अब यह तो आप जानते ही हैं कि पाकिस्तानी क्रिकेटरों का विवादों से कैसे चोली-दामन का साथ रहा है. पूर्व में उसके कई क्रिकेटरों पर मैच फिक्सिंग या स्पॉट फिक्सिंग आरोप लगा है. हालात पाकिस्तान क्रिकेट के ऐसे हो चले हैं कि जब भी पाकिस्तान टीम हारती है, तो उसी के देश में किसी न किसी वर्ग से इस तरह का सुर सुनने को मिल ही जाता है. इसकी बड़ी वजह यह भी है कि उसके खिलाड़ी मोहम्मद आमिर, मोहम्मद आसिफ और कप्तान सलमान बट्ट हालिया सालों में फिक्सिंग के गुनहगार रहे हैं. अब पूर्व दिग्गज बासित अली ने भी कुछ ऐसा कहा है. और उनका बयान पाकिस्तान मीडिया में खासी सुर्खियां बटोर रहा है
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीजियो में कहा, "जो देश के बारे में नहीं सोचता, उसकी नियुक्ति नहीं होनी चाहिए. जो खिलाड़ी खुद यह स्वीकार कर चुका है कि उसने जानते बूझते मैच गंवाया, उसे मेन्टॉर नहीं होना चाहिए. अगर आप सबूत चाहते हैं, तो मैं आपको ये दूंगा'. बासित ने कहा, 'रमीज राजा साहब ने शोएब मलिक का इंटरव्यू लिया. उसने क्या कहा?
Basit Ali
— ЅᏦᎽ (@13hamdard) September 11, 2024
Shoaib Malik ne jaan bhoj k match harwaye hai i have proof
Usko mentor nahi banana chahye #PakistanCricket #BabarAzam pic.twitter.com/U4OWRPjmnH
बता दें कि शोएब मलिक पाकिस्तान में होने वाले चैंपियंस कप में स्टालियन्स टीम के मेन्टॉर बनाए गए हैं. चैंपियंस कप वनडे के फॉर्मेट में खेला जाएगा. इसमें बाबर आजम, मोहम्मद रिजवान, शाहीन शाह आफीरीदी सहित नामी गिरामी खिलाड़ी अपनी-अपनी फ्रेंचाइजी के लिए खेलंगे.
इससे पहले बासित ने इससे पहले साल 2025 में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारत के पाकिस्तान दौरे पर आने की बात कही थी और हर दिन इस विषय पर कोई न कोई खबर आ रही है. चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी पाकिस्तान को मिली है, लेकिन भारत की भागीदारी को लेकर अभी भी स्थिति साफ नहीं है.
वैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अक्तूबर में पाकिस्तान में होने वाली दो दिनी शंघाई कॉपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है. इस पहलू का जिक्र करते हुए बासित ने कहा कि अब टीम इंडिया का चैंपियंस ट्रॉफी में भाग लेना पीएम नरेंद्र मोदी के ऊपर निर्भर करता है. अगर मोदी पाकिस्तान आते हैं, तो टीम इंडिया चैंपियंस ट्रॉफी में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान आ सकती है. अगर ऐसा नहीं होता है, तो फिर गेंद आईसीसी के पाले में होगी और जय शाह को यह फैसला लेने में बहुत ज्यादा मुश्किल आएगी.