवन ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट (एकदिवसीय) में दूसरी और भारत के लिए सबसे बड़ी पारी खेली। भारत के लिए सचिन तेंदुलकर (नाबाद 200) और वीरेंद्र सहवाग (219) ने एक-दिवसीय मैचों में दोहरे शतक लगाए हैं, लेकिन धवन ने अपनी 150 गेंदों की इस पारी के माध्यम से प्रथम श्रेणी क्रिकेट के लिहाज से नया कीर्तिमान स्थापित किया।
धवन ने मैच के बाद कहा, "मुझे इस रिकॉर्ड के बारे में पता था और इससे मैं बहुत खुश हूं। मैं जब 44वें ओवर में आउट हुआ तो मेरे दिमाग में आया कि अगर मैं पूरे 50 ओवर विकेट पर रह जाता तो 300 रनों का आंकड़ा भी पार कर सकता था। वैसे मैंने जो स्कोर किया, उससे बेहद खुश हूं।"
धवन ने अपनी पारी में 30 चौके और सात छक्के लगाए। एक-दिवसीय क्रिकेट में सबसे बड़ी पारी का रिकॉर्ड सहवाग के नाम है, लेकिन प्रथम श्रेणी मैचों में सबसे बड़ी पारी का रिकॉर्ड काउंटी क्लब सरे के खिलाड़ी एडी ब्राउन के नाम है, जिन्होंने 2002 में ग्लेमॉर्गन के खिलाफ 268 रन बनाए थे।
इसके बाद धवन का नाम दर्ज हो चुका है। इस कड़ी में तीसरे क्रम पर ग्रीम पोलाक हैं, जिन्होंने 1974 में ईस्टर्न प्रोविंस के लिए खेलते हुए ईस्ट लंदन में बार्डर टीम के खिलाफ नाबाद 222 रन बनाए थे।
एक-दिवसीय मैचों में सचिन और सहवाग की बराबरी करने की बात कभी दिमाग में आई? यह पूछे जाने पर धवन ने कहा, "सचिन और सहवाग की पारियां मेरी पारी से कई गुना बेहतर हैं क्योंकि दोनों ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दोहरे शतक लगाए हैं। 200 रनों का आंकड़ा पार करते ही मैं समझ गया था कि अब मेरा नाम इन दो दिग्गजों के साथ जुड़ चुका है, जिसके बारे में मैंने सचमुच कभी सोचा नहीं था।"
उल्लेखनीय है कि एक-दिवसीय (अंतरराष्ट्रीय) और प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अब तक कुल 12 बल्लेबाजों ने 200 या उससे अधिक रनों की पारियां खेली हैं, और इनमें से तीन भारत के हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अब तक सिर्फ दो दोहरे शतक लगे हैं और ये भी भारतीयों-सचिन और सहवाग के नाम हैं।
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