नई दिल्ली:
श्रीलंका में होने वाले ट्वेंटी-20 विश्व कप के लिए फिर से भारतीय टीम के उप कप्तान नियुक्त किए गए गौतम गंभीर ने कहा है कि नए पद से टीम के प्रति उनकी जिम्मेदारी और प्रतिबद्धता नहीं बदलेगी।
गंभीर ने फिर से उप कप्तान बनाए जाने के बारे में कहा, ‘पद बदलने से टीम के प्रति आपकी जिम्मेदारी और प्रतिबद्धता नहीं बदल जाती। मैं अपनी उप कप्तानी के कारण टीम में नहीं हूं। मैं रन बनाने और देश के लिए मैच जीतने को टीम में हूं।’
गंभीर ने युवराज सिंह और हरभजन सिंह की टीम में वापसी का स्वागत किया। उन्होंने कहा, ‘युवराज मैच विजेता है और उसकी टीम में वापसी सुखद है। जहां तक युवराज की वापसी से ड्रेसिंग रूम में माहौल जीवंत होने की बात है तो मैं समझता हूं कि यह एक किसी खास व्यक्ति पर निर्भर नहीं होता है यह सामूहिक प्रयास से होता है।’
हरभजन के बारे में उन्होंने कहा, ‘मुझे खुशी है कि हरभजन टीम में हैं क्योंकि बड़े टूर्नामेंट में आपको उस जैसे खिलाड़ियों की जरूरत पड़ती है। मैं ऐसा इसलिए नहीं कह रहा हूं कि उसने 98 टेस्ट और 229 वनडे खेले हैं। वह बड़े मैचों में अच्छा प्रदर्शन करता है।’
गंभीर से जब पूछा गया कि पीयूष चावला को इसलिए टीम में लिया गया क्योंकि उसे विश्व कप के लिए भाग्यशाली माना जाता है, उन्होंने कहा, ‘मैं भाग्य या भाग्यशाली शुभंकर पर विश्वास नहीं करता। मेरा सिर्फ इतना मानना है कि शीर्ष स्तर पर आपको कड़ी मेहनत से ही सफलता मिलती है। मैं हमेशा से मानता रहा हूं कि कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है।’
गंभीर ने फिर से उप कप्तान बनाए जाने के बारे में कहा, ‘पद बदलने से टीम के प्रति आपकी जिम्मेदारी और प्रतिबद्धता नहीं बदल जाती। मैं अपनी उप कप्तानी के कारण टीम में नहीं हूं। मैं रन बनाने और देश के लिए मैच जीतने को टीम में हूं।’
गंभीर ने युवराज सिंह और हरभजन सिंह की टीम में वापसी का स्वागत किया। उन्होंने कहा, ‘युवराज मैच विजेता है और उसकी टीम में वापसी सुखद है। जहां तक युवराज की वापसी से ड्रेसिंग रूम में माहौल जीवंत होने की बात है तो मैं समझता हूं कि यह एक किसी खास व्यक्ति पर निर्भर नहीं होता है यह सामूहिक प्रयास से होता है।’
हरभजन के बारे में उन्होंने कहा, ‘मुझे खुशी है कि हरभजन टीम में हैं क्योंकि बड़े टूर्नामेंट में आपको उस जैसे खिलाड़ियों की जरूरत पड़ती है। मैं ऐसा इसलिए नहीं कह रहा हूं कि उसने 98 टेस्ट और 229 वनडे खेले हैं। वह बड़े मैचों में अच्छा प्रदर्शन करता है।’
गंभीर से जब पूछा गया कि पीयूष चावला को इसलिए टीम में लिया गया क्योंकि उसे विश्व कप के लिए भाग्यशाली माना जाता है, उन्होंने कहा, ‘मैं भाग्य या भाग्यशाली शुभंकर पर विश्वास नहीं करता। मेरा सिर्फ इतना मानना है कि शीर्ष स्तर पर आपको कड़ी मेहनत से ही सफलता मिलती है। मैं हमेशा से मानता रहा हूं कि कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है।’
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