
इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारत को पहली जीत दिलाने वाले पूर्व क्रिकेट कप्तान अजीत वाडेकर का लंबी बीमारी के बाद मुंबई में बुधवार को निधन हो गया. वह 77 वर्ष के थे. उनके परिवार में पत्नी रेखा के अलावा दो बेटे और एक बेटी है. वाडेकर ने दक्षिण मुंबई के जसलोक अस्पताल में अंतिम सांस ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाडेकर को महान बल्लेबाज, शानदार कप्तान और प्रभावी क्रिकेट प्रशासक बताते हुए उनके निधन पर शोक जताया है. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, “अजित वाडेकर को भारतीय क्रिकेट में उनके महान योगदान के लिए याद किया जाएगा. महान बल्लेबाज और शानदार कप्तान जिन्होंने हमारी टीम को क्रिकेट के इतिहास की कुछ सबसे यादगार जीत दिलाई. वह प्रभावी क्रिकेट प्रशासक भी थे. उनके जाने का दुख है. वाडेकर की गिनती भारत के सफल कप्तानों में होती है. वह बाएं हाथ के बल्लेबाज व कुशल फील्डर थे. भाारतीय टीम के कोच का पद भी उन्होंने संभाला. आइए जानते है वाडेकर के जीवन और क्रिकेट करियर के बारे में 10 खास बातें...
Sad moment for Indian cricket to lose one of its most successful captains. Shrewd to the core. Condolences to the entire family #TeamIndia #RIPAjitWadekar pic.twitter.com/0xC0fv3Ark
— Ravi Shastri (@RaviShastriOfc) August 15, 2018
इंग्लैंड के खिलाफ वह टेस्ट मैच, जिसने बदल दी थी भारतीय टीम की पहचान
1. अजीत वाडेकर का जन्म 1 अप्रैल 1941 को बंबई (अब मुंबई) में हुआ. वे बाएं हाथ के आक्रामक बल्लेबाज होने के अलावा बेहतरीन फील्डर भी थे.
2. वाडेकर का इंटरनेशनल करियर आठ वर्ष का रहा. वे भारतीय क्रिकेट टीम के एकमात्र ऐसे कप्तान थे, जिन्होंने लगातार तीन सीरीज में टीम को जीत दिलाई, इनमें इंग्लैंड और वेस्टइंडीज की धरती पर भारत की जीत शामिल है.
3. अजीत लक्ष्मण वाडेकर ने 37 टेस्ट मैच खेलकर 31.07 की औसत से 2113 रन बनाए. अपना एकमात्र शतक उन्होंने 1967-68 में न्यूजीलैंड के विरुद्ध (143 रन) लगाया था. वाडेकर अपने टेस्ट करियर के दौरान चार बार 90 या अधिक रन बनाकर आउट हुए.
4. अजीत भारतीय वनडे क्रिकेट टीम के पहले कप्तान थे. हालांकि उनका वनडे इंटरनेशनल करियर केवल दो मैच का ही रहा. दो वनडे मैचों में उन्होंने 36.50 के औसत से 73 रन बनाए जिसमें 67 रन का सर्वोच्च स्कोर शामिल है.
इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में भारतीय थके हुए लग रहे थे : अजीत वाडेकर
5. वाडेकर 1990 के दशक में मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी के दौरान भारतीय टीम के मैनेजर कम कोच भी रहे. अजहर और वाडेकर की जुगलबंदी में भारत ने टेस्ट क्रिकेट में कई शानदार जीत हासिल कीं. अनिल कुंबले , वेंकटपति राजू और राजेश चौहान की स्पिन तिकड़ी ने इस दौर में अपनी फिरकी से भारत के लिए शानदार प्रदर्शन किया. वाडेकर बाद में चयन समिति के अध्यक्ष भी रहे.
With a heavy heart we bid adieu to Ajit Wadekar. The former India captain is no more. Cricketer, Coach, Manager and Chairman of Selectors - Mr Wadekar served Indian cricket in many different ways. pic.twitter.com/6zdFtleXB9
— BCCI (@BCCI) August 15, 2018
6. भले ही टेस्ट क्रिकेट में वाडेकर का करियर और बल्लेबाजी औसत बहुत प्रभावी नहीं रहा लेकिन घरेलू क्रिकेट में उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से मुंबई को कई जीतें दिलाईं. उन्होंने 1966-67 के रणजी ट्रॉफी मैच में 323 का सर्वश्रेष्ठ स्कोर मैसूर के विरुद्ध बनाया था. उन्होंने 237 मैचों में 47. 03 के औसत से 15 हजार 380 रन बनाए, जिसमें 36 शतक और 84 अर्धशतक शामिल रहे.
7. वाडेकर ने कुल 18 दलीप ट्रॉफी मैच खेले जिनमें छह में वह वेस्ट जोन के कप्तान रहे. उन्होंने छह बार बम्बई टीम की कप्तानी भी की। वाडेकर ने इंग्लैंड के 1967 के दौरे पर काउंटी मैचों में 835 रन बनाए.
8. वाडेकर की गिनती उनके दौरे के बेहतरीन फील्डरों में की जाती थी. स्लिप के क्षेत्ररक्षण में तो वे बेजोड़ थे. उनके रिफ्लेक्सेस बेहद तेज थे और भारतीय स्पिनरों की गेंदबाजी पर उन्होंने कई बेहतरीन कैच लपके. 37 टेस्ट में 46 कैच उनके नाम पर दर्ज हैं. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उन्होंने 271 कैच लिए.
9. महान ओपनर सुनील गावस्कर ने अजीत वाडेकर की कप्तानी में अपने इंटरनेशनल करियर का आगाज किया. उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने वर्ष 1970-71 में वेस्टइंडीज के खिलाफ उसके ही मैदान पर टेस्ट सीरीज जीतने का कारनामा किया.
10. वाडेकर भारत के ऐसे पहले कप्तान रहे जिनके नेतृत्व में भारतीय टीम ने इंग्लैंड को उसके ही मैदान में टेस्ट सीरीज हराने का करिश्मा किया. वेस्टइंडीज और इंग्लैंड को उसके मैदान पर हराने के बाद उनकी कप्तानी में भारत ने अपने मैदान पर इंग्लैंड को 2-1 से हराकर सीरीज जीत की हैट्रिक पूरी की.