
माइकल क्लार्क की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने 2015 का वर्ल्डकप जीता था (फाइल फोटो)
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
कहा, लोगों की नजरों में पसंदीदा बनने की चिंता छोड़ें
कोई पसंद करें या न करें, आक्रामक क्रिकेट खेलना है
क्लार्क की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया जीत चुका है वर्ल्डकप
जेसन गिलेस्पी ने अपनी टीम को दी सलाह, कोहली के खिलाफ स्लेजिंग मत करना 'वर्ना...'
वर्ष 2015 में अपनी कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को वर्ल्डकप जिताने वाले क्लार्क (Michael Clarke) ने मैक्वरी स्पोर्ट्स रेडियो से कहा, "मुझे लगता है कि ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट को लोगों की नजरों में पसंदीदा बनने की चिंता छोड़ देनी चाहिए. ऑस्ट्रेलियाई शैली की कड़ी क्रिकेट खेलनी है चाहे कोई इसे पसंद करे या नहीं, यह हमारे खून में है." भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एडिलेड में 6 दिसंबर से चार मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच खेला जाना है.
कुछ खिलाड़ी टीम के लिए 'ट्यूमर' की तरह थे, क्लार्क के इस बयान से हो सकता है विवाद
37 वर्षीय पूर्व कप्तान ने कहा, "अगर आप अपनी इस कड़ी और आक्रामक शैली को छोड़ने की कोशिश करते हो तो हो सकता है कि हम दुनिया की सबसे पसंदीदा टीम बन जाएं लेकिन हम मैच नहीं जीत पाएंगे. हमारे खिलाड़ी मैच जीतना चाहते हैं." पूर्व कप्तान ने आक्रामकता के मामले में बॉल टेम्परिंग मामले में एक साल के लिए निलंबित किए गए डेविड वॉर्नर (David Warner) का उदाहरण दिया.
वीडियो: मैडम तुसाद म्यूजियम में विराट कोहली
उन्होंने कहा कि वॉर्नर जब आक्रामक होते हैं तो वह मैदान में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं. ऑस्ट्रेलिया के लिए 115 टेस्ट मैच खेलने वाले क्लार्क (Michael Clarke) ने वार्नर का उदाहरण देते हुए आगे कहा, "यह उनकी शैली है. वह आप से आंख से आंख मिलाकर बात करेगा. आपकी सबसे बड़ी ताकत आपकी सबसे बड़ी कमजोरी बन सकती है. मैं हमेशा उन्हें अपनी टीम में रखना पसंद करूंगा, क्योंकि उनमें कड़ी क्रिकेट खेलने के साथ-साथ आक्राकता भी है जो मुझे पसंद है." (इनपुट: एजेंसी)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं