यह ख़बर 03 मार्च, 2013 को प्रकाशित हुई थी

हैदराबाद टेस्ट : मुरली-पुजारा ने दिलाई लक्ष्मण-द्रविड़ की याद

खास बातें

  • भारतीय क्रिकेट टीम और ऑस्ट्रेलिया के बीच जारी दूसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन रविवार को वीरेन्द्र सहवाग का विकेट चटकाने के बाद ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज पूरे दिन सफलता हासिल करने के लिए तरसते रहे।
हैदराबाद:

भारतीय क्रिकेट टीम और ऑस्ट्रेलिया के बीच जारी दूसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन रविवार को वीरेन्द्र सहवाग का विकेट चटकाने के बाद ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज पूरे दिन सफलता हासिल करने के लिए तरसते रहे। यह नजारा बिल्कुल वैसा ही था, जैसा वर्ष 2001 में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दूसरे टेस्ट मैच में भारत की दूसरी पारी के दौरान देखने को मिला था।

उस वक्त भारत के अनुभवी बल्लेबाज राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण अपनी शानदार बल्लेबाजी के बूते भारतीय टीम को हार के कगार से शानदार स्थिति में ले आए थे। दोनों के बीच 376 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी हुई थी। लक्ष्मण और द्रविड़ मैच के तीसरे तीन बल्लेबाजी करने उतरे थे और चौथे दिन नाबाद लौटे थे।

कंगारू गेंदबाज चौथे दिन विकेट के लिए प्रयास करते रहे, लेकिन लक्ष्मण और द्रविड़ दीवार बनकर उनकी हर नीति का मुंहतोड़ जवाब देते रहे। द्रविड़ ने इस मैच में 180 और लक्ष्मण ने 281 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली थी, जिसकी मदद से भारत 171 रनों से विजयी रहा था।

उप्पल स्थित राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में जारी टेस्ट मैच के दूसरे दिन मुरली विजय और चेतेश्वर पुजारा ने जिस तरह का खेल दिखाया उससे लक्ष्मण और द्रविड़ की यादें एक बार फिर से ताजा हो गईं। दोनों युवा बल्लेबाज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का अधिक अनुभव नहीं होने के बावजूद मंजे हुए टेस्ट बल्लेाबाजों की शैली में खेले। दोनों ने सहवाग के आउट होने के बाद कंगारुओं के दबाव बनाने के मंसूबों पर पानी फेर दिया।

मुरली ने जहां अपना दूसरा टेस्ट शतक लगाया वहीं पुजारा ने चौथा अंतरराष्ट्रीय टेस्ट शतक जड़कर अपने टेस्ट बल्लेबाज होने के दावे को और अधिक मजबूत किया। पुजारा अभी तक 251 गेंदों पर 25 चौके और एक छक्का लगा चुके हैं, जबकि मुरली ने 288 गेंद खेलकर 17 चौके और दो छक्के  लगाए हैं। दोनों के बीच 298 रनों की साझेदारी हो चुकी है।

दिन का खेल खत्म होने तक भारतीय टीम ने एक विकेट के नुकसान पर 311 रन बना लिए हैं, जिसके परिणामस्वरूप उसे 74 रनों की बढ़त भी हासिल हो गई है। मुरली 129 और पुजारा 162 रनों पर नाबाद लौटे।

दिन के पहले सत्र में मुरली और पुजारा ने काफी धीमा खेलते हुए केवल 49 रन जोड़े थे, लेकिन भोजनावकाश के बाद दोनों ने तेजी से खेलना शुरू किया और चायकाल तक टीम के कुल योग में 106 रन और जोड़े।

इससे पहले, कल के नाबाद लौटे बल्लेबाज बल्लेबाज वीरेन्द्र सहवाग (4) और बिना खाता खोले खेल रहे मुरली ने रविवार को दिन के खेल की शुरुआत की। भारतीय टीम का पहला विकेट सहवाग के रूप में गिरा। सहवाग इस मैच में भी प्रभावी प्रदर्शन नहीं कर सके और छह रन बनाकर पवेलियन लौट गए। वह तेज गेंदबाज पीटर सिडल की गेंद पर विकेटकीपर मैथ्यू वेड को कैच थमा बैठे।

शनिवार को टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अपनी पहली पारी नौ विकेट के नुकसान पर 237 रनों पर घोषित कर दी थी। कप्तान माइकल क्लार्क (91) और मैथ्यू वेड (62) के अलावा कोई भी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज टिककर नहीं खेल सका था। दोनों के बीच 145 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी हुई।

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अन्य बल्लेबाजों में वाटसन (23), फिल ह्यूज (19), ग्लेन मैक्सवेल (13), डेविड वार्नर (6) और एड कोवान चार रन बनाकर आउट हो गए थे। भारत की ओर से भुवनेश्वर और जडेजा ने तीन-तीन विकेट चटकाए, जबकि हरभजन को दो और अश्विन को एक सफलता मिली।