जारी World Cup 2023 में पिछले दिनों भारत के हाथों मिली सात विकेट से हार के बाद से पाकिस्तान क्रिकेट में भूचाल से मचा हुआ है. ऐसा लगता है कि पैदा हुए हालात से उसके पूर्व दिग्गज भी बौखला से गए हैं. आप खुद सोचिए कि भला कहीं ऐसा होता है कि पूर्व दिग्गज करीब-करीब शुरुआती राउंड में ही कप्तान बदलने की बाद करने लगें. सोमवार को ही शोएब मलिक (Shoaib Malik) ने बाबर आजम (Babar Azam) को व्हाइट बॉल फॉर्मेट से हटाने की मांग की थी. एक टीवी शो में मलिक के इस बयान की पूर्व दिग्गज मोहम्मद यूसुफ ने न केवल आलोचना की, बल्कि उन्होंने लीजेंड वसीम अकरम की भी इस बात के लिए आलोचना की कि उन्होंने मलिक के कमेंट के दौरान उन्हें सही नहीं किया. और मोहम्मद यूसुफ अकरम के इस रुख से बहुत ही ज्यादा हैरान हैं. एक पाकिस्तानी टीवी कार्यक्रम में शोएब ने कहा था कि बाबर को पूरी तरह से बल्लेबाजी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. और बाबर की जगह लेफ्टी पेसर शाहीन आफरीदी को कप्तान बनाना चाहिए.
मलिक के बयान पर यूसुफ ने समा टीवी से बातचीत में कहा कि World Cup 2023 के दौरान ऐसी कोई बात नहीं करनी चाहिए. यूसुफ ने इमरान खान का उदाहरण देते हुए कहा कि इमरान भी साल 1983 और 1997 में टीम को कप जिताने में नाकाम रहे थे. और उन्हें साल 1992 में अपने तीसरे प्रयास में कामयाबी मिली.
यूसुभ बोले कि मुझे नहीं लगता कि किसी को भी इस बारे में बात करनी चाहिए. दूसरी बात यह है कि हम यह न भूलें कि इमरान भी 1983 और 1987 में अपनी कप्तानी में विश्व कप नहीं जिता सके थे. किसी भी अच्छे खिलाड़ी को लंबे समय तक कप्तान बनाए रहना चाहिए. पूर्व कप्तान बोले कि बाबर इसलिए टीम के कप्तान हैं क्योंकि उनमें क्षमता है. वह PCB अध्यक्ष से रिश्तेदारी के कारण पाकिस्तान के कप्तान नहीं बने हैं. वह एक वास्तविक कप्तान हैं. इसलिए उनके बारे में इस तरह की बातें करना पाकिस्तान के लिए सही नहीं है और उनके लिए भी सही नहीं है. खासतौर पर यह देखते हुए कि भारत से हार के बाद बाबर पर बहुत ज्यादा दबाव है. यूसुफ ने कहा कि मैं इस बात पर बहुत ही ज्यादा हैरान हूं कि जब शोएब मलिक ऐसा बोल रहे थे तो अकरम ने उन्हें बिल्कुल भी रोकने की कोशिश नहीं की.
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