टीम इंडिया कप्तान धोनी अपील करते हुए (फोटो सौजन्य : एपी)
नई दिल्ली: हिमाचल के धर्मशाला में गांधी-मंडेला फ्रीडम सीरीज के पहले मैच में दक्षिण अफ्रीका ने टीम इंडिया पर सात विकेटों से शानदार जीत दर्ज की। टीम इंडिया ने कुछ चूक न की होती तो आज इस पहले टी-20 मैच में जीत उसकी होती और गांधी जयंती के दिन देशवासी खुशी में झूम रहे होते, लेकिन ऐसा हो न सका। टीम इंडिया किन्ही कारणों से हार गई। उसके हार के कारणों का विश्लेषण...
हार के पांच कारण
1. लचर गेंदबाजी
भारत की आज की हार का सबसे बड़ा कारण टीम इंडिया की लचर गेंदबाजी को माना जा सकता है। टीम के बल्लेबाजों ने भले ही कुछ कसक छोड़ दी थी, लेकिन मैच को जिताने का काम गेंजबाद बखूबी निभा सकते थे। हुआ कुछ उल्टा और सिर्फ आर अश्विन को छोड़ दें तो बाकी सब गेंदबाज एकदम नाकाबिल साबित हुए।
मात्र अश्विन का गेंदबाजी अवसत 6.50 रन प्रति ओवर का रहा जबकि सब गेंदबाजों का औसत 10 रन प्रति ओवर के ऊपर रहा। नए गेंदबाज श्रीनाथ अरविंद सबसे महंगे गेंदबाज साबित हुए। उनका औसत 12 रन का रहा तो अक्षर पटेल 11.25 की औसत के साथ दूसरे सबसे महंगे गेंदबाज रहे। भुवनेश्वर कुमार और मोहित शर्मा ने 10 रन प्रति ओवर की दर से पिटाई खाई।
2. हरभजन सिंह को बाहर रखना नुकसानदायक रहा
टीम इंडिया की हार का एक अन्य कारण स्पिन गेंदबाजी के एक्सपर्ट हरभजन सिंह को प्लेइंग इलेवन में न रखना भी साबित हुआ। तमाम आलोचकों का मानना है कि जब हरभजन सिंह की टी-20 टीम में वापसी ही एक एक्सपर्ट ऑफ स्पिन गेंदबाज के रूप में हुई थी तो उन्हें मैदान में उतारा जाना चाहिए था। नए गेंदबाज की जगह उनके तजुर्बे को तवज्जो दी जानी चाहिए थी। मैदान पर एक ओवर में अक्षर पटेल ने तीन छक्के जैसे ही पिटाए वहीं से टीम इंडिया की ओर हार ने दस्तक देना आरंभ कर दिया था।
3. खराब फील्डिंग हमेशा से टीम इंडिया की कमजोरी रही
ऐसे तमाम मौके और मैच रहे जहां पर टीम इंडिया की हार का कारण खराब फील्डिंग को बताया गया। तमाम ट्रेनिंग के बावजूद टीम इंडिया इस पहलू में सुधार नहीं पाई है। आज भी मैदान पर विराट कोहली ने एक अहम कैच छोड़ा और जब बात एक-एक रन और एक-एक विकेट की हो तो ऐसे में कैच छूटना हार के कारण बन जाते हैं। वहीं, बाउंड्री पर भी कई रन जो रोके जा सकते थे, उन्हें भी रोका नहीं जा सका। प्रयास अधूरा सा ही दिखा।
4. बल्लेबाजों ने ठीक से काम पूरा नहीं किया
आज के मैच में भले ही भारत ने 20 ओवरों में 199 रन का लक्ष्य दिया हो लेकिन, पूरे मैच पर भारत की बल्लेबाजी पर नजर डाले तो यह साफ दिखेगा कि टीम इंडिया आज जो लक्ष्य दे सकती थी वह नहीं खड़ा कर पाई। 15वें ओवर से 19वें ओवर के बीच भारत ने चार अहम विकेट गंवा दिए। इनमें से एक भी बल्लेबाज क्रीज पर कुछ देर टिकता तो 10-15 रन की जो कसक रह गई वो पूरी हो जाती और टीम को हार का मुंह न देखना पड़ता। अंतिम ओवर में भी विकेट के रहते रन बनाने की ललक दिखनी चाहिए वो नहीं दिखी। इसलिए कहा जा सकता है कि अक्षर पटेल, कप्तान महेंद्र सिंह धोनी, सुरेश रैना अपना पूरा योगदान देने में नाकाम रहे।
5. कप्तान धोनी कुछ दबाव में दिखे
टीम इंडिया में कप्तानी के बदलाव पर आए दिन खबरें आ रही हैं। टीम प्रबंधन, टीम से जुड़े लोग और पूर्व सेलेक्टरों से लेकर तमाम पूर्व क्रिकेटर अपने-अपने अंदाज में तर्कों को पेश कर कप्तानी के मामले में धोनी की आलोचना से लेकर तारीफ भी करते दिखते हैं।
आलोचना और तारीफ तक तो बात ठीक है, लेकिन जब टेस्ट कप्तान विराट कोहली को टी-20 और वनडे की कप्तानी सौंपने की बात होने लगती है तो कप्तान धोनी के फैसले से लेकर उनकी कप्तानी के कौशल पर प्रश्न लगने लगते हैं। अब जब मौसन ऐसा ही चल रहा है तो इस सबका असर धोनी की कप्तानी पर दिखाई दे रहा है। आज के मैच में कप्तान धोनी दबाव में दिखे। मैदान पर टेस्ट कप्तान कोहली जहां अकसर गेंदबाजों को सलाह देखे दिखते रहे हैं, वहीं धोनी गेंदबाजों से कोई बात नहीं करते दिखे।
कहते हैं कि मैदान पर कोहली गेंदबाजों को अकसर सलाह देते रहते हैं जो धोनी क्यों नहीं करते उनसे बेहतर कोई नहीं बता सकता।
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