गौतम गंभीर को हाल ही में टीम इंडिया के टेस्ट स्क्वाड से बाहर कर दिया गया था...
खास बातें
- गौतम गंभीर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट में वापसी की थी
- वापसी पर उनको दो टेस्ट मैच ही खेलने को मिले
- उन्होंने आखिरी टेस्ट इंग्लैंड से राजकोट में खेला
नई दिल्ली: बाएं हाथ के ओपनर गौतम गंभीर के लिए कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. उन्होंने टीम इंडिया की ओर से हाल ही में वापसी की थी और अच्छा पर्दर्शन भी किया था, लेकिन जैसे ही नियमित ओपनरों की चोट की समस्या ठीक हुई, तो उन्हें टीम से फिर बाहर कर दिया गया. उन्हें न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ एक-एक टेस्ट खेलने का मौका मिला, जिसमें उन्होंने एक फिफ्टी बनाई और आक्रामक खेल भी दिखाया. अब उनके लिए एक और बुरी खबर है. गौतम गंभीर के हाथों से दिल्ली वनडे टीम की कप्तानी छिन गई है.
दिल्ली के चयनकर्ताओं ने गौतम गंभीर को टीम इंडिया के वनडे और टी-20 स्क्वाड में नहीं चुने जाने को ध्यान में रखते हुए कड़ा फैसला लिया और उनसे कप्तानी छीन ली. गौरतलब है कि छोटे फॉर्मेट में गंभीर की कप्तानी में कोलकाता नाइडराइडर्स ने आईपीएल में शानदार प्रदर्शन किया था. फिर भी उन्हें दिल्ली वनडे टीम की कप्तानी के लायक नहीं समझा गया और उनके हाथ से कमान लेकर युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को सौंप दी.
पता चला है कि चयन समिति के अध्यक्ष अतुल वासन ने खुद गंभीर से बात करके उन्हें चयन समिति के फैसले से अवगत कराया. पूर्व भारतीय स्पिनर और वर्तमान के दिल्ली के चयनकर्ता निखिल चोपड़ा ने पीटीआई से कहा, ‘‘विजय हजारे वनडे टूर्नामेंट सत्र का आखिरी टूर्नामेंट होगा और यह हमारे पास यह देखना का सुनहरा अवसर होगा कि कौन टीम की अगुवाई करने के लिए सर्वश्रेष्ठ उम्मीद्वार हो सकता है. हम इन वर्षों में किसी ऐसे खिलाड़ी को नहीं ढूंढ पाये थे जो गौतम की जगह ले सके.’’
उन्होंने कहा, ‘‘विजय हजारे ट्रॉफी से हमें ऋषभ के कप्तानी कौशल को परखने का मौका मिलेगा. गौतम और अन्य सीनियर की मौजूदगी में उन्हें काफी मदद मिलेगी. अतुल ने गौतम से बात की और उन्हें विश्वास में लिया गया था. ’’इक्कीस वर्षीय पंत ने हाल में इंग्लैंड के खिलाफ भारत की सीनियर टीम की तरफ से पदार्पण किया था.
(इनपुट एजेंसी से भी)