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This Article is From Jan 08, 2012

निजी उपलब्धि को तवज्जो नहीं देता : क्लार्क

ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट कप्तान क्लार्क ने कहा कि यदि निजी उपलब्धियों से टीम को फायदा नहीं होता, तो उन्हें बहुत बुरा लगता।
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सिडनी: ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट कप्तान माइकल क्लार्क ने कहा कि वह कभी निजी उपलब्धियों को ज्यादा तवज्जो नहीं देते, क्योंकि यदि इस तरह के रिकॉर्ड से टीम को फायदा नहीं होता, तो उन्हें बहुत बुरा लगता। क्लार्क ने भारत के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में 329 रन बनाए, जिससे आस्ट्रेलिया ने यह मैच पारी और 68 रन से जीता। जब वह डॉन ब्रैडमैन और मार्क टेलर के 334 रन के स्कोर को पार करने के करीब थे, तब उन्होंने टीम को तवज्जो देकर पारी समाप्त घोषित कर दी थी।

क्लार्क ने ‘द डेली टेलीग्राफ’ में अपने कॉलम में लिखा है, ‘‘यदि इतने अधिक रन बनाकर भी हम टेस्ट मैच नहीं जीत पाते, तो बहुत बुरा लगता। मैं दो महीने पहले ही दक्षिण अफ्रीका में ऐसी भावनाओं से गुजरा था। तब केपटाउन में मैंने 151 रन बनाए, जो गेंदबाजों के लिए अनुकूल परिस्थितियों और दक्षिण अफ्रीका के मजबूत तेज गेंदबाजी आक्रमण को देखते हुए मेरी सर्वश्रेष्ठ पारी थी।’’ वैसे क्लार्क को अब भी विश्वास नहीं हो रहा है कि उन्होंने 300 से अधिक रन का स्कोर बनाया और वह भी अपने घरेलू मैदान पर यह उपलब्धि हासिल की।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि मैंने टेस्ट मैच में 300 रन बनाए। मुझे नहीं लगता कि मैं संन्यास लेने तक यह मान पाऊंगा। मेरा मानना है कि प्रत्येक खिलाड़ी के साथ ऐसा होता है। आप वर्तमान में जीते हैं। अगली गेंद और अगले टेस्ट मैच पर ध्यान केंद्रित करते हैं। पीछे मुड़कर देखने के लिए बहुत कम समय होता है तथा आप जीत के लिए रन बनाते हैं और विकेट लेते हैं।’’

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Michael Clarke, माइकल क्लार्क, भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया
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